चौदहवीं पहेली – अहिंसा से हिंसा पर वापसी
‘‘हिंसा से अहिंसा तक’’ अहिंसा की कहानी का मात्र एक भाग है। कहानी का एक दूसरा हिस्सा भी है, जिसकी व्याख्या ‘‘अहिंसा से हिंसा पर… Read More »चौदहवीं पहेली – अहिंसा से हिंसा पर वापसी
‘‘हिंसा से अहिंसा तक’’ अहिंसा की कहानी का मात्र एक भाग है। कहानी का एक दूसरा हिस्सा भी है, जिसकी व्याख्या ‘‘अहिंसा से हिंसा पर… Read More »चौदहवीं पहेली – अहिंसा से हिंसा पर वापसी
यदि हम प्राचीन आर्यों की आदतों और सामाजिक व्यवहारों की तुलना परवर्ती हिंदू समाज से करते हैं तो परिवर्तनों के संदर्भ में हम आश्चर्यजनक सामाजिक… Read More »तेरहवीं पहेली – अहिंसा की पहेली
सामान्यतः देवताओं की उपासना सभी करते हैं, परन्तु देवियों की पूजा अनोखी होती है इसका कारण यह है कि देवता सामान्यतः अविवाहित होते हैं और… Read More »बारहवीं पहेली – ब्राह्मणों ने देवताओं का मुकुट क्यों उतारा और देवियों की ताजपोशी की ?
हिंदुओं को मूर्तिपूजक होने का दोषी ठहराया जाता है। परन्तु मूर्तिपूजा में कोई हर्ज नहीं। मूर्ति बनाना और बनाना और देवताओं के चित्र बनाना समान… Read More »ग्यारहवीं पहेली – ब्राह्मणों ने देवताओं का उत्थान-पतन क्यों किया ?
विश्व के संबंध में हिंदुओं का तत्वज्ञान त्रिमूर्ति पर आधारित है। उनके अनुसार विश्व की तीन स्थितियाँ हैं। सृष्टि, पालन और संहार। यह एक अविरल… Read More »दसवीं पहेली – ब्राह्मणों ने हिंदू देवताओं को एक-दूसरे से क्यों लड़ाया ?
पिछले अध्याय में हमने देखा कि मूलतः उपनिषद वेदों का अंग नहीं थे और सिद्धांतों की दृष्टि से दोनों परस्पर विरोधी हैं। वेदों और उपनिषदों… Read More »नौवीं पहेली – उपनिषद वेदों के अधीनस्थ कैसे बने ?
वेदों के संदर्भ में उपनिषदों की स्थिति क्या है? क्या उनका एक-दूसरे के प्रति सौहार्द है या फिर प्रतिस्पर्धा? सचमुच कोई हिंदू अब यह स्वीकार… Read More »आठवीं पहेली – वेद विरुद्ध उपनिषदों का घोषित युद्ध
वैदिक ब्राह्मण वेदों को संशय-रहित कहने से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने एक कदम आगे बढ़कर कहा कि वेद अपौरुषेय हैं। इसका अर्थ है वेद मनुष्यों… Read More »पांचवी पहेली – ब्राह्मणों की इस माया की क्या तुलना कि वेद न मनुष्य रचित है न भगवान की सृष्टि ?
यह कहना कि वेदों का हिंदू धार्मिक ग्रंथों में बहुत उच्च स्थान है, एक थोथा प्रचार है। यह कथन कि वेद हिंदुओं का पवित्र साहित्य… Read More »चौथी पहेली – ब्राह्मणों ने सहसा क्यों घोषित किया कि वेद, संशयरहित और असंदिग्ध हैं ?