अध्याय – 5 – रानाडे, गांधी और जिन्ना
एक सुधारक के रूप में उनका मार्ग सरल व निष्कंटक नहीं था। वह अनेक दिशाओं से अवरुद्ध था। जिन लोगों को वह सुधारना चाहते थे,… Read More »अध्याय – 5 – रानाडे, गांधी और जिन्ना
एक सुधारक के रूप में उनका मार्ग सरल व निष्कंटक नहीं था। वह अनेक दिशाओं से अवरुद्ध था। जिन लोगों को वह सुधारना चाहते थे,… Read More »अध्याय – 5 – रानाडे, गांधी और जिन्ना
क्या रानाडे एक महापुरुष थे? उनका व्यक्तित्व निःसंदेह महान था। वह भीमकाय व्यक्ति थे। यह आशावादी स्वभाव, मिलनसार तथा हंसमुख मनोवृत्ति एवं बहुमुखी क्षमता वाले… Read More »अध्याय – 4 – रानाडे, गांधी और जिन्ना
महापुरुष किसे कहा जा सकता है? यदि पूछा जाए कि क्या सिकंदर, अत्तिला सीजर तथा तैमूरलंग जैसे शूरवीर योद्धा हैं, तो प्रश्न का उत्तर देना… Read More »अध्याय – 3 – रानाडे, गांधी और जिन्ना
पूना की डेक्कन सभा ने मुझे स्वर्गीय न्यायमूर्ति महादेव गोविन्द रानाडे के 101वें जन्मदिन पर एक भाषण देने के लिए आमंत्रित किया जिसे उन्होंने मनाने… Read More »प्रस्तावना
जय भीम दोस्तों, बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर की पुस्तके एवं लेखन को खोलने के लिए उस पर क्लिक करें – प्रस्तावना अध्याय – 1 अध्याय –… Read More »रानाडे, गांधी और जिन्ना
यह जिल्दबद्ध लेख टाईप किए हुए 87 पृष्ठ का है। अम्बट्ठ सुत्त पाण्डुलिपि के पृष्ठ संख्या 69 से आरम्भ होता है और पृष्ठ 70 के… Read More »4. सुधारक और उनकी नियति
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर सोर्स मैटिरियल पब्लिकेशन कमेटी को इस लेख की एक ऐसी प्रति उपलब्ध हुई, जिस पर शीर्षक ‘दि वूमेन एंड दि काउंटर-रिवोल्यूशन’ (नारी… Read More »13. नारी और प्रतिक्रांति
इसकी पांडुलिपि में टाइप किए हुए तेंतालीस फुलस्केप पृष्ठ हैं। इसके मूल शीर्षक ‘ब्राह्मिन्स एंड क्षत्रियाज एंड दि काउंटर-रिवोल्यूशन’ (ब्राह्मण व क्षत्रिय तथा प्रतिक्रांति) के… Read More »11. ब्राह्मण बनाम क्षत्रिय
कौरवों ने पांडवों के अस्तित्व का पता लगाने के लिए गुप्तचर भेजे, परंतु वे गुप्तचर दुर्योधन के पास लौट आते हैं और बताते हैं… Read More »10. विराट पर्व और उद्योग पर्व की विश्लेषणात्मक टिप्पणियां
‘एसेज आन दि भगवत्गीता’ (भगवत्गीता पर निबंध) के पहले पृष्ठ पर डॉ- अम्बेडकर ने अपने हस्ताक्षर कर रखे हैं। अगले बयालीस पृष्ठों में विराट पर्व… Read More »9. कृष्ण और उनकी गीता