10. विराट पर्व और उद्योग पर्व की विश्लेषणात्मक टिप्पणियां
कौरवों ने पांडवों के अस्तित्व का पता लगाने के लिए गुप्तचर भेजे, परंतु वे गुप्तचर दुर्योधन के पास लौट आते हैं और बताते हैं… Read More »10. विराट पर्व और उद्योग पर्व की विश्लेषणात्मक टिप्पणियां
कौरवों ने पांडवों के अस्तित्व का पता लगाने के लिए गुप्तचर भेजे, परंतु वे गुप्तचर दुर्योधन के पास लौट आते हैं और बताते हैं… Read More »10. विराट पर्व और उद्योग पर्व की विश्लेषणात्मक टिप्पणियां
‘एसेज आन दि भगवत्गीता’ (भगवत्गीता पर निबंध) के पहले पृष्ठ पर डॉ- अम्बेडकर ने अपने हस्ताक्षर कर रखे हैं। अगले बयालीस पृष्ठों में विराट पर्व… Read More »9. कृष्ण और उनकी गीता
इकसठ पृष्ठों की टाइप की हुई मूल अंग्रेजी की पांडुलिपि की उपलब्ध दूसरी प्रति में डॉ- अम्बेडकर द्वारा स्वयं जो शुद्धियां और संशोधन किए गए… Read More »8. हिंदू समाज के आचार-विचार
डॉ- बाबासाहेब अम्बेडकर सोर्स मैटिरियल पब्लिकेशन कमेटी को पृष्ठ छह से चौदह और पृष्ठ सत्रह से उनतालीस तक मूल अंग्रेजी के इस निबंध के बिखरे… Read More »6. ब्राह्मण साहित्य
डॉ- बाबासाहेब अम्बेडकर सोर्स मैटिरियल पब्लिकेशन कमेटी को ‘दि ट्रम्फ ऑफ ब्राह्मेनिज्म’ (ब्राह्मणवाद की विजय) शीर्षक के अंतर्गत केवल तीन टंकित पृष्ठ प्राप्त हुए थे।… Read More »7. ब्राह्मणवाद की विजय: राजहत्या अथवा प्रतिक्रांति का जन्म
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर सोर्स मैटिरियल पब्लिकेशन कमेटी को मूल अंग्रेजी की पांडुलिपि में फुलस्केप टाइप किए हुए इक्कीस पृष्ठ प्राप्त हुए थे। प्रथम पृष्ठ पर… Read More »12. शूद्र और प्रतिक्रांति
डॉ- भीमराव अम्बेडकर ने अंग्रेजी में लिखित ‘रिवोल्यूशन एंड काउंटर-रिवोल्यूशन’ विषयक शोध के एक अंग के रूप में ‘दि डिक्लाइन एंड फाल आफ बुद्धिज्म’ (बौद्ध… Read More »5. बौद्ध धर्म की अवनति तथा पतन
प्राचीन आर्यों के समाज में पुरोहिताई के व्यवसाय पर ब्राह्मणों का एकाधिकार था। ब्राह्मणों को छोड़कर कोई अन्य पुरोहित नहीं बन सकता था। धर्म के… Read More »3. गर्त में डूबा पुरोहितवाद
मूल अंग्रेजी में इस अध्याय के टाइप किए हुए ग्यारह पृष्ठ एक फाइल में बंधे हुए थे। अंतिम पृष्ठ से पता चलता है कि यह… Read More »2. प्राचीन शासन प्रणाली: आर्यों की सामाजिक स्थिति
प्रस्तुत अध्याय की मूल अंग्रेजी में टाइप की हुई दो प्रतिलिपियां हैं। दोनों प्रतिलिपियों में बाबासाहेब की लिखावट में कुछ वृद्धि तथा संशोधन किया गया… Read More »1.प्राचीन भारत के इतिहास पर प्रकाश