खंड संख्या | विषय सूची | डाउनलोड करें |
1 | भाग-I जातिप्रथा 1. भारत में जातिप्रथा 1 2. जातिप्रथा-उन्मूलन 25 भाग-II भाषायी राज्यों के संबंधा में 3. महाराष्ट्र: एक भाषावार प्रांत 113 4. निरीक्षण तथा संतुलन के उपायों की आवश्यकता 149 5. भाषावार राज्यों के संबंधा में विचार 157 भाग-III नायक और नायक.पूजा 6. रानाडे, गांधीऔर जिन्ना 235 अनुक्रमणिका 289 |
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2 | भाग-I संवैधानिक सुधार 1. साउथबरो कमेटी के समक्ष दिया गया साक्ष्य 3 2. संघ बनाम स्वतंत्रता 41 3. सांप्रदायिक गतिरोधा और उसके समाधान के उपाय 123 4. राज्य और अल्पसंख्यक 153 भाग-II आर्थिक समस्याएं 5. भारत में छोटी जोतों की समस्या और उसका निवारण 229 6. श्री रसल की दृष्टि में सामाजिक पुनर्निर्माण 261 7. अनुक्रमाणिका 275 |
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3 | 1. बजट पर चर्चा 3 2. वित्त अधिनियम-संशोधन विधेयक 38 3. शिक्षा के लिए अनुदान 43 4. बंबई विश्वविद्यालय अधिनियम-संशोधन विधेयक 50 5. बंबई प्राथमिक शिक्षा अधिनियम-संशोधन विधेयक 68 6. बंबई वंशानुगत कार्य अधिनियम 75 7. खोती व्यवस्था उन्मूलन विधेयक 99 (‘खोती’ महाराष्ट्र में प्रचलित शब्द) 8. ग्राम पंचायत विधेयक 108 9. स्थानीय बोर्ड अधिनियम-संशोधन विधेयक 129 10. छोटे किसान राहत विधेयक 136 11. बंबई पुलिस अधिनियम-संशोधन विधेयक 146 12. बंबई नगरपालिका अधिनियम-संशोधन विधेयक 170 13. मद्यनिषेध 172 14. प्रसूति लाभ विधेयक 176 15. कोड़े लगाने की सजा 179 16. मंत्रियों के वेतन विधेयक 181 17. अपराधी परिवीक्षा विधेयक 191 18. तंबाकू शुल्क अधिनियम-संशोधन विधेयक 194 19. न्यायपालिका की स्वतंत्रता 196 20. पृथक कर्नाटक प्रांत का गठन 202 21. विधान सभा प्रक्रिया 212 22. औद्योगिक विवाद विधेयक 216 23. उपद्रव जांच समिति की रिपोर्ट 254 24. युद्ध में भागीदारी 259 परिशिष्ट I. जन्म-नियंत्रण के उपाय 285 II. डॉ- भीमराव अम्बेडकर द्वारा पूछे गए प्रश्न 302 III. विश्वविद्यालय सुधार समिति 321 अनुक्रमणिका 346 |
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4 | क. बंबई प्रेसिडेंसी की सरकार के गठन से संबंधित 3 1. प्रांत के क्षेत्र का पुनर्वितरण 5 2. प्रांतीय कार्यपालिका 12 3. प्रांतीय विधायिका 30 4. प्रांतीय स्वायत्तता 83 5. लोक सेवाएं 91 6. सिफ़ारिशों का सारांश 103 ख. दलित जातियों की शिक्षा 111 ग. दलित जातियों के हितों की रक्षा 135 घ. भारतीय सांविधिक आयोग के समक्ष 169 च. दलित वर्गों संबंधी भारतीय मताधिकार कमेटी 206 अनुक्रमणिका 218 |
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5 | 1. पूर्ण अधिवेशन 1 2. पूर्ण सम्मेलन की समिति (संघीय संरचना) 10 3. उप-समिति संख्या 2 (प्रांतीय संविधान) 13 4. उप-समिति संख्या 3 (अल्पसंख्यक) 30 5. उप-समिति संख्या 6 (मताधिकार) 61 6. पूर्ण सम्मेलन की समिति (रक्षा) 87 7. उप-समिति संख्या 8 (सेवाएं) 90 8. पूर्ण अधिवेशन (सामान्य पुनर्विलोकन) 108 9. संघीय संरचना समिति 113 10. अल्पसंख्यक समिति 173 11. भारतीय संवैधानिक सुधार समित 196 अनुक्रमणिका 339 |
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6 | भाग I 1. हिंदुत्व का दर्शन 3 भाग II 1. भारत तथा साम्यवाद की पूर्वापेक्षा 109 2. हिंदू समाज व्यवस्था: इसके मूलभूत सिद्धांत 111 3. हिंदू समाज व्यवस्था: इसकी अनोखी विशेषताएं 134 भाग III 1. हिंदुत्व के प्रतीक 151 2. अनुक्रमणिका 173 |
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7 | भाग-I प्राचीन भारत में क्रांति तथा प्रतिक्रांति 1. प्राचीन भारत के इतिहास पर प्रकाश 3 2. प्राचीन शासन प्रणाली: आर्यों की सामाजिक स्थिति 5 3. गर्त में डूबा पुरोहितवाद 10 4. सुधारक और उनकी नियति 18 5. बौद्ध धर्म की अवनति तथा पतन 91 6. ब्राह्मण साहित्य 103 7. ब्राह्मणवाद की विजय: राजहत्या अथवा प्रतिक्रांति का जन्म 134 8. हिंदू समाज के आचार-विचार 211 9. कृष्ण और उनकी गीता 240 10. विराट पर्व और उद्योग पर्व की विश्लेषणात्मक टिप्पणियां 266 11. ब्राह्मण बनाम क्षत्रिय 280 12. शूद्र और प्रतिक्रांति 304 13. नारी और प्रतिक्रांति 318 भाग-II 14. बुद्ध अथवा कार्ल मार्क्स 331 भाग-III 15. पुस्तक योजना 361 16. ग्रंथ-सूची 377 17. अनुक्रमणिका 383 |
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8 | भाग-I धार्मिक पहली पहेली : यह जानने में कठिनता कि कोई हिंदू क्यों है? 7 दूसरी पहेली : वेदों की उत्पत्ति-ब्राह्मणों की व्याख्या अथवा 11 वाग्जाल का एक प्रयास तीसरी पहेली : वेदों की उत्पत्ति पर अन्य शास्त्रें के साक्ष्य 13 चौथी पहेली : ब्राह्मणों ने सहसा क्यों घोषित किया कि वेद 19 संशयरहित और असंदिग्धा है? पांचवी पहेली : ब्राह्मणों की इस माया की क्या तुलना कि वेद 22 न मनुष्य रचित है न भगवान की सृष्टि? छठी पहेली : वेदों की विषय-सामग्री: क्या वे कोई नैतिक 31 अथवा आध्यात्मिक मूल्य रखते हैं? सातवीं पहेली : समय परिवर्तन या ब्राह्मण यह कैसे घोषित करते 51 हैं कि वेद उनके सभी शास्त्रें से तुच्छ हैं? आठवीं पहेली : वेद विरुद्ध उपनिषदों का घोषित युद्ध 59 नौवीं पहेली : उपनिषद वेदों के अधीनस्थ कैसे बने? 64 दसवीं पहेली : ब्राह्मणों ने हिंदू देवताओं को एक-दूसरे से क्यों 68 लड़ाया? ग्यारहवीं पहेली : ब्राह्मणों ने देवताओं का उत्थान-पतन क्यों किया? 77 बारहवीं पहेली : ब्राह्मणों ने देवताओं का मुकुट क्यों उतारा और 96 देवियों की ताजपोशी की? तेरहवीं पहेली : अहिंसा की पहेली 105 चौदहवीं पहेली : अहिंसा से हिंसा पर वापसी 110 पन्द्रहवीं पहेली : ब्राह्मणों ने अहिंसक देवता के साथ रक्त-पिपासु 114 देवी का विवाह क्यों किया? परिशिष्ट-1 : वेदों की पहेलियां 125 परिशिष्ट-2 : वेदांत की पहेली 147 परिशिष्ट-3 : त्रिमूर्ति की पहेली 156 परिशिष्ट-4 : स्मार्त धर्म तथा तांत्रिक धर्म 171 परिशिष्ट-5 : वेदों की निम्रन्तिता 177 |
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भाग-II सामाजिक सोलहवीं पहेली : चातुर्वर्ण्य – क्या ब्राह्मण अपनी उत्पत्ति से 182 परिचित हैं? सत्रहवीं पहेली : चार आश्रम – उनका कारण और परिणति 196 अठारहवीं पहेली : मनु का पागलपन या मिश्रित जातियों की 205 उत्पत्ति की ब्राह्मणवादी व्यवस्था उन्नीसवीं पहेली : पितृत्व से मातृत्व की ओर-ब्राह्मण इससे क्या 219 लाभ प्राप्त करना चाहते थे? बीसवीं पहेली : कलि वर्ज्य अथवा पाप को पापकर्म घोषित किए 225 बिना उसे वंचित करने की ब्राह्मणवादी कला परिशिष्ट-I : वर्णाश्रम धर्म की पहेली 229 परिशिष्ट-II : अनिवार्य वैवाहिक व्यवस्था 254 |
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भाग-III राजनैतिक इक्कीसवीं पहेली : मन्वतर का सिद्धांत 267 बाइसवीं पहेली : ब्रह्म धर्म नहीं है – ब्रह्मा किस काम का? 272 तेईसवीं पहेली : कलियुग – ब्राह्मणों ने इसे अनंत क्यों बनाया? 278 चौबीसवीं पहेली : कलियुग की पहेली 296 परिशिष्ट-I : राम और कृष्ण की पहेली 312 हस्तलिपि : 331-335 : ग्रंथ-सूची 337-338 : अनुक्रमणिका 339 |
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9 | भाग-I अस्पृश्य होने का अर्थ 1. अस्पृश्यता-उसका स्रोत 5 2. अस्पृश्य-उनकी संख्या 9 3. गुलाम-प्रथा और अस्पृश्यता 14 4. भारत की बहिष्कृत बस्तियां-अस्पृश्यता की केन्द्र-समाज से बाहर 27 5. मनुष्यों में रहने के अयोग्य 37 भाग-II दलित-उत्पीड़न 6. अस्पृश्यता और अराजकता 51 7. अराजकता कैसे जायज है? 84 भाग-III समस्या की जड़ें 8. विदेश के तदनुरूप उदाहरण 101 9. हिंदू और सार्वजनिक विवेक का अभाव 122 10. हिंदू और उनके सामाजिक विवेक का अभाव 129 11. हिंदू और जातिप्रथा में उसका अटूट विश्वास 137 भाग-IV अस्पृश्यों के रास्ते की अड़चनें 12. प्रशासन का दृष्टिकोण 143 13. भेदभाव की समस्या 149 14. अलग.थलग स्थिति की समस्या 154 परिशिष्ट 160 15. अनुक्रमणिका 171 |
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10 | भाग-I सामाजिक 1. सभ्यता या घोर असभ्यता 5 2. वह समाज जिसे हिंदुओं ने बनाया 27 3. हिंदू समाज की आधार-शिला 55 4. स्पृश्य बनाम अस्पृश्य 83 5. जातिप्रथा का अभिशाप 103 भाग-II राजनीतिक 6. करोड़ों की आबादी को नकारने का प्रयास 121 7. अस्पृश्यों का विद्रोह 141 8. असहाय स्थिति 155 9. उनकी कामनाएं हमारे लिए कानून हैं 169 10. श्री गांधी की छत्रछाया में 187 11. गांधी और उनका अनशन 235 12. अस्पृश्यों को चेतावनी 313 भाग-III धार्मिक 13. हिंदुओं से अलगाव 321 14. जातिप्रथा और धर्म-परिवर्तन 343 15. अस्पृश्यों का ईसाईकरण 349 16. धर्म-परिवर्तन करने वाले की स्थिति 373 अनुक्रमणिका 411 |
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11 | पुस्तक.1 ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रशासन और वित्त प्रबंध 5 भूमिका 53 प्राक्कथन 55 परिचय 57 भाग I प्रांतीय वित्त व्यवस्था: इसका आरंभ 1 साम्राज्यवादी व्यवस्था: इसका विकास और ह्रास 65 2 साम्राज्यवाद बनाम संघवाद 90 3 समझौता – साम्राज्यवादी प्रबंधा रहित साम्राज्यवादी वित्त व्यवस्था 100 भाग II प्रांतीय वित्त व्यवस्था (बजट): इसका विकास 4 नियत बजट 113 5 निर्दिष्ट राजस्व बजट 137 6 सांझा राजस्व बजट 157 भाग III प्रांतीय वित्त व्यवस्था: इसकी संरचना 7 प्रांतीय वित्त व्यवस्था की सीमाएं 205 8 प्रांतीय वित्त व्यवस्था का स्वरूप 219 9 प्रांतीय वित्त व्यवस्था का विस्तार 236 भाग IV भारत सरकार के अधिनियम 1919 के अधीन प्रांतीय वित्त 10 परिवर्तन की आवश्यकता 251 11 परिवर्तन का स्वरूप 273 12 परिवर्तन की समालोचना 311 ग्रंथ सूची 339 अनुक्रमणिका 341 |
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12 | प्राक्कथन- प्राफेसर ऐडविन केनन 1. दोहरे मानक से रजत मानक तक 15 2. रजत मानक और इसकी सममूल्यता का विस्थापन 61 3. रजत मानक और इसकी अस्थिरता के दोष 99 4. स्वर्ण मानक की ओर 131 5. स्वर्ण मानक से स्वर्ण विनिमय मानक तक 173 6. विनिमय मानक की स्थिरता 189 7. स्वर्ण मानक की ओर वापसी 255 8. विविध आलेख, वक्तव्य, साक्ष्य, समीक्षाएं 311 और भूमिकाएं आदि 9. अनुक्रमणिका 399 |
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13 | अध्याय 1. शूद्रों की गूढ़ समस्या 11 अध्याय 2. शूद्रों की उत्पत्ति का ब्राह्मणवादी सिद्धांत 27 अध्याय 3. शूद्रों की स्थिति के बारे में ब्राह्मणवादी सिद्धांत 33 अध्याय 4. शूद्र बनाम आर्य 53 अध्याय 5. आर्यों के विरुद्ध कार्य 73 अध्याय 6. शूद्र और दास 87 अध्याय 7. शूद्र कौन थे – क्या शूद्र क्षत्रिय थे? 99 अध्याय 8. वर्ण तीन हैं या चार? 117 अध्याय 9. ब्राह्मण बनाम शूद्र 123 अध्याय 10. शूद्रों का पतन 135 अध्याय 11. संधि की कथा 161 अध्याय 12. सिद्धांत की परख 175 परिशिष्ठ 179 अनुक्रमणिका 189 |
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14 | 1. गैर-हिन्दुओं में छुआछूत 11 2. हिन्दुओं में छुआछूत 19 भाग दो आवास की समस्या 3. अछूत गांव के बाहर क्यों रहते हैं? 35 4. क्या अछूत छितरे व्यक्ति हैं? 43 5. क्या ऐसे समानान्तर मामले हैं? 47 6. छितरे लोगों की अलग बस्तियां अन्यत्र कैसे विलुप्त हो गईं? 51 भाग तीन छुआछूत की उत्पत्ति के पुराने सिद्धांत 7. छुआछूत की उत्पत्ति का आधार-नस्ल का अंतर 55 8. छुआछूत की व्यवसाय जन्य उत्पत्ति 73 भाग चार छुआछूत की उत्पत्ति के नए सिद्धांत 9. बौद्धों का अपमान-छुआछूत का मूलाधार 79 10. गोमांस भक्षण-छुआछूत का मूलाधार 87 भाग पांच नए सिद्धांत और कुछ प्रश्न 11. क्या हिन्दू गोमांस कभी नहीं खाते थे? 93 12. गैर-ब्राह्मणों ने गोमांस खाना क्यों छोड़ा? 101 13. ब्राह्मण शाकाहारी क्यों बने? 107 14. गोमांस भक्षण से छितरे बहिष्कृत व्यक्ति अछूत कैसे बने? 125 भाग छः छुआछूत तथा उसका उत्पत्ति काल 15. अशुचि और अछूत 133 16. बहिष्कृत व्यक्ति अछूत कब हो गए? 145 17. अनुक्रमणिका 157 |
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15 | भाग – I पाकिस्तान के लिए मुस्लिम पक्ष अध्याय 1. लीग की मांगे क्या हैं? 3.10 2. एक राष्ट्र का अपने घर के लिए आह्वान 11.21 3. अधःपतन से मुक्ति 23.31 भाग – II पाकिस्तान के विरुद्ध हिंदू पक्ष 4. एकता का विघटन 35-50 5. रक्षा व्यवस्था में कमजोरी 51.87 6. पाकिस्तान और सांप्रदायिक शांति 89.111 भाग – III पाकिस्तान नहीं तो क्या? 7. पाकिस्तान का हिंदू विकल्प 115-186 8. पाकिस्तान का मुस्लिम विकल्प 187.196 9. विदेशों से सीख 197.213 भाग – IV पाकिस्तान और व्याधियां 10. सामाजिक निष्क्रियता 217.244 11. सांप्रदायिक आक्रामकता 245-267 12. राष्ट्रीय कुंठा 269.350 भाग – V 13. क्या पाकिस्तान बनना चाहिए? 353.375 14. पाकिस्तान की समस्याएं 377.393 15. कौन निर्णय कर सकता है 395-412 उपसंहार 413.422 परिशिष्ट 423.480 अनुक्रमणिका 481.484 मानचित्र 485-487 |
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16 | अध्याय 1. अनोखी घटना 1 2. तुच्छ प्रदर्शन 21 3. तुच्छ चालें 45 4. घृणित समर्पण 109 5. राजनीतिक दान 135 6. एक झूठा दावा 157 7. झूठा आरोप 179 8. वास्तविक मुद्दा 193 9. विदेशियों से आग्रह 209 10. अस्पृश्य क्या कहते हैं? 245 11. गांधीवाद 281 12. परिशिष्ट 307 13. अनुक्रमणिका 399 |
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17 | अध्याय 1. अछूतों की कुल जनसंख्या 1 2. अछूतों का महत्व 3 3. अछूतों की राजनीतिक मांगें 5 4. हिंदुओं का विरोध 9 5. संयुक्त बनाम पृथक मतदान 13 6. कार्यपालिका 17 7. सरकारी सेवाएं 19 8. अलग बस्तियां 21 9. जाति और संविधान 25 10. हिंदुओं और उनके मित्रों से कुछ प्रश्न 29 परिशिष्ट 37 अनुक्रमणिका 85 |
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18 | डॉ. बी. आर. अम्बेडकर.जीवन.झाँकी XIV वाइसराय की कौंसिल में श्रम-सदस्य के रूप में नियुक्ति XXII अध्याय 1. श्रम संबंधी कानून में एकरूपता 3 2. भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग की उपयोगिता शाखा की सलाहकार समिति के लिए एक सदस्य का निर्वाचन 11 3. भारत की स्थिति 13 4. भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग की उपयोगिता शाखा की सलाहकार समिति के लिए एक सदस्य का निर्वाचन 22 5. भारतीय-श्रमिक युद्ध जीतने के लिए क्यों दृढ़ संकल्प हैं 27 6. कागज नियंत्रण आदेश 35 7. कामगारों को अपर्याप्त मंहगाई भत्ता दिए जाने के संबंध में घोषणा 40 8. भारतीय वित्त विधेयक 43 9. श्रम विभाग की स्थायी समिति के लिए सदस्यों का निर्वाचन 49 10. भारतीय चाय नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 52 11. युद्ध आहत (मुआवजा बीमा) विधेयक 57 12. कुशल और अर्ध-कुशल कार्मिकों के लिए रोजगार कार्यालय 66 13. भारतीय बॉयलर्स (संशोधन) विधेयक 69 14. मोटर वाहन (चालक) संशोधन विधेयक 72 15. खदान प्रसूति लाभ (संशोधन) विधेयक 75 16. युद्ध-आहत (मुआवजा बीमा) विधेयक 77 17. पूर्ण श्रम सम्मेलन का प्रथम सत्र 88 18. मजदूर और संसदीय लोकतंत्र 95 19. भारतीय मजदूर संघ (संशोधान) विधेयक 102 20. भारत में विद्युत शक्ति का युद्धोत्तर विकास 110 21. श्रम सदस्य की झरिया की कोयला-खानों की यात्र 120 22. श्रम सदस्य की कोयला-खानों की यात्र 121 23. भारत में श्रम कल्याण को प्रोत्साहन 126 24. कोयले की खानों में भूमिगत कार्यों में महिलाओं की नियुक्ति पर लगाए गए प्रतिबंधा का उठाया जाना 130 25. कोयला खान सुरक्षा (लदान) संशोधान विधेयक 135 26. श्रमिकों के प्रति सकरार की नीति 139 27. विविधा विभाग 148 28. नई दिल्ली में मस्जिदों का संरक्षण 150 29. कारखाना (संशोधान) विधेयक 153 30. कोयला खान कल्याण कोष संबंधीपरामर्श समिति 157 31. अभ्रक उद्योग को सुदृढ़ और स्थिर बनाया जाएगा 160 32. स्थायी श्रम समिति में मजदूर संघों की मान्यता पर विचार 165 33. कुशल श्रमिकों को युद्धोपरांत रोजगार 168 34. त्रिपक्षीय श्रम सम्मेलन का पूर्ण अधिवेशन 175 35. कारखाना (दूसरा संशोधान) विधेयक 187 36. वेतन भुगतान (संशोधान)विधेयक 196 37. दामोदर घाटी योजना: कलकत्ता सम्मेलन 204 38. युद्धोत्तर बिजली विकास 209 39. भारत के खनिज साधनों पर सरकार की नीति 218 40. भारत सरकार की श्रम नीति 223 41. खानों की महिलाओं को भूमिगत काम देने पर से हटाए गए प्रतिबंधा को फिर लगाए जाने की आवश्यकता 232 42. श्रम विभाग: अनुपूरक मांग के संबंध में 239 43. खदान प्रसूति लाभ (संशोधान) विधेयक 243 44. कारखाना (दूसरा संशोधान) विधेयक 246 45. खदान प्रसूति लाभ (संशोधान) विधेयक 252 46. औद्योगिक कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा 254 47. राष्ट्रीय सेवा श्रम न्यायाधिकरण का युद्ध कार्य 256 48. दामोदर घाटी का बहुउद्देशीय विकास 260 49. भारत के औद्योगक कर्मचारियों के लिए आवास व्यवस्था 266 50. श्रमिकों के प्रति सरकारी दायित्व 268 51. उड़ीसा की नदियों के विकास की बहुउद्देशीय योजना 276 52. छंटनी के बारे में रेलवेमेंस फेडरेशन की मांग अस्वीकृत 285 53. दामोदर घाटी परियोजना चलाने के लिए गांवों को खाली कराने का प्रस्ताव 289 54. कर्मचारी क्षतिपूर्ति (संशोधान) विधेयक 292 55. भारतीय खान (संशोधान) विधेयक 295 56. कारखाना (संशोधान) विधेयक 298 57. पुनर्वास योजनाएं 305 58. कर्मचारी कल्याण और सामाजिक सुरक्षा 309 59. मुसलमानों की स्थिति श्रम विभाग में बेहतर है 313 60. भारतीय वित्त विधेयक 321 61. कलकत्ता में गवर्नमेंट आफ इंडिया प्रेस के कर्मचारियों की हड़ताल 330 62. कारखाना (संशोधान) विधेयक 333 63. अभ्रक खान श्रमिक कल्याण कोष विधेयक 339 64. औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) विधेयक 352 65. अभ्रक खान श्रमिक कल्याण कोष विधेयक 358 66. विविधा 360 67. अनुक्रमणिका 370 |
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19 | भाग-1 अनुसूचित जातियों की शिकायतें अध्याय 1. राजनीतिक शिकायतें 5 2. शैक्षिक शिकायतें 27 3. अन्य शिकायतें 34 4. पीड़ित लोगों के प्रति सरकार का कर्तव्य 38 भाग-2 सत्ता हस्तान्तरण संबंधी महत्वपूर्ण पत्र-व्यवहार 1. सर एस. क्रिप्स की टिप्पणी 46 2. डा. अम्बेडकर और श्री राजा का सर एस. क्रिप्स को पत्र 48 3. सर आर. लुमले का मार्केस ऑफ़ लिनलिथगो को पत्र 50 4. क्रिप्स प्रस्ताव 53 5. क्रिप्स प्रस्तावों पर डा. अम्बेडकर का वक्तव्य 56 6. मार्केस ऑफ़ लिनलिथगो का श्री एमेरी को तार 64 7. युद्ध मंत्रिमंडल आलेख 66 8. मार्केस ऑफ़ लिनलिथगो का श्री एमेरी को तार 68 9. मार्केस ऑफ़ लिनलिथगो का श्री एमेरी को तार 69 10. डा. अम्बेडकर का मार्केस ऑफ़ लिनलिथगो को पत्र 71 11. वायसराय की कार्यकारिणी परिषद में हुई बहस का सारांश 75 12. फ़ील्ड मार्शल वाइकाउट वेवल का श्री एमेरी को तार 77 13. डॉ. अम्बेडकर का फ़ील्ड मार्शल वाइकाउंट वेवल को पत्र 78 14. फ़ील्ड मार्शल वाइकाउंट वेवल का लार्ड पेथिक.लारेंस को पत्र 82 15. मंत्रिमंडल प्रतिनिधियों, फ़ील्ड मार्शल वाइकाउंट वेवल और डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के बीच हुई बैठक के लिए टिप्पणी 84 16. डॉ. अम्बेडकर का भारत के गर्वनर जनरल लार्ड वेवल को पत्र 89 17. कार्यकारी परिषद के सदस्यों का फ़ील्ड मार्शल वाइकाउंट वेवल को पत्र 93 18. डॉ. अम्बेडकर का श्री ए.बी.एलेक्जेंडर, सदस्य, केबिनेट मिशन, को पत्र 94 19. डॉ. अम्बेडकर का लार्ड पेथिक.लारेंस को पत्र 101 20. लार्ड पेथिक.लारेंस का डॉ. अम्बेडकर को पत्र 103 21. राय बहादुर शिवराज का फ़ील्ड मार्शल वाइकाउंट वेवल को पत्र 104 22. श्री एटली का डॉ. अम्बेडकर को पत्र 109 23. डॉ. अम्बेडकर का श्री एटली को पत्र 112 24. लार्ड पेथिक.लारेंस का श्री एटली को पत्र 115 25. लार्ड पेथिक.लारेंस का श्री एटली को पत्र 117 भाग-3 वक्तव्य 1. अनुसूचित जातियों द्धअछूतोंऋ पर प्रभाव डालने वाले भारत के संवैधानिक परिवर्तनों के विषय में मंत्रिमंडलीय शिष्टमंडल (केबिनेट मिशन) के प्रस्तावों की डॉ. बी.आर. अम्बेडकर द्वारा समीक्षा 120 2. मंत्रिमंडलीय शिष्टमंडल तथा अछूत 136 अनुक्रमणिका 149 |
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20 | 1. प्रश्न तथा उत्तर 1-371 (1 से 310) 2. अनुक्रमणिका 373-376 |
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21 | 1. प्रश्न तथा उत्तर 1 – 195 (311 से 472) 2. अनुक्रमणिका 197 – 199 |
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22 | अध्याय-एक भाग-I जन्म से प्रव्रज्या तक 1. उनका कुल 3 2. उनके पूर्वज 4 3. जन्म 4 4. असित का आगमन 7 5. महामाया का निधन 10 6. बचपन और शिक्षा 11 7. आरंभिक प्रवृत्तियां 11 8. विवाह 15 9. पुत्र को रोकने हेतु पिता की योजनाएं 17 10. राजकुमार को जीत पाने में स्त्रियां असफ़ल 18 11. राजकुमार को प्रधानमंत्री द्वारा समझाना 21 12. राजकुमार का प्रधानमंत्री को उत्तर 23 13. शाक्य-संघ में दीक्षा 24 14. संघ से मतभेद 26 15. देश छोड़ जाने का प्रस्ताव 28 16. प्रव्रज्या ही समाधान 30 17. विदाई के शब्द 32 18. गृह-त्याग 35 19. राजकुमार और उनका सेवक 37 20. छन्न की वापसी 41 21. शोकग्रस्त परिवार 42 भाग-II सदा के लिए अभिनिष्क्रमण 1. कपिलवस्तु के राजगृह तक 46 2. राजा बिम्बिसार और उनका परामर्श 47 3. बिम्बिसार को गौतम का उत्तर 50 4. गौतम का उत्तर (समाप्त) 54 5. शांति का समाचार 56 6. नए परिप्रेक्ष्य में समस्या 57 भाग-III नए प्रकाश की खोज में 1. भृगु आश्रम पर पड़ाव 60 2. सांख्य का अध्ययन 62 3. समाधि-मार्ग का प्रशिक्षण 63 4. तपश्चर्या का परीक्षण 64 5. तपश्चर्या का त्याग 66 भाग-IV ज्ञान-प्राप्ति और नए मार्ग का दर्शन 1. नए प्रकाश हेतु ध्यान 70 2. ज्ञान-प्राप्ति 71 3. नए धम्म का आविष्कार 72 4. बोधिसत्व गौतम सम्बोधि के पश्चात् बुद्ध हो गए 73 भाग-V बुद्ध और उनके पूर्ववर्ती 1. बुद्ध और वैदिक ऋषि 78 2. कपिल-दार्शनिक 80 3. ब्राह्मण-ग्रन्थ 83 4. उपनिषद् और उनकी शिक्षाएं 89 भाग-VI बुद्ध और उनके समकालीन 1. उनके समकालीन 92 2. अपने समकालीनों के प्रति व्यवहार 93 भाग-VII समानता और विषमता 1. जिन्हें उन्होंने अस्वीकार किया 96 2. जिन्हें उन्होंने परिवर्तित किया 97 3. जिन्हें उन्होंने स्वीकार किया 97 अध्याय-दो भाग-I बुद्ध और उनका विशद योग 1. उपदेश देना या नहीं देना 101 2. ब्रह्म सहपति द्वारा शुभ समाचार की घोषणा 103 3. दो प्रकार के धर्मांतरण 104 भाग-II परिव्राजकों का धर्मांतरण 1. सारनाथ आगमन 106 2. बुद्ध का पहला प्रवचन 107 3. बुद्ध का पहला प्रवचन (जारी) 109 4. बुद्ध का पहला प्रवचन (जारी) 110 5. बुद्ध का पहला प्रवचन (जारी) 115 6. बुद्ध का पहला प्रवचन (जारी) 116 7. परिव्राजकों की प्रतिक्रिया 119 भाग-III कुलीनों और धार्मिकों का धर्मांतरण 1. यश का धर्मांतरण 122 2. काश्यपों का धर्मांतरण 123 3. सारिपुत्र और मौग्गल्लान का धर्मांतरण 127 4. राजा बिम्बिसार का धर्मांतरण 130 5. अनाथ पिण्डिक का धर्मांतरण 132 6. राजा प्रसेनजित का धर्मांतरण 135 7. जीवक का धर्मांतरण 138 8. रट्ठपाल का धर्मांतरण 139 भाग-IV जन्म-भूमि का आह्वान 1. शुद्धोदन से (अंतिम) भेंट 148 2. यशोधरा और राहुल की भेंट 150 3. शाक्यों द्वारा स्वागत 153 4. गृहस्थ बनाने का अंतिम प्रयास 156 5. बुद्ध का उत्तर 157 6. मंत्री का उत्तर 159 7. बुद्ध की दृढ़ता 161 भाग-V धर्म-दीक्षा का पुनरारंभ 1. गँवार ब्राह्मणों की धर्म-दीक्षा 164 2. उत्तरवती के ब्राह्मणों की धर्म-दीक्षा 166 भाग-VI निम्नस्तर लोगों की धर्म-दीक्षा 1. नाई उपालि का धर्म-दीक्षा 170 2. मेहतर सुणीत की धर्म-दीक्षा 170 3. अछूत सोपाक और सुप्पिय का धर्म-दीक्षा 171 4. सुमंगल तथा अन्य निम्न जाति वालों की धर्म-दीक्षा 172 5. कोढ़ी सुप्रबुद्ध की धर्म-दीक्षा 173 भाग-VII स्त्रियों की धर्म-दीक्षा 1. महाप्रजापति गौतमी, यशोधारा और अन्य स्त्रियों की प्रव्रज्या 176 2. प्रकृति नामक चाण्डालिका की प्रव्रज्या 179 भाग-VII पतितों तथा अपराधियों की धर्म-दीक्षा 1. एक आवारा की धर्म-दीक्षा 184 2. डाकू अंगुलिमाल की धर्म-दीक्षा 185 3. अन्य अपराधियों की धर्म-दीक्षा 188 4. धर्म-दीक्षा में जोखिम 190 अध्याय-तीन भाग-I धम्म में भगवान् बुद्ध का स्थान 1. भगवान् बुद्ध ने अपने धम्म में स्वयं के लिए कुछ भी 193 स्थान नहीं रखा। 2. भगवान् बुद्ध ने कभी किसी को मुक्ति का वचन नहीं दिया। 195 उन्होंने कहा कि वे मार्गदाता, हैं मोक्षदाता नहीं। 3. बुद्ध ने अपने लिए यह अपने धम्म के लिए किसी दैवत्व का 200 दावा नहीं किया। धाम्म मनुष्य द्वारा मनुष्य के लिए आविष्कृत था। यह एक अपौरुषेय धम्म नहीं था। भाग-II भगवान बुद्ध के धम्म के विषय में विभिन्न दृष्टिकोण 1. दूसरों ने उनके उपदेशों को किस प्रकार समझा 202 2. भगवान बुद्ध का अपना वर्गीकरण 203 भाग-III धम्म क्या है? 1. जीवन की पवित्रता बनाये रखना धम्म है 206 2. जीवन में पूर्णता तक पहुँचना ही धम्म है 209 3. निर्वाण प्राप्त करना धम्म है 210 4. तृष्णा का त्याग करना धम्म है 216 5. सभी संस्कार अनित्य हैं-यह मानना धम्म है 217 6. ‘कर्म’ कौ नैतिक व्यवस्था का साधन मानना धम्म है 219 भाग-IV अ-धम्म क्या है? 1. परा-प्राकृतिक में विश्वास अ-धम्म है। 224 2. ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास अ-धम्म है। 225 3. ब्रह्म से संयोजन पर आधारित धम्म मिथ्या धम्म है। 226 4. आत्मा में विश्वास अ-धम्म है। 234 5. यज्ञ (बलि-कर्म) में विश्वास अ-धम्म है। 240 6. कल्पनाश्रित विश्वास अ-धम्म है। 245 7. कर्म के ग्रंथों का वाचन मात्र अ-धम्म है। 247 8. धर्म-ग्रन्थों की गलती को सम्भावना से परे मानना अ-धम्म है। 251 भाग-V सद्धम्म क्या है? परिच्छेद एक (क) सद्धम्म के कार्य 1. मन के मैल को दूर कर उसे निर्मल बनाना। 257 2. संसार को एक धाम्म-‘राज्य’ बनाना। 259 परिच्छेद दो (ख) धम्म तभी सद्धम्म हो सकता है, जब वह प्रज्ञा की वृर्धि करे। 1. धम्म तभी सद्धम्म है, जब वह सभी के लिए ज्ञान के द्वार खोल दे। 263 2. धम्म तभी सद्धम्म है, जब वह यह भी शिक्षा देता है कि केवल 266 ‘विद्वान’ होना पर्याप्त नहीं, इससे मनुष्य पंडिताऊपन’ की ओर अग्रसर हो सकता है। 3. धम्म तभी सद्धम्म है, जब वह सिखाता है कि जिस चीज की 267 आवश्यकता है वह प्रज्ञा है। परिच्छेद तीन (ग) धम्म सद्धम्म हो सकता है, जब वह मैत्री की वृर्धि करे। 1. धम्म केवल तभी सद्धम्म है, जब वह शिक्षा देता है कि मात्र 270 प्रज्ञा ही पर्याप्त नहीं है इसके साथ शील का होना अनिवार्य है। 2. धम्म केवल तभी सद्धम्म है, जब वह शिक्षा देता है कि प्रज्ञा 271 और शील के साथ-साथ करुणा का भी होना अनिवार्य है। 3. धम्म केवल तभी सद्धम्म है, जब वह यह शिक्षा देता है कि 272 करुणा से भी अधिक मैत्री की आवश्यकता है। परिच्छेद चार (घ) धम्म तभी सद्धम्म हो सकता है, जब वह समस्त सामाजिक (भेद-भावों के) प्रतिबन्ध मिटा दे। 1. धम्म तभी सद्धम्म है जब वह मनुष्य-मनुष्य के बीच अवरोधों 276 (दीवारों) को मिटा दें। 2. धम्म तभी सद्धम्म है, जब वह यह शिक्षा दे कि मनुष्य का जन्म 281 से नहीं बल्कि योग्यता के आधार पर मूल्यांकन किया जाना चाहिए। 3. धम्म तभी सद्धम्म है जब वह मनुष्य-मनुष्य के मध्य समानता की 283 अभिवृर्धि करे। अध्याय-चार भाग-I धर्म और धम्म 1. धर्म क्या है? 287 2. धम्म धर्म से कैसे भिन्न है? 288 3. धर्म का उद्देश्य और धम्म का उद्देश्य 290 4. नैतिकता और धर्म 294 5. धम्म और नैतिकता 295 6. केवल नैतिकता ही पर्याप्त नहीं है। उसे पवित्र और व्यापक 296 भी होना चाहिए। भाग-II किस प्रकार शाब्दिक समानता तात्विक भेद को छिपाये रखती है विभाग-1 पुनर्जन्म 1. प्रारम्भिक 301 2. पूनर्जन्म किस द्धचीजऋ का? 302 3. पुनर्जन्म किस द्धव्यक्तिऋ का? 305 विभाग – दो, कर्म 1. क्या बौद्धों का ‘कर्म-सिद्धांत’ ब्राह्मणवादी-सिद्धांत के समान ही है? 309 2. क्या भगवान बुद्ध यह मानते थे कि अतीत कर्म भावी जीवन को 310 प्रभावित करते हैं? 3. क्या भगवान बुद्ध यह मानते थे कि अतीत कर्म भावी जीवन को 314 प्रभावित करते हैं? विभाग -तीन, अहिंसा 1. अहिंसा के भिन्न-भिन्न अर्थ और व्यवहार 317 2. ‘अहिंसा’ का वास्तविक अर्थ 318 विभाग -चार, संसरण (आत्मा का एक शरीर से दूसरे शरीर में प्रवेश करना) 320 विभाग – पांच, भ्रम के कारण 322 भाग-III बौद्ध जीवन-मार्ग 1. शुभ-कर्म, अशुभ-कर्म और पाप 325 2. लोभ और तृष्णा 327 3. क्लेश और द्वेष 328 4. क्रोध और शत्रुता 329 5. मनुष्य, मन और मन का मैल 330 6. स्वयं के बारे में और स्व-विजय 331 7. बुद्धि, न्याय और सुसंगति 333 8. चित्त की सतर्कता और एकाग्रता 336 9. सावधानी, अप्रमाद और निर्भीकता 338 10. दुख, सुख तथा दान और करुणा 338 11. ढोंग 340 12. सम्यक् मार्ग का अनुसरण 340 13. सद्धम्म के साथ मिथ्या धर्म को मत मिलाओ 342 भाग-IV तथागत की देशनाएं परिच्छेद-एक गृहस्थों के लिए प्रवचन 1. सुखी-गृहस्थ 346 2. पुत्री पुत्र से अच्छी हो सकती है 346 3. पति और पत्नी 347 परिच्छेद-दो सुचरित्र बने रहने के लिए प्रवचन 1. मनुष्य का पतन कैसे होता है? 349 2. दुष्ट मनुष्य 350 3. सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 351 4. प्रबुद्ध मनुष्य 352 5. न्यायी और सज्जन मनुष्य 353 6. शुभ-कर्म करने की आवश्यकता 354 7. शुभ संकल्प करने की आवश्यकता 355 परिच्छेद-तीन सदाचरण सम्बन्धी प्रवचन 1. सदाचरण क्या है? 356 2. सदाचरण की आवश्यकता 359 3. सदाचरण और संसार की जिम्मेदारियाँ 360 4. सदाचरण में सम्पूर्णता कैसे प्राप्त की जाए? 362 5. सदाचरण के पथ पर चलने के लिए साथी की प्रतीक्षा अनावश्यक 364 परिच्छेद-चार निर्वाण सम्बन्धी प्रवचन 1. निर्वाण क्या है? 366 2. निर्वाण के मूलाधार 367 परिच्छेद-पाँच धम्म सम्बन्धी प्रवचन 1. सम्यक्-दृष्टि का पहला स्थान क्यों हैं? 369 2. मरणोपरान्त जीवन की चिन्ता व्यर्थ 369 3. ‘ईश्वर’ से प्रार्थनाएं और याचनाएं करना व्यर्थ 370 4. मनुष्य का भोजन उसे ‘पवित्र’ नहीं बनाता 371 5. भोजन नहीं, कुशल कर्मों का महत्त्व है 372 6. बाह्य-शुर्धि अपर्याप्त है 374 7. पवित्र जीवन क्या है? 375 परिच्छेद-छह सामाजिक.राजनैतिक प्रश्नों पर प्रवचन 1. राजाओं के अनुग्रह पर निर्भर मत रहो 376 2. यदि राजा सदाचारी होगा, तो उसकी प्रजा भी सदाचारी होगी 376 3. राजनैतिक और सामरिक शक्ति सामाजिक व्यवस्था पर निर्भर करती है 377 4. युद्ध अनुचित है 379 5. युद्ध विजेता के कर्त्तव्य 380 अध्याय-पाँच भाग-I संघ 1. संघ और उसका संगठन 385 2. संघ में प्रवेश 385 3. भिक्षु और उसके व्रत 387 4. भिक्षु और सांघिक नियम संबंधी अपराध 389 5. भिक्षु और संयम द्धप्रतिबन्धऋ 389 6. भिक्षु और शिष्टाचार के नियम 390 7. भिक्षु और अपराध-परीक्षण 391 8. भिक्षु और अपराध-स्वीकरण 391 भाग-II भगवान् बुद्ध की भिक्षु की संकल्पना 1. भगवान् बुद्ध की आदर्श भिक्षु की संकल्पना 393 2. भिक्षु और तपस्वी 395 3. भिक्षु तथा ब्राह्मण 400 4. भिक्षु और उपासक 402 भाग-III भिक्षु के कर्त्तव्य 1. धाम्म-दीक्षा देना भिक्षु का कर्त्तव्य 405 2. चमत्कारों द्धप्रतिहार्योंऋ द्वारा धाम-दीक्षा नहीं 406 3. जोर-जबर्दस्ती से धर्मान्तरण नहीं 409 4. भिक्षु को धम्म-प्रचार के लिए संघर्ष करना चाहिए 413 भाग-IV भिक्षु और गृहस्थ 1. भिक्षा का बंधन 415 2. पारस्परिक प्रभाव 415 3. भिक्षु का ‘धाम्म’ और गृहस्थ का ‘धम्म’ 416 भाग-V उपासकों (गृहस्थों) के लिए विनय (जीवन-नियम) 1. धनवानों के लिए विनय (जीवन-नियम) 421 2. गृहस्थों के लिए विनय (जीवन-नियम) 422 3. बच्चों के लिए विनय (जीवन-नियम) 426 4. शिष्य के लिए विनय (जीवन-नियम) 426 5. पति और पत्नी के लिए विनय (जीवन-नियम) 426 6. मालिक और नौकर के लिए विनय (जीवन-नियम) 427 7. उपसंहार 427 8. लड़कियों के लिए विनय (जीवन-नियम) 427 अध्याय-छह भाग-I उनके समर्थक 1. राजा बिम्बिसार का दान 431 2. अनाथपिण्डिक का दान 432 3. जीवक का दान 433 4. आम्रपालि का दान 434 5. विशाखा की दान-शीलता 436 भाग-II भगवान् बुद्ध के विरोधी 1. जादू-टोना द्वारा धर्मान्तरण का आरोप 441 2. समाज पर व्यर्थ का भार होने का आरोप 442 3. सुखी गृहस्थियों को उजाड़ने का आरोप 444 4. तैर्थिकों द्वारा हत्या का मिथ्यारोप 445 5. तैर्थिकों द्वारा अनैतिकता का मिथ्यारोप 446 6. देवदत्त फुफेरा भाई तथा शत्रु 448 7. ब्राह्मण और भगवान् बुद्ध 450 भाग-III उनके धम्म के आलोचक 1. संघ में सभी के खुले प्रवेश के आलोचक 458 2. व्रत-ग्रहण करने के आलोचक 459 3. अहिंसा-सिद्धांन्त की आलोचना 459 4. शील का उपदेश देकर अंधकार द्धनिराशाऋ उत्पन्न करने का आरोप:- 462 (I) दुःख निराशा का कारण बताना (II) अनित्यता को निराशा का कारण बताना (III) क्या बौद्ध धम्म निराशावादी है? 5. आत्मा और पुनर्जन्म के सिद्धांन्तों की आलोचना 466 6. उच्छेदवादी होने के आरोप 466 भाग-IV मित्र और प्रशंसक 1. धानन्जानी ब्राह्मणी की श्रद्धा 468 2. विशाखा की दृढ़ श्रद्धा 470 3. मल्लिका की निष्ठा 472 4. एक गर्भवती माँ की तीव्र अभिलाषा 475 5. केनिय द्वारा स्वागत 478 6. प्रसेनजित् के द्वारा तथागत की प्रशंसा में 478 अध्याय-सात भाग-I उनके निकटस्थ जनों से भेंट 1. उनके धम्म-प्रचार के केन्द्र 483 2. स्थल, जहाँ वे पधारे थे 483 3. माता और पुत्र तथा पत्नी और पति की अंतिम भेंट 485 4. पिता और पुत्र की अंतिम भेंट 485 5. बुद्ध और सारिपुत्त की अंतिम भेंट 487 भाग-II वैशाली से प्रस्थान 1. वैशाली से विदाई 490 2. पावा में पड़ाव 491 3. कुसिनारा में आगमन 492 भाग-III महापरिनिर्वाण 1. उत्तराधिकारी की नियुक्ति 495 2. अंतिम धाम्म-दीक्षा 496 3. अंतिम वचन 499 4. आनन्द का शोक 501 5. मल्लों का विलाप और एक भिक्षु की प्रसन्नता 504 6. अंतिम संस्कार 505 7. अस्थियों के लिए संघर्ष 506 8. बुद्ध के प्रति श्रद्धार्पण 507 अध्याय-आठ भाग-I भगवान् बुद्ध का व्यक्तित्व 1. उनका व्यक्तिगत स्वरूप 511 2. प्रत्यक्षदर्शियों के साक्ष्य 512 3. उनके नेतृत्व की सामर्थ्य 513 भाग-II उनकी मानवता 1. महाकारुणिक की करुणा 516 2. दुःखियों का दुःख दूर करने वाले महान् मानसिक चिकित्सक 517 (I) विशाखा को दी गई सांत्वना (II) किसा-गौतमी को सांत्वना 3. रोगियों के प्रति उनकी सेवा 519 4. असहनशीलों के प्रति सहनशीलता 524 5. समानता और समान-व्यवहार के समर्थक 526 भाग-III उनकी पसंद और नापसंद 1. उन्हें दरिद्रता पसंद नहीं थी 529 2. उन्हें संग्रह-वृत्ति नापसंद थी 530 3. उन्हें सुसंगति पसंद थी 531 4. वे सुसंगति से प्रेम करते थे 532 उपसंहार 1. भगवान् बुद्ध की प्रशस्ति 535 2. उनके धाम्म के प्रचार की शपथ 539 3. भगवान् बुद्ध के पुनः स्वदेश लौट आने की प्रार्थना 539 |
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23 | भाग-1 अध्याय-1: प्राचीन भारतीय वाणिज्य 2 अध्याय-2: मध्ययुग में भारत के व्यापारिक सम्बन्धा 27 या इस्लाम का उदय और पश्चिमी यूरोप का विस्तार अध्याय-3: ब्रिटिश सरकार से पूर्व का भारत 45 भाग-2 अध्याय-1: अछूत और ब्रिटिश सरकार 63 भाग-3 अध्याय-1: अंग्रेजी संविधान पर व्याख्यान 126 प्रस्तावना 128 (I) अंग्रेजी संविधान के आधारभूत सिद्धांन्त 129 (II) संसद क्या है? 134 (III) सम्राट 137 (IV) उच्च सदन (हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स) 144 (V) उच्च सदन और सामान्य सदन की शक्तियाँ तथा विशेषाधिाकार 149 अध्याय-2: प्रभुता और भारतीय रियासतों की स्वतन्त्र होने की माँग 159 |
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24 | कितने अपराधियों के विचारण न्यायालय एक साथ कर सकती है। 1 अभियुक्तों का संयोजन I गिरफ्तारी का वारंट 4 II प्रेसीडेंसी मजिस्टेªट के समक्ष 10 लोक प्रशांति के विरुद्ध अपराधों से संबंधित है। 15 पुनरीक्षण अधिकारिता 36 क्रेता एवं विक्रेता के अधिकार 95 भाग – 1 बंधक की प्रकृति 97 संक्रामणों के अन्य रूपों से बंधक की तुलना बंधक और विक्रय 19 भाग-2 बंधक के अधिकार एवं दायित्व 122 प्रस्तावना अधिकारों की प्रकृति क्या है? 122 बंधककर्त्ता के अधिकार 122 मोचन का अधिकार 125 बंधककर्त्ता का व्यवस्था करने का अधिकार 126 8 साक्ष्य विधि 135 भाग – 3 प्रमाण का भार 144 परिसीमा विधि पर भाषणों की रूपरेखा 174 I.परिसीमा पर भारतीय विधि 177 II.भारतीय परिसीमा विधि 181 III.भारतीय परिसीमा विधि 182 IV. परिसीमा विधि 189 भाग – 4 अपराधी का विचारण 206 प्रथम प्रभाग न्यास क्या है एवं अधिनियम किसके लिए लागू होता है? 223 द्वितीय प्रभाग अभिव्यक्त या घोषित न्यास 230 अध्याय – 1 घोषित न्यास के दो प्रकार हैं 230 अध्याय – 2 अभिव्यक्त न्यास का सृजन 233 अध्याय – 3 अभिव्यक्त/घोषित न्यास का प्रतिसंहरण 242 अध्याय – 4 अभिव्यक्त न्यास का निर्वापन 243 भाग – 5 न्यास का प्रशासन 246 भाग – 6 आन्वयिक न्यास 250 भाग 5 आन्वयिक न्यास का प्रशासन 258 2. डोमिनियन प्रस्थिति पर टिप्पणी 269 भाग 1 परिचयात्मक 284 भाग – 2 अधिनियम द्वारा मान्य 287 भाग चतुर्थ सामान्य विधि 308 |
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25 | अध्याय-एक वीज़ा के लिए प्रतीक्षा एक 2 दो 9 तीन 15 चार 17 पांच 20 छः 22 भाग – छः विविधा टिप्पणियाँ 1. ब्रिटिश भारत का संविधान 28 2. संसदीय प्रक्रिया पर टिप्पणियाँ 31 3. भारत के इतिहास पर टिप्पणियाँ 40 4. मनु और शूद्र 49 5. सामाजिक-व्यवस्था को बनाए रखना 56 6. हिंदुओं के साथ 59 7. कुंठा 61 8. राजनीतिक दमन की समस्या 64 9. अधिक बदतर क्या है-दासता या छुआछुत? 68 |
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26 | भाग-1 खण्ड-I दिसंबर 9, 1946 से जुलाई 31, 1947 1. लक्ष्य और उद्देश्य संबंधीसंकल्प 1 2. मूल अधिकारों पर अन्तरिम रिपोर्ट 11 3. संघीय संविधान समिति की रिपोर्ट 21 खण्ड-II अगस्त 14, 1947 से फ़रवरी 25, 1948 4. प्रारुप संविधान की समीक्षा करने वाली समिति 28 5. संविधान सभा कार्य समिति की रिपोर्ट 28 6. पूर्वी पंजाब का अतिरिक्त प्रतिनिधात्व 37 7. संविधान सभा नियमों में नये नियम 38क से 38 जोड़ना 38 खण्ड-III 4 नवम्बर, 1948 से 9 नवम्बर, 1948 तक प्रारुप संविधान का प्रथम वाचन 46 भाग-1 अनुलग्नक भारत का राजपत्र असाधरण प्राधिकार से प्रकाशित नई दिल्ली, बृहस्पतिवार, फरवरी 26, 1948 भारत की संविधान सभा 89 अनुच्छेद 91 भाग 1 संघ और उसका राज्यक्षेत्र तथा अधिकारिता 100 भाग 2 नागरिकता 102 भाग-3 मूल अधिकार 103 भाग 5 अध्याय 1 कार्यपालिका राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति 115 अध्याय 2 संसद साधरण 128 अध्याय 3 राष्ट्रपति की विधायी शक्तियाँ 149 अध्याय-4 संघ की न्यायपालिका 150 अध्याय 5 भारत का महालेखा परीक्षक 162 भाग 6 पहली अनुसूची के भाग-1 के राज्य अध्याय 1-साधरण एवं अध्याय-2 कार्यपालिका 164 अध्याय 3 राज्य विधानमंडल 175 अध्याय 4 राज्यपाल की विधायी शक्ति 197 अध्याय 5 घोर आपात की दशाओं में उपबंधा 199 अध्याय 6 अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र 200 अध्याय 7 राज्यों के उच्च न्यायालय 201 अध्याय 10 राज्यों के लिए प्रमुख लेखा परीक्षक 212 भाग 7 पहली अनुसूची के भाग 2 के राज्य 214 भाग 8 पहली अनुसूची के भाग 4 के राज्यक्षेत्र और अन्य राज्यक्षेत्र जो उस अनुसूची में विनिर्दिष्ट नहीं है। 216 भाग 9 संघ और राज्यों के बीच संबंधा 217 अध्याय 1 विधायी संबंधा, विधायी शक्तियों का वितरण 217 अध्याय 2 प्रशासनिक संबंधा 225 भाग 10 वित्त, सम्पत्ति, संविदाएं और वाद अध्याय 1.वित्त संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण 234 अध्याय-2 उधार लेना 246 अध्याय-3 संपत्ति, संविदाएं, दायित्व और वाद 248 भाग 11 आपात उपबंधा 251 भाग 12 संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं अध्याय 1 सेवाएं 255 अध्याय 11 लोक सेवा आयोग 257 भाग 13 निर्वाचन 262 भाग 14 अल्पसंख्यकों के संबंधित विशेष उपबंधा 264 भाग 15 प्रकीर्ण 269 भाग 16 संविधान का संशोधान 275 भाग 17 अस्थायी और संक्रमणकालीन उपबंधा 276 भाग 18 प्रारंभ और निरसन 283 पहली अनुसूची (अनुच्छेद 1 और 4) राज्य और भारत के राज्यक्षेत्र 284 दूसरी अनुसूची अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 287 तीसरी अनुसूची [अनुच्छेद 62(4), 81, 103(6), 144(2), 165 और 195] घोषणाओं के प्रारुप 291 चौथी अनुसूची [अनुच्छेद 144(4)] 292 पांचवीं अनुसूची [अनुच्छेद 189 (क) और 190(1)] अनुसूचित क्षेत्रें और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उपबंधा 293 छठी अनुसूची [अनुच्छेद 189 (ख) और 190 (2)] 301 सातवीं अनुसूची (अनुच्छेद 217) सूची 1-संघ सूची 314 आठवीं अनुसूची (अनुच्छेद 303 (1);10) अनुसूचित जनजातियां 329 परिशिष्ट 333 |
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27 | अनुच्छेद 1 1 अनुच्छेद 2 12 अनुच्छेद 3 13 अनुच्छेद 4 21 अनुच्छेद 28 24 अनुच्छेद 30 27 अनुच्छेद 30.अ 30 अनुच्छेद 31 31 अनुच्छेद 31-क 33 अनुच्छेद 32 34 अनुच्छेद 34 34 अनुच्छेद 35 36 अनुच्छेद 36 37 अनुच्छेद 35 38 अनुच्छेद 37 40 अनुच्छेद 38 42 अनुच्छेद 38-क 45 अनुच्छेद 39 46 अनुच्छेद 39-क 47 अनुच्छेद 39-क 48 अनुच्छेद 40 50 अनुच्छेद 7 52 अनुच्छेद 8 54 अनुच्छेद 8 (क) 58 अनुच्छेद 9 59 अनुच्छेद 10 65 अनुच्छेद 11 65 अनुच्छेद (क) और (ख) 66 अनुच्छेद 10 66 अनुच्छेद 12 72 अनुच्छेद 13 74 अनुच्छेद 14 87 अनुच्छेद 16 90 अनुच्छेद 17 91 अनुच्छेद 18 94 अनुच्छेद 19 94 अनुच्छेद 14 (क्रमागत) 96 अनुच्छेद 15 (क्रमागत) 97 अनुच्छेद 20 97 नया अनुच्छेद 20-क 98 अनुच्छेद 22 99 अनुच्छेद 22-अ (नया अनुच्छेद) 105 अनुच्छेद 23 (जारी) 106 अनुच्छेद 24 111 अनुच्छेद 25 111 |
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28 | संविधान प्रारूप अनुच्छेद 67-क 2 नया अनुच्छेद 67-क 2 अनुच्छेद 68 4 अनुच्छेद 68-क 6 अनुच्छेद 69 8 अनुच्छेद 71 13 अनुच्छेद 72 15 अनुच्छेद 73 16 नया अनुच्छेद 75-क 16 अनुच्छेद 76 17 अनुच्छेद 77 19 नया अनुच्छेद 79-क 19 नया अनुच्छेद 80 19 अनुच्छेद 81 21 अनुच्छेद 82 25 अनुच्छेद 83 25 अनुच्छेद 85 26 अनुच्छेद 86 27 अनुच्छेद 88 28 खण्ड 91 30 अनुच्छेद 67-क 31 अनुच्छेद 92 से 99 के संबंध में वक्तव्य 32 अनुच्छेद 101 33 अनुच्छेद 102 34 अनुच्छेद 102 – क 40 अनुच्छेद 103 40 अनुच्छेद 103-क 47 अनुच्छेद 104 48 अनुच्छेद 106 48 अनुच्छेद 107 49 अनुच्छेद 108 50 अनुच्छेद 117 53 अनुच्छेद 119 53 अनुच्छेद 121 54 अनुच्छेद 122 54 अनुच्छेद 124 58 अनुच्छेद 125 61 अनुच्छेद 127 63 अनुच्छेद 130 63 अनुच्छेद 131 64 अनुच्छेद 132 69 अनुच्छेद 134 70 अनुच्छेद 135 71 अनुच्छेद 136 73 अनुच्छेद 137 74 अनुच्छेद 143 75 अनुच्छेद 144 78 अनुच्छेद 145 83 अनुच्छेद 146 84 अनुच्छेद 147 84 अनुच्छेद 151 87 खण्ड 152 89 अनुच्छेद 153 90 अनुच्छेद 153-क 91 अनुच्छेद 160 92 नया अनुच्छेद 163-क 92 अनुच्छेद 165 92 अनुच्छेद 166 92 अनुच्छेद 167 93 अनुच्छेद 169 96 अनुच्छेद 170 100 अनुच्छेद 109 100 अनुच्छेद 110 101 अनुच्छेद 111 105 अनुच्छेद 112 109 नया अनुच्छेद 112-क 109 अनुच्छेद 114 111 अनुच्छेद 121 112 अनुच्छेद 191 113 अनुच्छेद 192 114 अनुच्छेद 193 115 अनुच्छेद 193-क 117 अनुच्छेद 195 120 अनुच्छेद 196 120 अनुच्छेद 196-क 121 अनुच्छेद 197 121 अनुच्छेद 198 121 अनुच्छेद 200 121 अनुच्छेद 202 124 अनुच्छेद 203 125 अनुच्छेद 204 125 अनुच्छेद 205 132 अनुच्छेद 206 134 अनुच्छेद 90.(जारी) 134 अनुच्छेद 92 141 अनुच्छेद 93 142 अनुच्छेद 94 142 अनुच्छेद 95 145 अनुच्छेद 96 149 अनुच्छेद 97 152 अनुच्छेद 98 153 नवीन अनुच्छेद 98-क 154 अनुच्छेद 173 155 अनुच्छेद 174 155 अनुच्छेद 177 157 अनुच्छेद 178 157 अनुच्छेद 179 158 अनुच्छेद 180 158 अनुच्छेद 181 159 अनुच्छेद 182 160 अनुच्छेद 183 160 नवीन अनुच्छेद 183-क 161 अनुच्छेद 217 161 अनुच्छेद 224 163 अनुच्छेद 226 163 अनुच्छेद 229 164 अनुच्छेद 230 165 अनुच्छेद 231 165 अनुच्छेद 232 167 अनुच्छेद 234 167 अनुच्छेद 238 168 अनुच्छेद 239 158 अनुच्छेद 240 169 अनुच्छेद 112 ख 169 अनुच्छेद 111-क 170 अनुच्छेद 164 179 अनुच्छेद 167-क 179 अनुच्छेद 203 183 नवीन अनुच्छेद 209-क 183 अनुच्छेद 203 183 अनुच्छेद 270 184 अनुच्छेद 271 188 नवीन अनुच्छेद 271-क 188 अनुच्छेद 272 192 अनुच्छेद 273 193 अनुच्छेद 274 195 नवीन अनुच्छेद 274-क 198 अनुच्छेद 289 198 नया अनुच्छेद 289-क 206 अनुच्छेद 290 208 अनुच्छेद 291 208 नवीन अनुच्छेद 291-क 210 अनुच्छेद 297 211 अनुच्छेद 300 211 अनुच्छेद 301 212 अनुच्छेद 289 212 |
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29 | संविधान प्रारूप नया अनुच्छेद 79 अ 1 नया अनुच्छेद 104 4 नया अनुच्छेद 148 अ 6 अनुच्छेद 150 8 नया अनुच्छेद 163-अ 13 अनुच्छेद 175 16 अनुच्छेद 172 19 अनुच्छेद 176 25 अनुच्छेद 83-अ 25 अनुच्छेद 127-अ 26 अनुच्छेद 197 26 अनुच्छेद 212 से 214 तक 27 अनुच्छेद 213 29 अनुच्छेद 213 अ 31 अनुच्छेद 214 33 अनुच्छेद 275 33 अनुच्छेद 276 36 अनुच्छेद 188, 277-अ, 278 और 278-अ 38 अनुच्छेद 279 50 अनुच्छेद 280 51 अनुच्छेद 247 52 अनुच्छेद 248 53 अनुच्छेद 249 54 अनुच्छेद 250 55 अनुच्छेद 251 56 अनुच्छेद 253 59 अनुच्छेद 254 62 नया अनुच्छेद 254-क 68 अनुच्छेद 255 70 अनुच्छेद 256 72 अनुच्छेद 257 74 अनुच्छेद 259 74 अनुच्छेद 260 74 अनुच्छेद 260 (जारी) 76 अनुच्छेद 261 79 अनुच्छेद 263 80 अनुच्छेद 267 81 अनुच्छेद 268 82 अनुच्छेद 269 83 अनुच्छेद 5 और 6 84 धारा 291 भारत सरकार अधिनियम, 1935 द्धसंशोधान विधेयकऋ की 96 भाग – VIII क अनुच्छेद 215-क 106 अनुच्छेद 250 107 अनुच्छेद 277 108 अनुच्छेद 280 112+B34 अनुच्छेद 285 121 अनुच्छेद 286 से 288 क 129 अनुच्छेद 292 134 अनुच्छेद 293 138 अनुच्छेद 294 138 अनुच्छेद 295-क 139 अनुच्छेद 296 143 अनुच्छेद 299 144 तीसरी अनुसूची 145 सूची प्रविष्टि 1 151 प्रविष्टि 2 152 प्रविष्टि 3 153 प्रविष्टि 4 155 प्रविष्टि 5 156 प्रविष्टि 6 157 प्रविष्टि 7 157 प्रविष्टि 12 159 नई प्रविष्टि 9 क 160 प्रविष्टि 22 161 प्रविष्टि 26 163 प्रविष्टि 26 क 163 प्रविष्टि 31 164 प्रविष्टि 37 164 प्रविष्टि 38 165 प्रविष्टि 39 167 प्रविष्टि 40 168 प्रविष्टि 41 170 प्रविष्टि 43 171 प्रविष्टि 50 173 प्रविष्टि 52 174 प्रविष्टि 53 178 प्रविष्टि 56 180 प्रविष्टि 57 180 प्रविष्टि 57 क (जारी) 182 प्रविष्टि 58 184 प्रविष्टि 58 क 186 प्रविष्टि 60 186 प्रविष्टि 61 187 प्रविष्टि 61 क 188 प्रविष्टि 63 188 प्रविष्टि 64 190 प्रविष्टि 64 क 190 प्रविष्टि 65 192 प्रविष्टि 66 192 प्रविष्टि 67 193 प्रविष्टि 68 194 प्रविष्टि 69 194 प्रविष्टि 70 196 प्रविष्टि 70 क 196 प्रविष्टि 73 197 प्रविष्टि 73 क 198 सूची I प्रविष्टि 74 199 प्रविष्टि 75 200 प्रविष्टि 76 200 प्रविष्टि 79 200 प्रविष्टि 81 201 प्रविष्टि 83 202 प्रविष्टि 83 203 प्रविष्टि 86 क 203 प्रविष्टि 88 क 204 प्रविष्टि 91 212 प्रविष्टि 70 क 214 प्रविष्टि 59 214 सूची II प्रविष्टि 1 215 प्रविष्टि 2 216 प्रविष्टि 4 216 प्रविष्टि 7 क 218 प्रविष्टि 9 218 प्रविष्टि 10 क 219 प्रविष्टि 12 219 प्रविष्टि 14 220 प्रविष्टि 15 222 प्रविष्टि 18 223 प्रविष्टि 45 224 प्रविष्टि 46 225 प्रविष्टि 48 224 प्रविष्टि 49 224 प्रविष्टि 50 226 प्रविष्टि 52 226 प्रविष्टि 56 226 प्रविष्टि 58 227 प्रविष्टि 59 228 प्रविष्टि 64 229 प्रविष्टि 67 229 प्रविष्टि 2 क 229 सातवीं अनुसूची (जारी) सूची III समवर्ती सूची प्रविष्टि 2-क ` 230 प्रविष्टि 3 233 प्रविष्टि 4 233 प्रविष्टि 6 233 प्रविष्टि 15 236 प्रविष्टि 17 क 236 प्रविष्टि 20 236 प्रविष्टि 21 237 नई प्रविष्टि 25 क 237 प्रविष्टि 26 237 प्रविष्टि 26 क 237 नई प्रविष्टि 26 ख 238 प्रविष्टि 27 240 प्रविष्टि 28 240 नई प्रविष्टि 28 क 241 प्रविष्टि 29 241 नई प्रविष्टि 31 क 242 प्रविष्टि 32 242 प्रविष्टि 33 243 प्रविष्टि 31 क और 33 ख 243 प्रविष्टि 34 243 प्रविष्टि 34 क 244 प्रविष्टि 35 245 प्रविष्टि 35 क 245 प्रविष्टि 36 245 नई प्रविष्टि 246 नई प्रविष्टि 88 क 248 पाचंवी अनुसूची अनुच्छेद 244(1) भाग क साधरण 253 भाग ख अनुसूचित क्षेत्रें और अनुसूचित जनजातियों का प्रजासन और नियंत्रण 254 भाग ग अनुसूचित क्षेत्र 256 भाग घ अनुसूची का संसोधन 257 छठवीं अनुसूची पैरा 2 267 पैरा 3 273 पैरा 4 275 पैरा 9 277 पैरा 10 278 पैरा 12 279 पैरा 13 280 पैरा 14 281 पैरा 15 286 पैरा 16 287 नया पैरा 16 क 288 पैरा 17 289 पैरा 18 289 पैरा 19 290 पैरा 20 299 अनुच्छेद 281 300 अनुच्छेद 282 से 282 (ग) 300 अनुच्छेद 282-ख 303 अनुच्छेद 282-(ग) 307 अनुच्छेद 283 308 अनुच्छेद 302 309 अनुच्छेद274क 314 अनुच्छेद 264 314 अनुच्छेद 265 319 नया अनुच्छेद 265 क 319 अनुच्छेद 266 320 सातवीं अनुसूची प्रविष्टि 58 232 अनुच्छेद 250 324 अनुच्छेद 202 325 अनुच्छेद 234-क 326 नया अनुच्छेद 242-क 328 संशोधान संख्या 372-क 329 प्रारूप संविधान नया भाग XIV-क (जारी) नया अनुच्छेद 112-ख 333 नया अनुच्छेद 15-क 336 अनुच्छेद 15-क 341 अनुच्छेद 209-क 356 अधयाय VIII अधीनस्थ न्यायालय 356 अनुच्छेद 215 360 अनुच्छेद 303 361 |
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30 | प्रिवी काउंसिल क्षेत्रधिकार विधेयक को समाप्त किया जाना 2 खंड 2 5 खंड 3 6 खंड 4 7 खंड 5 9 खंड 7 10 खंड 8 10 खंड 9 10 खंड 11 12 खंड 1 13 अनुच्छेद 303 (क्रमागत) 14 नया अनुच्छेद 300क और 300ख 17 आठवीं अनुसूची अनुच्छेद 303 (क्रमशः) 19 अनुच्छेद 304 23 अनुच्छेद 99 32 अनुच्छेद 1 34 अनुच्छेद 306 38 अनुच्छेद 309 41 अनुच्छेद 390.क और 310-ख 41 अनुच्छेद 311-क 43 अनुच्छेद 311-ख 45 अनुच्छेद 312 48 अनुच्छेद 313 53 अनुच्छेद 308 56 अनुच्छेद 310 59 अनुच्छेद 311 61 अनुच्छेद 312.ड 64 दूसरी अनुसूची भाग I 68 भाग II 68 भाग III 69 भाग IV 69 भाग V 72 अनुच्छेद 3 (फि़र से लिया गया) 90 अनुच्छेद 296 (फि़र से लिया गया) 90 अनुच्छेद 299 91 अनुच्छेद 48 92 अनुच्छेद 303 96 पहली अनुसूची (अनुच्छेद 1 औ+B34र 4) राज्य और भारत के संघ राज्य क्षेत्र 97 भाग I 97 भाग II 98 भाग III 99 भाग IV 100 अनुच्छेद 264क 101 अनुच्छेद 274 घघ 108 अनुच्छेद 280क 109 नए अनुच्छेद 302 क क क 121 अनुच्छेदों का संशोधान 131 भाग III 17 नवंबर, 1949 से 26 नवंबर, 1949 151 खंड आठ प्रारुप विधान का तीसरा पठन 152 भारत सरकार अधिनियम (संशोधान) विधेयक 159 खंड 3 200 संविधान को अंगीकार किया जाना 221 +B36 |
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31 | प्रस्तावना: माननीय श्री मनोहर जोशी पृष्ठ संख्या मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र, राज्य शासन 307 सम्पादकीय: 309 हिंदू विवाह वैधता विधेयक (प्रवर समिति की रिपोर्ट के प्रस्तुत करने के लिए समय-सीमा में वृर्धि) 66 भाग-1 अनुभाग एक हिंदू संहिता विधेयक को प्रवर समिति को सौंपा जाना (17 नवम्बर, 1948 से 9 अप्रैल, 1948 तक) 314 अनुभाग दो प्रवर समिति द्वारा संशोधित तत्कालीन हिंदू संहिता सहित डॉ. अम्बेडकर द्वारा तैयार हिंदू संहिता विधेयक का प्रारूप 353 अनुभाग तीन प्रवर समिति से वापस भेजे जाने के पश्चात् हिंदू संहिता पर की गई चर्चा (11 फ़रवरी, 1949 से 14 दिसम्बर, 1950 तक) 482 भारतीय गैर-न्यायिक भारत 516 हिन्दू संहिता – जारी… 610 भाग 3 दत्तकग्रहण 681 भाग 5 संयुक्त परिवार की संपत्ति 713 पुरुष मरूमक्कत्तायस इत्यादि की संपत्ति का उत्तराधिकार 747 मरूमक्कतायम स्त्री आदि की संपत्ति का उत्तराधिकार 753 अध्याय 3 वसीयती उत्तराधिकार 768 भाग 9 विविधा 787 |
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32 | प्रस्तावना: माननीय श्री मनोहर जोशी पृष्ठ संख्या मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र, राज्य शासन 307 सम्पादकीय: 309 हिंदू विवाह वैधता विधेयक (प्रवर समिति की रिपोर्ट के प्रस्तुत करने के लिए समय-सीमा में वृर्धि) 66 भाग-1 अनुभाग एक हिंदू संहिता विधेयक को प्रवर समिति को सौंपा जाना (17 नवम्बर, 1948 से 9 अप्रैल, 1948 तक) 314 अनुभाग दो प्रवर समिति द्वारा संशोधित तत्कालीन हिंदू संहिता सहित डॉ. अम्बेडकर द्वारा तैयार हिंदू संहिता विधेयक का प्रारूप 353 अनुभाग तीन प्रवर समिति से वापस भेजे जाने के पश्चात् हिंदू संहिता पर की गई चर्चा (11 फ़रवरी, 1949 से 14 दिसम्बर, 1950 तक) 482 भारतीय गैर-न्यायिक भारत 516 हिन्दू संहिता – जारी… 610 भाग 3 दत्तकग्रहण 681 भाग 5 संयुक्त परिवार की संपत्ति 713 पुरुष मरूमक्कत्तायस इत्यादि की संपत्ति का उत्तराधिकार 747 मरूमक्कतायम स्त्री आदि की संपत्ति का उत्तराधिकार 753 अध्याय 3 वसीयती उत्तराधिकार 768 भाग 9 विविधा 787 |
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33 | खंड I 1. विदेशी मुद्रा विनियमन (संशोधान) विधेयक 2 2. संविधि पुनरीक्षण समिति की नियुक्ति 4 3. भारतीय नर्सिंग परिषद् विधेयक 12 4. प्रांतेतर अधिकारिता विधेयक 13 5. फ़ेडरल न्यायालय (अधिकारिता का विस्तार) विधेयक 20 6. प्रांतीय दिवाला (संशोधान) विधेयक 31 7. यथा अनुकूलित भारत अधिनियम, 1946 की धारा 2 और 38 3 में वर्णित अवधि के विस्तार के संबंधा में संकल्प खंड II 8. दिवाला विधि (संशोधान) विधेयक 42 9. दंड विधि (संशोधान) विधेयक 48 10. स्थगन के लिए प्रस्ताव हैदराबाद के मीर लायक 51 अली का अभिरक्षा से निकल भागना 11. संसद (निरर्हता निवारण) विधेयक 63 12. स्थगन के लिए प्रस्ताव 80 13. सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण (संशोधान) विधेयक 81 14. सेना विधेयक 83 15. भाग ‘ग’ राज्य (विधियाँ) विधेयक 90 16. लोक प्रतिनिधित्व विधेयक 101 खंड III 17. दंत चिकित्सक (संशोधन) विधेयक 142 18. राज्य सूची के कुछ विषयों के संबंध में संसद द्वारा 153 एक वर्ष के लिए विधियाँ बनाने के संबंध में संकल्प 19. निष्क्रांत सम्पत्ति प्रशासन (संशोधन) विधेयक 155 20. संसद तथा राज्यों के विधानमंडलों में निर्वाचन के लिए अर्हताएँ 158 21. कूच-बिहार (विधियों का आत्मसात्करण) विधेयक 162 22. भारतीय टैरिफ (चतुर्थ संशोधन) विधेयक 164 23. सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक 169 24. लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक 172 25. मांग सं- 13 – विधि मंत्रलय 212 खंड IV 26. दंत चिकित्सक (संशोधन) विधेयक 215 27. सिविल प्रक्रिया संहिता (संशोधन) विधेयक 225 28. भाग-ख राज्य (विधियाँ) विधेयक 237 29. उच्चतम न्यायालय अधिवक्ता (उच्च न्यायालय में वकालत) विधेयक 255 30. सिविल प्रक्रिया संहिता (संशोधन) विधेयक 267 31. सिविल प्रक्रिया संहिता द्धद्वितीय संशोधनऋ विधेयक 274 32. जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक विधेयक 277 33. संविधान द्धप्रथम संशोधनऋ विधेयक 286 खंड V+B39 34. लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक 372 |
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34 | खंड VI 35. संसद निरर्हता निवारण विधेयक 2 36. असम सीमा परिवर्तन विधेयक 31 37. नोटरी विधेयक 48 38. अखिल भारतीय बार की आवश्यकता 55 39. संसद सदस्य का आचरण विषयक संकल्प 59 40. प्रवर समिति की बैठकें 70 41. निर्वाचन क्षेत्रें के परिसीमन के बारे में प्रस्ताव 74 42. सभा का कार्य 99 43. डॉ. अम्बेडकर का त्याग पत्र 104 25. केन्द्रीय और राज्य कानूनों की संवीक्षा 114 26. निर्वाचक नामावलियाँ 116 27. उच्चतम न्यायालय में वकील 118 28. कूच बिहार (जनसंख्या) 121 29. निर्वाचक नामावलियॉं 123 30. मतपेटियों का निर्माण 124 31. संसद का भंग किया जाना 126 32. निर्वाचक नामावलियाँ 127 33. पश्चिम बंगाल विधानमंडल (रिक्त स्थान) 128 34. मद्रास में आम निर्वाचन 130 35. उड़ीसा में आम चुनाव 132 36. क्षेत्रीय आयुक्त 134 37. निर्वाचन की तिथियों का निर्धारण 135 38. राज्यों में आम चुनाव की तिथियाँ 136 39. राजनीतिक दलों के लिए प्रतीक चिह्न 140 40. आम चुनाव के लिए निर्वाचक नामावलियाँ 142 41. महिला मतदाता और निर्वाचक नामावलियाँ 143 42. पिछड़े वर्गों के लिए केन्द्रीय अनुदान 144 43. राष्ट्र भाषा के उन्नयन के लिए अनुदान 146 44. आम चुनावों में मतदान का तरीका 149 45. कानूनी और कानूनेतर निकाय 150 46. पंजाब के हिमाच्छादित क्षेत्रें के चुनाव 152 47. मतपेटियों का निर्माण 153 48. अधिनियमों का हिन्दी अनुवाद 154 49. नकली निर्वाचन 157 50. निर्वाचक नामावलियों पर आपत्तियाँ 159 51. राज्यों में निर्वाचन आयुक्त 163 52. निर्वाचक नामावलियाँ 164 53. नकली निर्वाचन 165 54. संविधान का अनुच्छेद 171 (ख) 166 55. निर्वाचन-क्षेत्रें के मानचित्र 167 56. जनजातीय ईसाई और आम चुनाव 169 57. विधि मंत्रलय में अधिकारी वर्ग 170 58. मतदान केन्द्रों की सूची 171 59. कुष्ठ रोग 174 60. लेडी हार्डिंग मेडिकल कालिज 175 61. दाइयों और नर्सों का प्रशिक्षण 177 62. इमेटाइन 178 63. आयुर्वेदिक अनुसंधान संस्थान 179 64. आवास निदेशालय 180 65. कुष्ठ रोगी 181 66. ‘शरणार्थी छोटे दुकानदारों की हड़ताल 184 67. राजस्थान की महिला मतदातओं के संबंध में जयपुर की 186 महिला समिति की याचिका 68. हिंदू तलाक (विवाह-विच्छेद) 187 69. हिंदू द्विविवाह निवारण अधिनियम 188 खंड VIII (1) भारत में उच्च न्यायालयों से अपीलें 261 (2) लंबित अपीलों का निर्णय करने के लिए प्रिवी कॉंउसिल 263 की न्यायिक समिति की अधिकरिता (3) फ़ेडरल न्यायालय और प्रिवी कॉंउसिल में विचारित 264 मामलों की संख्या (4) फ़ेडरल न्यायालय का गठन 266 (5) हिंदू विधि-संहिताकरण समिति का प्रतिवेदन 268 (6) हिंदू धर्मार्थ तथा धार्मिक न्यासों द्वारा आय का गबन 269 (7) गृह मंत्रलय द्वारा नियुक्त किये गये अधिकरणों की 270 संख्या तथा नाम (8) आयकर अपीलीय अधिकरण का पुनर्गठन या उपांतरण 273 करने का प्रस्ताव (9) साधरण निर्वाचन 274 (10) अनुसूचित जातियों की सूची 276 (11) निर्वाचक नामावली 278 (12) आयकर अपीलीय अधिकरण 281 (13) विधि मंत्रलय में अनुसूचित जाति के कर्मचारी 282 (14) हिंदू कोड बिल सम्बन्धी सलाहकार समिति 283 (15) संसद सदस्यों के वेतन और भत्ते 285 (16) हिंदू धर्मार्थ तथा धार्मिक न्यासों द्वारा आय का गबन, आम चुनाव 286 (17) आम चुनाव 288 (18) उच्चतम न्यायालय में सरकारी अभिकर्ता 292 (19) मुस्लिम वैयक्तिक कानून 294 (20) संघ के विरुद्ध मामलों में वकीलों की नियुक्ति 296 (21) अनुसूचित जातियों के प्रतिनिधि 297 (22) परिसीमन समिति की रिपोर्ट 297 (23) आम चुनाव 298 (24) दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रें की निर्वाचक नामावली 300 खंड VII 44. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव 304 45. बजट (साधरण) 1952.53 308 46. आंध्र राज्य विधेयक 1953 316 47. संपदा शुल्क विधेयक, 1953 328 48. अंतर्राष्ट्रीय स्थिति 335 49. बैंक विवादों के संबंध में सरकारी आदेज 347 50. अनुसूचित जाति तथा जनजाति आयुक्त, 1953 का प्रतिवेदन 354 |
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35 | खण्ड – I महाद सत्याग्रह महाद सत्याग्रह पानी के लिए नहीं, बलिकु मानवाधिकारों की स्थापना के लिए 3 खण्ड – II डॉ. अम्बेडकर – महात्मा गाँधीकी बैठकें 1. मेरी कोई मातृभूमि नहीं है 51 2. मुझे उस धर्म पर क्यों गर्व क्यों हो…………. 56 3. सनातनियों से गांधीकी और क्या प्रत्याशाएं थीं 58 4. उंची जाति हिन्दुओं के विरुद्ध कानूनी कदम उठाना जिन्होंने अछूतों का उत्पीड़न किया। 58 खण्ड – III अछूतों को भारत के राजनीतिक क्षितिज पर लाने और भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला रखने में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की भूमिका 61 खण्ड – IV कालाराम मन्दिर प्रवेश सत्याग्रह, नासिक और मन्दिर प्रवेश आन्दोलन 173 खण्ड – V आन्दोलन 1. मैं चरित्र वाला व्यक्ति हूं। 200 2. मूर्ति की बजाय सार्वजनिक पुस्तकालय सर मेहता का सर्वोत्तम स्मारक होगा। 207 3. सरकारी निकायों को कनवसीर की सहायता करनी चाहिए। 210 4. भाऊराव पाटिल की सं+B41स्था सहायता की हकदार। 211 5. मेरे विरुद्ध शिकायत पूर्णतः आधारहीन है। 212 6. अग्रेषण पत्र। 213 7. मन्दिर प्रवेश की बजाय आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक सुधार पर अधिक ध+B37यान दें। 216 8. जाति प्रथा के विनाश के सिवाय कुछ भी बहिष्कृत लोगों का उद्धाशर नहीं कर सकता। 218 9. दूसरे चैम्बर के विरुद्ध दलित वर्ग। 219 10. ‘‘स्मृति’’ धर्म का आधार हटाएं। 223 11. हिन्दुओं को दलित वर्गों के धर्म परिवर्तन से तटस्थ नहीं रहना चाहिए। 227 12. धर्म परिवर्तन की दशा में, अधिकार प्रभावित नहीं होते। 232 13. धर्म परिवर्तन का आन्दोलन स्वार्थी हेतु से मुक्त होता है। 238 14. स्वतंत्र लेबर पार्टी: दलित वर्गों की भलाई के लिए एक स्रोत। 242 15. भारतीयों की नागरिक स्वतंत्रता। 243 16. किसी अन्य देश में ऐसे मंत्री को पदच्युत कर दिया गया होता। 244 17. समाजवादी अब निष्क्रिय हैं। 246 18. ऐसे संस्थानों को बड़े पुस्तकालयों के रूप में विकसित होने दें। 247 19. धान-ऋणदाय के नियंत्रण और विनियमन के लिए विधेयक। 248 20. मैं सिद्धांत के लिए अडिग रहूंगा और उसके लिए अकेले लडूंगा। 277 21. मंत्रलय सत्ता में चूर प्रतीत होता है। 278 22. भूमि पुत्रें के प्रति अन्याय। 280 23. डॉ. अम्बेडकर की ग्वायर निर्णय को चुनौती। 282 24. मैं श्री जिन्ना से अधिक चिंतित हूं। 293 25. जब बुद्ध ने पशु बली रोकी तो, उनके द्वारा गाय को पवित्र माना गया। 295 26. महार योद्धा रहे हैं। 299 27. वतनदार महारों, मेंगों आदि की शिकायतों से संबंधित अभ्यावेदन। 27 28. मैं हिन्दुओं की अपेक्षा ब्रिटिश लोगों का अत्यधिक विरोधी रहूंगा अगर… 332 29. अपमान और विश्वास भंग के रूप में वॉइसराय की परिषद से दलित वर्गों को बाहर करना। 333 30. सम्पूर्ण भारत में दलित वर्गों के सभी नेताओं का सम्मेलन। 334 31. डॉ अम्बेडकर और यहूदी लोग। 335 32. मैं मंत्रलय के गठन में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं रखता हूं। 338 33. …के समान प्रकृति की तरह हिन्दुत्व एक राजनीतिक विचारधारा है। 34. हम राष्ट्रीय जीवन में पृथक तत्व हैं। 342 35. अनुसूचित जातियों की बस्तियां बंतूस के समकक्ष हों। 344 36. हिन्दुओं ने अनुसूचित जातियों को सदैव हिन्दू समाज के ‘खूंटे से बाहर’ का समझा है। 345 37. अनुसूचित जातियों का मामला संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। 351 38. मैं एटली का बयान समझने में किल रहा। 354 39. अछूतों के लिए पर्याप्त उपाय प्राप्त करें। 355 40. भारतीय जनगणना। 358 41. पाकिस्तान की अनुसूचित जातियों को भारत आना चाहिए। 359 42. अनुसूचित जाति के शरणार्थियों की अवहेलना की गई। 362 43. सरकार को निष्पक्ष होना चाहिए। 369 44. अपना प्रकाश स्वयं बनें। 371 45. हिन्दुत्व भारत में सामाजिक विचार का नवीनतम विकास है। 378 46. अनुसूचित जाति का उद्धार घोषणा-पत्र का प्रारूप 380 47. बीमारी के कारण त्यागपत्र नहीं। 398 48. अन्य पार्टियों जिनका उद्देश्य परिसंघ के विरुद्ध नहीं है, के साथ गठजोड़। 400 49. किसी भी व्यक्ति को अपने मामले में निर्णायक नहीं होना चाहिए। 402 50. चुनाव याचिका। 404 51. महाराष्ट्र में साम्यवादी। 422 52. भूखे लोग रोटी मांगते हैं। 423 53. बुद्ध सेमिनरी बंगलौर में प्रारंभ की जाए। 425 54. लैती की डांवाडोल प्रवृत्ति के कारण भारत से बुद्धधर्म का लोप हुआ। 427 55. मैं आपका प्राण बचाने के लिए तैयार हूं बशर्तें कि….। 428 56. राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए नहीं होतीं अपितु लोगों को शिक्षित, जागरूक और संगठित करने के लिए होती हैं। 431 57. ‘बुद्ध और उनका धाम्म’ पुस्तक से संबंधित जवाहरलाल नेहरू को एक पत्र। 440 58. भिक्खुओं को बुद्ध की सेवा उनके धाम्म के प्रचारक बनकर करनी चाहिए। 431 59. मुझे विश्वास करता है कि मेरे लोग भारत में बुद्धधर्म स्थापित करने के लिए हर चीज का त्याग करेंगे। 445 परिशिष्ट परिशिष्ट – I: क्रूर बल अस्पृश्यता को स्थिर नहीं रख पाएगा। 448 परिशिष्ट – II: मनुष्य की मनुष्य के प्रति अमानवीयता। 451 परिशिष्ट – III: रूढ़िवादिता का उन्माद। 454 परिशिष्ट – IV: पूना संधि की पूर्वसंधया पर गांधी-वल्लभ भाई की बैठक। 456 परिशिष्ट – V: गोल मेज सम्मेलन और पूना संधि पर टिप्पणी। 460 परिशिष्ट – VI: डॉ अम्बेडकर द्वारा श्री गाँधीकी कड़ी परीक्षा। 467 परिशिष्ट – VII: डॉ. अम्बेडकर अमरीका में विस्तार चाहते थे। 469 परिशिष्ट -VIII: इस समय डॉ. अम्बेडकर को लेखा विभाग में परिवीक्षार्थी के रूप में कार्य करना चाहिए। 467 परिशिष्ट -IX: अपना ऋण वापस-अदा करने के लिए 471 शीघ्र कार्रवाई करें। परिशिष्ट – X: धर्म परिवर्तन पर डॉ. बी.आर. अम्बेडकर द्वारा जारी 473 दिनांक 19.06.1936 के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया। 475 |
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36 | 1. अल्पसंख्यकों की आकांक्षाओं का पता लगाएँ 1 2. इंग्लैंड में डॉ. अम्बडेकर के राजनैतिक मिशन के बारे में “डॉन“ में प्रकाशित समाचार 3 परिच्छेद III राष्ट्र और इसके लोकतंत्र के निर्माण के बारे में 3. जवाबदेही के बिना प्रांतीय स्वायत्तता अविवेकपूर्ण 6 4. संयुक्त बनाम अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्र 7 5. आश्वासन से गवर्नर को कोई नुकसान नहीं: न ही कांग्रेस को कोई फ़ायदा 11 6. 2यह मात्र पार्टी का कदम है न कि कोई राष्ट्रीय प्रयोजन 16 7. वयस्क मताधिकार लागू करने के लिए हम अविराम संघषर् करेंगे 17 8. संघीय ढ़ांचे के विरुद्ध लामबंदी राष्ट्र के इतिहास में मोड़ 20 9. मतदान की वितरणात्मक प्रणाली 21 10. ग्रेट ब्रिटेन का समर्थन आवश्यक 24 11. भारत का दो भागों में विभाजन रोकने के लिए सद्बुर्धि और 32 राजनीतिमत्ता जागृत होगी 12. अत्यंत अस्पष्ट योजना सलाहकार समिति में डॉ. अम्बेडकर 34 13. सामाजिक समरसता के माधयम से ही हम एक राष्ट्र बन सकते हैं 35 14. सुभाष चंद्र बोस और डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मुलाकात 36 15. कांग्रेस के निर्णय का तात्पर्य गांधीजी की आपत्ति पर डॉ. अम्बेडकर के विचार 37 16. भारतीय संकट के समाधान की डॉ. अम्बेडकर की योजना 39 17. भारतीयों की नियति लोकतंत्र की जीत से जु़ड़ी है 45 18. भारतीय राजनैतिक गतिरोधा को कैसे समाप्त किया जाए 50 19. जिन्ना के भय को दूर करना होगा 52 20. केन्द्रीय सिंचाई तथा जलमार्ग सलाहकार बोर्ड से संबंधित पहला प्रस्ताव 54 21. दोनों गंभीर गलती कर रहे हैं 56 22. सप्रू गलत हैं 60 23. सर्वोत्तम फ़ायदे के लिए महानदी का नियंत्रण एवं उपयोग 62 24. हमें भारत में सभी पार्टियों के बीच सहयोग की 64 25. जब तक ये मुद्दे स्पष्ट नहीं होते, विभाजन के मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं 66 26. भारत सरकार किसी भी रियासत को संप्रभु स्वतंत्र रियासत के रूप 67 में मान्यता नहीं देगी 27. बरार 15 अगस्त को निजाम के पास वापस जाएगा 70 28. यदि खींची गई सीमारेखा प्राकृतिक नहीं होगी तो यह भारत के लोगों 72 की सुरक्षा और संरक्षा को भारी खतरे में डाल देगी 29. विधि के समक्ष भारत के नागरिकों के अधिकार समान हैं एलन कैम्पबेल 75 की डॉ. अम्बेडकर के साथ बातचीत 30. केन्द्र और प्रांतों के लिए एक राजभाषा 77 31. भारत और ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल 78 32. संविधान और संविधानवाद 91 33. भारत के लोग अपने मूल अधिकार पहचानेंगे 96 34. मैं यही कहता हूं कि अडिग और ईमानदार बनो 99 35. ताकत बढ़ाए बिना स्वतंत्र विदेश नीति की बातें करने का कोई औचित्य नहीं 101 36. अमेरिका का झुकाव पाकिस्तान की ओर 102 37. अंग्रेजी को किसी भी कीमत पर बनाए रखें 103 38. सार्वजनिक मामलों में एकतरफ़ा यातायात 104 39. बाढ़ नियंत्रण परमाणु ‘शक्ति का उपयोग 105 40. अखण्ड विशालकाय राज्यों के निर्माण का प्रबल विरोध 108 41. महाराष्ट्र के लिए अम्बेडकर का फ़ार्मूला जनता की आवाज 109 परिच्छेद-IV संस्थाएं, संगठन और उनके संविधान 42. कार्यकारी परिषद में अनुसूचित जातियों के प्रतिनिधित्व के लिए प्रस्ताव 115 43. केबिनेट मिशन को प्रस्तुत ज्ञापन 119 44. केबिनेट मिशन के साथ डॉ. अम्बेडकर का साक्षात्कार 134 45. डॉ. भीमराव अम्बडेकर और फ़ील्ड मार्शल विस्काउंट वॉवेल के बीच 136 बैठक पर टिप्पणी 46. अछूतों के लिए पृथक बस्तियां 141 47. केबिनेट मिशन के प्रस्तावों के विरुद्ध विरोध पत्र 143 48. केबिनेट मिशन के प्रस्तावों के संबंधा में ए-वी-अलेक्जेंडर को पत्र 147 49. केबिनेट मिशन द्वारा जारी बयान के संबंधा में लॉर्ड पैथिक.लॉरेन्स को पत्र 154 50. लॉर्ड पैथिक.लॉरेन्स द्वारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भेजा गया स्पष्टीकरण 156 51. अम्बेडकर ने चर्चिल को चैम्पियन माना 157 52. बम्बई में हिन्दुओं- अनुसूचित जातियों के बीच संघर्ष 158 53. प्रत्यक्ष कार्रवाई पर संघ कार्यकारिणी का संकल्प केबिनेट मिशन द्वारा 161 निर्दोष साक्ष्य की अनदेखी 54. ब्रिटिश केबिनेट की योजना पर प्रतिक्रियाएं डॅ- अम्बेडकर का चर्चिल को विरोध 168 55. मैं अनुसूचित जाति के अधिकारों के लिए लड़ रहा हूं प्रधानमंत्री एटली को 169 लंदन भेजा गया तार संदेश 56. क्या भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत के अछूतों का प्रतिनिधित्व करती है? 170 57. किसी अन्य की तुलना में, मैं बड़ा राष्ट्रवादी हूँ 187 58. श्री एटली द्वारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर को लिखा गया पत्र 198 59. डॉ.अम्बेडकर का श्री एटली को लिखा गया विरोध पत्र 201 60. हम अधीन तो हो सकते हैं किन्तु हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे 204 61. लार्ड पैथिक.लॉरेन्स द्वारा प्रधानमंत्री श्री एटली को लिखा गया पत्र 206 62. चर्चिल-अम्बेडकर वार्ता 226 63. पृथक निर्वाचन क्षेत्रें की बहाली 227 64. डॉ. अम्बेडकर महसूस करते हैं कि अंग्रेज न्याय करेंगे 228 Dr. B.R. Ambedkar & His Egalitarian Revolution Part Two 65. बहिष्कृत हितकारिणी सभा 232 66. दलित वर्ग संस्थान 244 67. स्वतंत्र श्रमिक दल 250 68. दल के लक्ष्य 252 69. स्वतंत्र श्रमिक दल 257 70. बंबई में अछूतों के लिए समाज केंन्द्र 280 71. केंद्र के कार्य और गतिविधियां 284 72. अखिल भारतीय अनुसूचित जाति संघ का संविधान 290 परिशिष्ट 73. परिशिष्ट-I अखिल भारतीय अनुसूचित जाति छात्र परिसंघ का गठन 321 74. परिशिष्ट-II हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म में नारी की स्थिति 329 75. परिशिष्ट-III द केबिनेट मिशन 334 76. परिशिष्ट-IV 340 77. परिशिष्ट पूना सत्याग्रह 341 78. अनुसूचित जाति परिसंघ के सत्याग्राहियों को कैद किया गया 343 79. सत्याग्रह आंदोलन का पांचवा दिन 345 80. नागपुर सत्याग्रह 348 81. परिशिष्ट-VI पूना पैक्ट लादकर गांधीने अछूतों का मताधिकार-से वंचित 357 किया ब्रिटिश नेताओं ने गांधीवादी दांवपेजों की कटु आलोचना की 82. परिशिष्ट-VII भारत में पददलितों को अत्याचारियों के हवाले किया गया। 360 83. परिशिष्ट-VIII 367 84. परिशिष्ट-IX राज्यों का क्या होगा 371 85. परिशिष्ट-X 374 86. परिशिष्ट-XI 378 87. परिशिष्ट-XII 384 88. परिशिष्ट-XIII 386 खण्ड – 17 भाग – 2 परिच्छेद – 1 89. धर्म एवं पुरोहितों को समुचित नियंत्रण में लाया जाए। 388 90. बंबई प्रेजीडेन्सी में कानूनी शिक्षा के सुधार पर विचार 390 91. डॉ. अम्बेडकर का सर एस- राधाकृष्णन को उत्तर अतिजीवन्त सिद्धांन्त 404 92. और लार्ड ने – तक कहा 405 93. बम्बई शहर के अस्पृश्नीय कर्मचारी 446 94. क्या गाँधी एक महात्मा है? 448 95. मराठी विद्वान को सहायता-निधि के लिए अपील 453 96. जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ज्ञान ही शक्ति है 454 97. कांग्रेस का अस्पृश्यों को हटाने का प्रयास 455 98. मैं पराजयवादी मानसिकता में विश्वास नहीं करता। 460 99. हमारे विद्यार्थी सीखें एवं नेतृत्व करें 461 100. डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर का ‘मराठा मन्दिर’ को सन्देश 463 101. तब तक न ठहरो जब तक अस्पृश्य पुरुषार्थ न प्राप्त कर ले 465 102. ‘बौद्ध धर्म का सार’ की प्रस्तावना 468 103. भारत की प्राचीन घटनाओं ने निराशावाद को जन्म दिया 471 104. पावती शब्द का अर्थ 472 105. बुद्ध एवं उसके धर्म का भविष्य 478 106. हिन्दू महिला का उत्थान एवं पतनः इसके लिए जिम्मेवार कौन था? 490 107. सन्तों का साहित्य मनुष्य के नैतिक.उत्थान में सहायता कर सकता है। 510 108. सारांश 511 109. दी महारों: वे कौन थे तथा वे कैसे अस्पृश्य बने? 519 110. रिपब्लिकन पार्टी का अर्थ 532 111. ‘बुद्ध एवं उसका धाम्म’ 538 112. राजनीति में प्रवेश के लिए प्रशिक्षण विद्यालय 539 +B39 |
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37 | 1. 1.1.1927 महान संघर्ष। 1 2. 18.1.1928 किसी व्यक्ति का मूल्य स्वतः सिद्ध और स्वस्पष्ट होता है। 6 3. 13.4.1929 हम एक योद्धा कुल से हैं। 8 4. 14.4.1929 विधायिकाओं के लिए उपयुक्त प्रतिनिधि चुनें। 10 5. 8.8.1930 एक देश, एक संविधान एक और भाग्य की भावना से जुड़े 11 लोग स्वाधीन होने का जोखिम उठाते हैं। 6. 2.9.1930 संवैधानिक सुरक्षा के उपाय और गांरटी सुनिश्चित करें। 56 (टाइम्स ऑफ़ इंडिया) 7. 27.9.1930 वर्तमान से अधिक संगठित और ज्यादा आंदोलित बने। 57 8. 2.10.1930 …अन्यथा उन्नत हिंदू जातियाँ सत्ता में रहेंगी और 58 अल्पसंख्यकों पर शासन करती रहेंगी। 9. 14.8.1931 तुम्हें शक्ति व सम्मान, संघर्ष से मिलेगा। 60 10. 29.1.1932 हिन्दुओं की आगामी पीढ़ियां मेरी सेवाओं को सराहेंगी। 61 11. 28.2.1932 गौतम बुद्ध तथा रामानूज के संघर्ष को सदैव दृष्टि में रखें। 72 12. 7.5.1932 अछूतों को राजनीतिक शक्ति मिलनी चाहिए। 73 13. 21.5.1932 मैं अपने सही उद्देश्य के मार्ग से तनिक विचलित नहीं होऊंगा। 77 14. 24.5-1932 सामाजिक सुधार से पहले राजनीतिक सुधार को प्राथमिकता दें। 79 15. 28.9.1932 अधयात्मिक भोजन से अधिक भौतिक भत्ते पर धयान दें। 80 16. 9.10.1932 अपने हाथ में आने वाली शक्ति को प्रबल में लाओ 81 और उपयोग करो। 17. 28.10.1932 दासता के विचार को त्याग दो। 82 18. 18.2.1933 भाग्य के भरोसे न रहो, अपनी शक्ति में भरोसा रखो। 83 19. फ़रवरी, 1933 करेंगे जो संघर्ष, होंगे वे कामयाब। 84 20. 4.3.1933 ईश्वर या दैविक शक्ति पर आश्रित न हों। 85 21. 23.4.1933 मैं देश के लिए सर्वाधिक संभव शक्ति प्राप्त कर लूंगा। 87 22. 16.12.1934 ऐसे प्रतिनिधि चुनें, जो तुम्हारे हितों का संवर्धन करें। 88 23. 13.10.1935 दुर्भाग्य वश मैं एक अछूत हिन्दू जन्मा था, 91 परन्तु मैं एक हिंदू नहीं मरूंगा। 24. 8.12.1935 मेरी योग्यता व प्रतिष्ठा मेरी कड़ी मेहनत व बुद्धि के फ़ल हैं। 96 25. 11/12.1.1936 हम कहीं भी रहें, हमें अपने कल्याण के लिए संघर्ष करना होगा। 97 26. 13/14.4.1936 हिन्दू धर्म त्यागने का निर्णय लिया है। 99 27. 1.5-1936 मैं सफ़लता के लिए अपनी आत्मा का बलिदान नहीं कर सकता। 100 28. 17.5-1936 तुम्हारी मुक्ति व उन्नति के लिए धर्म परिवर्तन आवश्यक। 102 29. 31.5-1936 मुक्ति का मार्ग क्या है? 107 30. 2.6.1936 … महारों और मांगों के बीच कोई भेद-भाव नहीं। 139 31. 16.6.1936 आपको अपने शर्मनाक व्यवसाय को त्याग देना चाहिए। 141 32. 8.11.1936 किसी षड्यंत्र का शिकार न बनें। 142 33. 30.5-1937 हम अपने दुखों को जारी नहीं रख सकते। 148 34. 31.7.1937 दलित वर्ग से कोई भी मंत्री नहीं है। 149 35. 28.8.1937 हिंदू धर्म के भगवान की पूजा न करें। 150 36. सितंबर 1937 साम्यवादियों ने मजदूरों का शोषण किया है। 154 37. 30.12.1937 शोषकों के विरुद्ध सतर्क रहें। 155 38. 31.12.1937 आत्मसम्मान और आत्मरक्षा आंदोलन के पास खोने के 156 लिए कुछ नहीं है, किंतु पाने के लिए सब कुछ है। 39. 1.1.1938 ईसाई राजनीतिक रूप से पीछे। 157 40. 1.1.1938 अछूतों के उत्थान के लिए कार्य करें। 158 41. 1.1.1938 लोकतंत्र में ऐसे सभी लोगों को सम्मान के साथ 159 सुना जाना चाहिए, जो सुनने लायक हैं। 42. 10.1.1938 किसानों और कामगारों को अपनी गरीबी के 161 कारणों को समझना चाहिए। 43. 15-1.1938 दलित वर्गों के हितों की रक्षा करें। 163 44. 13.2.1938 ट्रेड यूनियनों को अपने हितों की रक्षा के लिए राजनीति 164 में प्रवेश करना चाहिए। 45. 12.2.1938 चरित्रहीन और विनम्रताहीन शिक्षित व्यक्ति जानवर से 184 अधिक खतरनाक होता है। 46. 19.3.1938 अछूतों को स्वयं प्रयास करने होंगे। 185 47. 14.5.1938 शानदार जीवन जिएं। 186 48. 22/23.10.1938 सरकार को दलित वर्गों की चिंता नहीं। 187 49. 25-12.1938 विदेशी साम्राज्यवाद के सामने दुश्मन से लड़ने के 188 लिए संयुक्त राजनैतिक संगठन की जरुरत। 50. 30.12.1938 अपनी शिकायतें मेरे पास भेजें। 191 51. 8.1.1939 उत्तम चरित्र के व्यक्ति बनें। 192 52. 29.1.1939 भारत के राजनैतिक विकास का लक्ष्य क्या है? 194 53. 12.2.1939 गाधँ शी किसी भी रूप में फेडरेशन को स्वीकार करके के पक्षधर। 199 54. 26.2.1939 अपने बच्चों को भयावह जीवन से बचाएं। 200 55. 2.7.1939 मैंने किसी एक विशिष्ट वर्ग के लिए नहीं, बल्कि पूरे 201 समुदाय के लाभ के लिए काम किया है। 56. जुलाई 1939 करों का उपयोग किसानों के हित में किया जाना चाहिए। 203 57. 16.12.1939 महार वतन एक हृदयहीन शोषण है। 204 58. 24.12.1939 सरकार ने दलित वर्गों के लिए कुछ नहीं किया है। 207 59. 26.12.1939 छुआछूत के पाप की जिम्मेदारी हिंदुओं पर है। 208 60. 28.1.1940 सेना में अपनी पूर्व स्थिति पुनः प्राप्त करें। 209 61. 4.2.1940 भारत सरकार अधिनियम और पूना समझौते के अधीन 210 संरक्षण अपर्याप्त हैं। 62. 19.3.1940 हिंदू समाज को अपने युगों पुराने ढांचे को भंग करके 211 आधुनिक रीति नीति पर संगठित होना होगा। 63. 23.2.1941 गांधीके प्रयास अपर्याप्त हैं। 212 64. 28.3.1941 श्रमसाधय प्रयासों के बिना हमारी सामाजिक स्थिति और 213 भी बदतर हो जाएगी। 65. 13.7.1941 आप यह नहीं समझ पाए हैं कि आपके भीतर कितनी जबरदस्त 215 शक्ति है, अपनी-अपनी जबर्दस्त शक्ति को नहीं पहचान सके। 66. 16.8.1941 वतनदारी: महारों के लिए एक अभिशाप। 217 67. अगस्त 1941 महत्वपूर्ण परिवर्तन। 220 68. 24.9.1941 शिक्षित व्यक्तियों को सेना में शामिल होना चाहिए। 221 69. फ़रवरी 1942 मैं अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण अपिर्त कर दूंगा। 223 70. 26.4.1942 आपका उद्धाशर स्वयं आपके हाथों होना चाहिए। 224 71. 2.7.1942 मित्रें के लिए मेरे घर के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे। 228 72. 12.7.1942 समाज के निम्नतम वर्ग का संघर्ष कामगार वर्गों के 229 सभी लोगों की सहायता करेगा। 73. 15-7.1942 जब नींव का सबसे निचला पत्थर हटाया जाता है, तो ऊपर 230 वाले भी हिलने लगते हैं। 74. 18/19.7.1942 यदि लोकतंत्र समाप्त होता है, तो यह हमारा विनाश होगा। 233 75. 20.7.1942 शिक्षित, आंदोलन, संगठित होकर विश्वास रखें और आशा न छोड़ें। 262 76 20.7.1942 समाज की प्रगति का मूल्यांकन महिलाओं की प्रगति के 266 आधार पर किया जाता है। 77. 20-7.1942 मैं अहिंसा और दब्बूपन के बीच अंतर करता हूं। 273 78. 21.7.1942 मैं आपके साथ रहूंगा। 280 79. 22.7.1942 मैं देश की आजादी की अपनी इच्छा के लिए किसी 281 के आगे नहीं झुकता। 80. 23.8.1942 मैं चाहता हूं, शासन की लगाम आपके हाथ में हो। 283 81. 3.11.1942 वर्तमान अव्यवस्था से केवल भारतीयों का अहित। 285 82. 12.1.1943 गैर-ब्राह्मण पार्टी को फि़र से संगठित होना चाहिए। 287 83. 17.1.1943 थलसेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती हों। 288 84. 2.5.1943 गांधीऔर जिन्ना को अवकाश ग्रहण कर लेना चाहिए। 289 85. 10.5.1943 युद्धोत्तर काल में गरीबी सहन नहीं की जाएगी। 292 86. 10.5.1943 श्रमिकों के हाथों में स्वराज आ सकता है। 293 87. 5.12.1943 अधिकारों का उपयोग करने योग्य बनो। 294 88. 31.1.1944 अनुसूचित जातियों को हिंदुत्व त्याग देना चाहिए। 295 89. 26.8.1944 अनुसूचित जातियों के समक्ष प्रश्न है- ‘अभी या कभी नहीं’। 297 90. 20.9.1944 दलित वर्ग हिंदू समाज का अंग नहीं है। 299 91. 20.9.1944 मैं राष्ट्रवाद का विरोधीनहीं हूं, किंतु …. 303 92. 23.9.1944 एकता का महत्त्व सर्वोपरि है। 308 93. 24.9.1944 मैं भारत के देश भक्तों से बहुत आगे था। 310 94. 24.9.1944 भारत का इतिहास बौद्ध धर्म और ब्राह्मण धर्म के संघर्ष 321 के अलावा अन्य कुछ नहीं है। 95. 24.9.1944 गांधीप्रांतीय स्वायत्तता से संतुष्ट थे। 324 96. 28.9.1944 हम इस देश के भाग्य-विधाता हैं। 325 97. 2.1.1945 विद्यार्थी यह देखें कि उपाधि से सकारात्मक ज्ञान भी मिले। 327 98. 3.1.1945 देश के लाखों गरीबों के लिए संपन्नता की व्यवस्था की नींव रखिए। 329 99. 3.1.1945 आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्था में समाचार-पत्र सुशासन का 330 मूल आधार है। 100. 7.4.1945 अनुसूचित जातियों को संगठित होना चाहिए। (पीपुल्स हेराल्ड) 334 101. 6.5.1945 आदिवासी जनजातियों के लिए एक काननी आयागे होना चाहिए। 335 102. 20.5.1945 भारत की स्वंतत्रता का लक्ष्य निर्विवाद है। 340 103. 3.10.1945 मनुष्य को राजनीतिक दृष्टि से जागरूक बनाने के लिए 342 सुविचारित प्रयत्न कीजिए। 104. 30.11.1945 अगस्त 1942 में सरकार की कार्रवाई न्यायोचित थी। 344 105. 16.1.1946 गांधीजी का इनकार। 345 106. 17.2.1946 अनुसूचित जातियों की मांगे एक निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय 346 न्यायाधिकरण के पास भेजी जाएं। 107. 12.3.1946 दलित वर्ग की उपेक्षा। 349 108. 13.8.1946 अनुसूचित जातियों को जहां का तहां छोड़ दिया गया। 350 (जय भीम) 109. 14.4.1947 मैं अपने लोगों के साथ इस देश के प्रति भी निष्ठावान हूं। 351 110. 25.9.1947 अल्पसंख्यक को हमेशा मनाना चाहिए, उस पर कभी हुक्म 355 नहीं चलाना चाहिए। 111. 14.1.1948 सार्वजनिक भाषण-कला विकसित की जा सकती है। 363 112. 10.4.1948 मनु अथवा याज्ञवल्क्य के देवी कानूनों के कारण, 364 हिंदू समाज कभी अपना सुधार नहीं कर सका। 113. 24/25.4.1948 एक नेता, एक दल, एक कार्यक्रम के अनुसार संगठित हों। 367 114. 16.1.1949 किसी समुदाय की प्रगति हमेशा उसकी शिक्षा पर निर्भर है। 374 115. 11.1.1950 हिंदू कोड बिल, सिविल संहिता की दिशा में एक सही कदम था। 375 116. 11.1.1950 हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत फि़र से गुलाम न बने। 376 117. 27.1.1950 महाराष्ट्रियन राष्ट्र के प्रति अधिक निष्ठावान, अधिक 380 कर्तव्यपरायण हैं। 118. 2.5-1950 धर्म को हर व्यक्ति, विरासत से नहीं, बल्कि तार्किक 381 ढंग से जांचे-परखे। 119. 26.5-1950 नास्तिक लोगों को अष्टांगी (eight-fold) पथ ग्रहण 383 कर लेना चाहिए। 120. 6.6.1950 बौद्ध धर्म से लोकतंत्र और समाजवादी पद्धति के समान का 385 मार्ग प्रशस्त हुआ। 121. 29.9.1950 मैं अपना शेष जीवन बौद्ध धर्म के पुनरुत्थान और उसके 389 प्रसार में लगाऊंगा। 122. 26.12.1950 बिल का उद्देश्य, स्त्रियों की सामाजिक प्रगति का था। 390 123. 12.6.1951 अनुसूचित जातियों को राजनीतिक अलगाव छोड़ देना चाहिए। 391 124. 27.10.1951 मैं उस चट्टान की भांति हूं, जो पिघलती नहीं, बल्कि नदियों 393 की दिशा बदल देती है। 125. 28.10.1951 संसदीय लोकतंत्र के असफ़ल होने से विद्रोह, अराजकता 400 और साम्यवाद का जन्म होगा। 126. 28.10.1951 यदि हमारे प्रतिनिधि नहीं चुने जाएंगे, तो स्वाधीनता एक 407 ढोंग बन जाएगी। 127. 29.10.1951 अपना लक्ष्य पाके के लिए गरीबों को अलग से एकजटु होना होगा। 416 128. 7.11.1951 हमें अपने भाई बंधुओं को बचाना चाहिए। 424 129. 20-11.1951 मैंने इस्तीफ़ा पहले क्यों नहीं दिया। 426 130. 22.11.1951 फ़ेडरेशन एक स्वतंत्र इकाई बनी रहेगी 429 131. 24.11.1951 हिन्दू कोड बिल से स्त्रियों की दशा में सुधार होगा 431 132. 25-11.1951 लोगों का आलसी और उदासीन बने रहना बुरी बात है 432 133. 26.11.1951 लोगों की भलाई के लिए प्रशासन का स्वच्छ होना आवश्यक है 434 134. 23.12.1951 गठबंधन विरोध के लिए 436 135. 31.5.1952 देश का हित मेरे हृदय में सर्वोपरि है 437 136. 28.9.1952 मेरा सम्पूर्ण ध्यान फ़ेडरेशन के लिए भवन निर्माण करने 445 पर केंद्रित है 137. 15-12.1952 विश्वविद्यालय शिक्षा को आधुनिक विश्व की आवश्यकताओं 446 को पूरा करने का जरिया समझें छात्र 138 22.12.1952 लोकतंत्र को सफ़लतापूर्वक चलाने के लिए शर्तें 447 139. 24.12.1952 ज्ञान मनुष्य के जीवन की बुनियाद है 460 140. 25.12.1952 महिलाओं की सामाजिक प्रगति में महिला नेताओं की अरुचि 461 141. 25.12.1952 मैं कड़े कदम उठाऊंगा 462 142. 12.1.1953 उस्मानिया विश्वविद्यालय ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर को 463 सम्मानित किया 143. 15.2.1953 यदि बुद्ध के उपदेशों को आत्मसात नहीं किया गया तो 466 यूरोपीय संघर्ष का इतिहास एशिया में दुहराया जाएगा 144. 2.5.1953 तथाकथित उच्च वर्गों का सफ़ाया हो जाएगा 467 145. 27.5.1953 जब तक वर्ग विहीन और जाति विहीन समाज का निर्माण 468 नहीं होता, भारत में कोई प्रगति नहीं होगी। 146. 3.6.1953 आलोचनाओं से विचलित न हों 469 147. जुलाई, 1953 राजनीति राष्ट्र के जीवन का सर्वस्व और सर्वसमाप्ति 470 148. 16.11.1953 हम केंद्र सरकार के खिलाफ़ भी अखिल भारतीय भूमि 471 सत्याग्रह जारी रखेंगे 149. 24.1.1954 धर्म के नाम पर पैसा बटोरकर बर्बाद करना अपराध है। 473 150. 3.10.1954 मेरा जीवन दर्शन 476 151. 28.10.1954 मैं गौतम बुद्ध, कबीर, महात्मा फ़ुले का भक्त हूं तथा ज्ञान, 477 आत्म-सम्मान और चरित्र का पुजारी हूं 152. 4.12.1954 भारत में बौद्ध आन्दोलन एक रूपरेखा 479 153. 25.12.1954 बुद्ध ही पाण्डुरंग थे 486 154. 5.2.1956 बुद्ध धर्म में और जैन धर्म में अंहिसा के जो उपदेश 487 अलग-अलग दिये गए हैं उनमें अंतर है 155. 12.5.1956 मुझे बुद्ध धर्म क्यों प्रिय है 488 156. 24.5.1956 भारत में बुद्ध धर्म की लहर कभी कमजोर नहीं होगी 490 157. 20.5.1956 भारत में लोकतंत्र का परिदृश्य। 492 158. 15.10.1956 बौद्ध धर्म विश्व का उद्धारक होगा 498 परिशिष्ट परिशिष्ट-I डॉ. बी.आर. अम्बेडकर द्वारा धार्मांतरण की घोषणा पर 526 गांधी जी का लेख। परिशिष्ट-II समता सैनिक दल का संविधान। 533 परिशिष्ट-III खरी खरी बात। 539 |
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38 | 1. जन्म आधारित श्रेष्ठता और पवित्रता के कारण गुणहीन ब्राह्मणों का भी 1 कल्याण हुआ है 2. उन्नति में बाधक बनने वालों का निषेध 7 3. सात करोड़ अस्पृश्य हिमालय को जमीनदोस्त कर सकते हैं 11 4. समाज जीवन में निरपेक्ष कर्तव्य भावना से संघर्ष करना चाहिए 13 5. घनघोर संग्राम करने पर ही मनुष्यता वापिस मिलेगी 24 6. मै अपनी अंधी जनता की लाठी हूं 30 7. जागृति की ज्योत को कभी भी बुझने न दें 32 8. राज्य का अभिमान न हो तो राज्य टिकता नहीं 48 9. अपना उद्धार करने के लिए खुद ही कमर कसनी चाहिए 50 10. हमें निडर और स्वाभिमानी लोग चाहिएं 51 11. महार जाति पर स्वार्थी होने का आरोप निराधार 53 12. हमें मिसाल बनानी चाहिए कि हम किसी से कम नहीं 57 13. बहिष्कृत छात्रों के कर्तव्य निभाने पर ही बहिष्कृत समाज का भवितव्य 58 निर्भर करता है 14. अस्पृश्यता और सत्याग्रह की सफ़लता 60 15. अस्पृश्यों की उन्नति की आर्थिक बुनियाद 79 16. अधिकारों की रक्षा के लिए सज्ज हों 92 17. महाड सत्याग्रह परिषद 94 18. अस्पृश्य होते हुए भी अस्पृश्यों के आंदोलन में सहभागी न होना लांछन है 129 19. अस्पृश्यों की उन्नति और महिलाओं की जिम्मेदारी 132 20. बदले हालात का खयाल रखें 136 21. स्पृश्यों को अस्पृश्यों के बजाय स्पृश्यों को उपदेश देना चाहिए 138 22. अस्पृश्यता जातिभेद की पैदाइश है 140 23. इसी जन्म में सर्वांगीण उन्नति करनी होगी 144 24. अपने हक प्रस्थापित करने के लिए हमले की नीति अपनाए 145 बगैर कोई चारा नहीं 25. गुलामी की व्यवस्था को नष्ट कर बुरे रीतिरिवाजों को तिलांजलि दो 150 26. आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का कोई पर्याय नहीं 154 27. मुंबई इलाके की प्राथमिक शिक्षा की प्रगति 157 28. इंसानियत के अधिकार के लिए अत्याचार के खिलाफ़ विद्रोह करें 163 29. अस्पृश्यों द्वारा दिया गया धर्म परिवर्तन का नोटिस 165 30. सभी अस्पृश्यों को हम समान मानते हैं 167 31. मजदूरों की कोई जाति नहीं होती कहने वाले स्पृश्य नेता इसका जवाब दें 169 32. सिर्फ शिक्षा पाने से योग्यता हासिल नहीं होती 173 33. अखंड भारत हमारा ध्येय है 178 34. देश के स्वराज का मैं समर्थन करता हूं 222 35. जब तक इस देश में अंग्रेज सरकार है, हमारे हाथ में सत्ता आना संभव नहीं 228 36. भारत का सुरक्षा विशिष्ट जातियों तक सीमित न होकर सभी जनता के 237 लिए हो 37. मैं (बेढंगे) विचित्र देशभक्तों की तरह नहीं हूँ 239 38. स्वराज में अस्पृश्य जनता समान अधिकारों के साथ रह सके 244 39. निश्चय के साथ लड़ी सम्मान की लड़ाई में ही अपने आंदोलन की 248 सफ़लता है 40. अस्पृश्यों को आपस में भिड़ाने वाले हितशत्रुओं की कारस्तानी पहचानिए 251 41. कठिन स्थितियों से संघर्ष करके ही समाज की उन्नति की जा सकती है 255 42. दुनिया में व्याप्त गुलामी की सभी पत्तियों में अस्पृश्यता भयंकर और भीषण है 256 43. अस्पृश्य महिलाएं सर्वांगीण सुधार के लिए प्रयत्नशील रहें 258 44. लडाई अगर कांटे की हो तो भी उसे पार लगाने की जिम्मेदारी 260 अपनेपन की भावना के साथ निभाए 45. अपने लोगों के हितसंबंधों का मैं खुद प्रतिनिधि हूँ 262 46. देश की एकता के लिए संगठन जरूरी है 266 47. स्वाभिमान और आजादी का दीप कभी ना बुझने दें 271 48. स्वावलंबन के लिए अखबारों की जरूरत 275 49. फ़ूट डालने वाली नीति का मैंने अपने पर असर नहीं होने दिया 276 50. किसी के भी बहकावे में आपस में फ़ूट न पड़ने दें 279 51. अस्पृश्य समाज के हाथों में राजनीतिक सूत्र होना जरूरी है 280 52. अपने पैरों पर खडे़ रहने के अलावा युवाओं के सामने कोई रास्ता नहीं है 288 53. भगवान के दर्शन के बिना कोई मरता नहीं 289 54. आज हमारा संघर्ष राजनीतिक सत्ता के लिए है 291 55. अस्पृश्य समाज के लिए शिक्षा के प्रसार की बेहद जरूरत है 295 56. अपके लोगों के न्यायपूर्ण अधिकारों के लिए लड़ते हुए अगर किसी के रास्ते 298 के लालटेन लगाने के खंभे पर फ़ांसी चढ़ाया तो भी मुझे उसकी परवाह नहीं 57. पूना (पुणे) समझौता बंधनकारी मान कर स्पृश्य बंधु कार्य करे 351 58. मंदिर जाने से आपका उद्धार नहीं होगा 354 59. भोलीभाली कल्पनाओं के कारण मृत्युलोक का जीवन कष्टकारक हुआ है 358 60. पढ़े-लिखे लोग छुआछूत को खत्म करें 362 61. परंपरा से चले आ रहे कामों को छोड़, शिक्षा पाने की कोशिश करें 363 62. आपसी भेदभाव को मिटाना ही ठीक है 365 63. एक होकर रहें तो भावी राजनीति अपनी गुलामी को खत्म करेगी 367 64. भाग्य पर भरोसा करके ना बैठिए, जो करना हो वह अपनी भुजाओं के 369 बल पर करिए 65. कोकणस्थ, देशस्थ का भेद मुझे मंजूर नहीं 373 66. लोगों की धर्म भीरूता का फ़ायदा उठाने वालों से चौकस रहें 375 67. छात्रवस्था में ही अपनी योग्यता बढ़ाएं 381 68. नकली और स्वघोषित नेताओं से सावधान रहें 383 69. तुम्हें ही अपनी जिम्मेदारियों को पहचानना होगा 386 70. जातिभेद नष्ट किए बगैर उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ना असंभव है 389 71. कूपमंडूक मानसिकता को त्याग कर सार्वजनिक कार्यों के लिए चंदा दें 391 72. अंग्रेज सरकार इस देश में कुछ नहीं करती है 393 73. बुद्धि का उपयोग रोटी, शिक्षा और राज्य की सत्ता पाने के लिए हो 398 (वसई के सोपारे गांव में दिया भाषण)’ 74. हिंदू समाज अपनी शक्ति का उपयोग ईमानदारी से समाज सुधार 401 के लिए करे 75. कितने दिनों तक गुलामी का अपमान सहें? 403 76. गरीब छात्रों की शिक्षा के लिए पैसों का उपयोग करना बेहतर होगा 413 77. अस्पृश्य हिंदू के रूप में पैदा हुआ, लेकिन मैं हिंदू के रूप में नहीं मरूंगा 414 78. जो धर्म इंसान के साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता उसे धर्म कैसे 418 कहा जाए? 79. धर्म परिवर्तन से सभी अल्पसंख्यकों का कल्याण होगा 424 80. सभी को दृढ़निश्चय और संगठित होकर आगे बढ़ना है 431 81. आप गुलामों की तरह जीना चाहते हैं या आजाद इंसानों की तरह 433 जीना चाहते हैं? 82. आंदोलन का फ़ायदा सभी अस्पृश्यों को हुआ 442 83. वोट बेचना अपराध तो है ही साथ ही वह आत्मघात भी है 444 84. हम सात करोड़ अस्पृश्य एक साथ धर्मांतरण करेंगे 452 85. राजनीतिक सत्ता का उपयोग न्यायपूर्ण और उदार बुद्धि से करना होगा 453 86. सैंकडों साल प्रतीक्षा करने के बाद भी, जो कार्य नहीं हो पाता, वह इन 456 दस सालों में हुआ है 87. जिस धर्म में समता, प्रेम और अपनापन नहीं, वह धर्म, धर्म ही नहीं है 458 88. अपने मिट्टी के मोल जीवन को सोने जैसे दिन प्राप्त हों, 460 इसलिए धर्मांतरण की आवश्यकता है 89. ‘मुक्ति कोन पथे?’ 465 90. आज साधुता का केवल ढांचा बचा है 507 91. अपनी पार्टी के लायक उम्मीदवार को ही चुन कर विधिमंडल में भेजें 513 92. धर्म परिवर्तन से अस्पृश्यों को समानता का अधिकार प्राप्त होगा 518 93. बहनों, समाज पर बट्टा लगाने वाले धंधे से मुक्त हो जाओ 529 94. इस बार हमें बडा समंदर पार कर जाना है 533 95. अंधे और स्वार्थी नजरिए से पूरे समाज का नुकसान होगा 536 96. जिस पेड़ की छांव में सुखपूर्वक बसना है, उसकी डालें तोड़ने की 540 क्रूरता ना करे |
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39 | 97 16.1.1937 ये पद सम्मान के नहीं, कुछ कर दिखाने के हैं 1 98 24.1.1937 पक्ष, लक्ष्य और सिद्धांत न होने वाले त्रिशंकु उम्मीदवारों को ना चुनें 9 99 25.1.1937 जाली दस्तावेज बनाने वाले क्या गरीबों, खेतीहरों, मजदूरों का कल्याण करेंगे? 15 100 25.1.1937 सावधानी बरतें, बहकावे में ना आएं 19 101 30.5.1937 चुनाव जीतने भर से आंदोलन का काम पूरा हुआ ऐसा ना समझें 21 102 20.7.1937 अनुशासन और संगठन हमारे पक्ष के लक्ष्य हैं 27 103 31.7.1937 साम्राज्यवाद से हजारों गुना बुरा है ब्राह्मण 29 104 14.8.1937 संगठन बना कर स्वतंत्र लेबर पार्टी को बलवान बनाओ 35 105 23.8.1937 प्रांत मंत्रीमंडल प्रांत की बुद्धि का अलौकिक भंडार हो 39 106 28.8.1937 ऐसे भगवानों की पूजा क्यों करें? 42 107 6.11.1937 काननू ऐसे बनवाले कि बहुजन समाज के साथ अन्याय न हो 45 108 7.11.1937 मैंने जो कमाया है वह पूरे अस्पृश्य समाज के लिए है 52 110 14.11.1937 अपने अस्तित्व को स्वतंत्र रखे बगैर दुख व्यक्त नहीं किया जा सकता 53 111 20.11.1937 नेताओं की मृत्यु के बाद भी समाज कार्य चिरकाल तक निरंतर चलता रहे 55 112 31.12.1937 जातिभेद के कारण ही अस्पृश्य समाज में एका नहीं है 58 113 31.12.1937 जुल्म ढाने वालों का मुकाबला करने के लिए तैयार रहें 61 114 1.1.1938 राजनीति की गाड़ी खींचते हुए ध्यान रखें कि 66 उसका पहिया आपको कुचल न दे 115 10.1.1938 क्या कभी सांप-नेवला, चूहा-बिल्ली के बीच दोस्ती हो सकती है? 68 116 18.1.19388 राष्ट्रीय एकता की भावना का विनाशक है हिन्दु-मुस्लिम विभाजन 74 117 12.2.1938 चातुर्वर्ण्य के कारण हिन्दुस्तान की अवनति और पतन हुआ है 76 118 12/13.2.1938 आजादी, समता, बंधुभाव पर आधारित नई पद्धति श्रमिक संगठनों का लक्ष्य हो 81 119 12.2.1938 शील और सौजन्य के अभाव में शिक्षित व्यक्ति हिस्र पशु से भी क्रूर और डरावना होता है 103 120 25.2.1938 गरीबों के पेट पर लात मारने वाली सरकार का सत्ता से हटना ही बेहतर है 107 121 7.3.1938 अपराधी को सुनाई सजा स्थगित करना यानी सजा को रद्द करना ही होता है 111 122 19.3.1938 सत्याग्रह की सफलता का श्रेय सबका है, मुझ अकेले का नहीं 116 123 27.3.1938 अमीरों के धान से अगर पार्टी का कामकाज चलेगा तो पार्टी की विशिष्टता खत्म हो जाएगी 119 124 1.4.1938 सामाजिक उन्नति का कारण है बदले हुए हालात 121 125 4.4.1938 हम पहले और आखिर में भी केवल भारतीय हैं इस सोच को अपनाएं 122 126 20.4.1938 अपने पवित्र मत बेचें नहीं, उन्हें सत्कार्य में लगाएं 124 127 20.4.1938 औरों पर निर्भर रहना यानी एक बार फिर पेशवाई वाला मटका गले में लटकाना होगा 126 128 27.4.1938 दंगों पर नियंत्रण के लिए कड़े उपाय करना जरूरी 127 129 10.5.1938 चुने गए लोग अपना काम करते हैं या नहीं इस पर ध्यान रखें 129 130 11.5-1938 …तो अपनी अलग यूनियन बनाएं 131 131 14.5-1938 अपने न्यायपूर्ण अधिकार पाने के लिए युवाओं को अपनी जान न्यौछावर करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए 133 132 15.5.1938 बहुसंख्यक किसान और मजदूर वर्ग को देश का असली सत्ताधारी वर्ग बनना चाहिए 137 133 16.5.1938 जीवन में सर्वोच्च स्थान पाने की महत्वाकांक्षा पालिए 141 134 20.5.1938 जमींदारी खत्म करने का बीड़ा मैंने उठाया है 144 135 21.5.1938 अपनी पार्टी के सदस्य बनें, अपनी पार्टी की ताकत बढ़ाएं 146 136 22.5.1938 आपसी फूट के कारण काम नहीं बनते 148 137 17.6.1938 ब्रह्ममदेव भी चाहें तो हमारी राजनीतिक उन्नति रोक नहीं सकते 150 138 19.6.1938 औरों का मुंह ताकने वालों का काम अधूरा रह जाता है 155 139 4.8.1938 महाराष्ट्र के लोग क्यों पिछड़ जाते हैं? 158 140 5-8.1938 गंदगी जिन्होंने फैलाई वही उसे साफ करें 164 141 19.9.1938 लंबे समय तक मेहनत और कोशिश करने से ही सफलता मिलती है 168 142 15-9.1938 जनतंत्र की विंडबना है कामगारों को बंधक बनाना 176 143 16.10.1938 पूंजीपतियों की कृपा से मेहनतकशों का कल्याण होना असंभव है 190 144 22/23.10.1938 जब महात्माजी से मेरी मुलाकात हुई थी…. 192 145 26.10.1938 राजनीति में बोला हुआ तुरंत भूल जानाश चाहिए 197 146 6.11.1938 मालिकों-मजदूरों के झगड़े मिटाने वाला कानून असल में मजदूरों का बेड़ा गर्क करने वाला कानून है 200 147 7.11.1938 हर हाल में मजदूरों के प्रतिनिधियों को ही चुनना होगा 203 148 3.12.1938 स्वतंत्र लेबर पार्टी का प्रभाव 205 149 12.12.1938 बेलिफ मेरी किताबों को छू भी ले तो मैं उसे गोली मार दूंगा 207 150 6.1.1939 स्वराज यानी स्वतंत्रता, इंसानियत और समान अधिकार 211 151 8.1.1939 समता सैनिक दल का सैनिक निर्भय योद्धा ही तो है 214 152 30.1.1939 रियासतों का संविधान दोबारा लिख कर पूरे हिंदुस्तान को व्यापने वाली नागरिकता के निर्माण की जरूरत है 219 153 21.2.1939 शराब पर पाबंदी लगाने से अधिक महत्वपूर्ण है शिक्षा का मसला 223 154 26.2.1939 जिलावर आंदोलनों से संगठन शक्ति कमजोर हो जाएगी 228 155 21.3.1939 साम्राज्यशाही, पूंजिपतियों की सत्ता, जमींदारशाही और मध्यवर्गीय हिंदी व्यापारियों के दबावों से राष्ट्र को मुक्त करना ही संपूर्ण स्वतंत्रता पाना है 230 156 2.4.1939 सभी राजनीतिक दल एक होकर हिंदी राजनीति की धुरा सम्भालें 231 157 23.4.1939 बाड़ों में बंद रहने वाले जानवरों से रियासतों के लोगों की स्थिति अलग नहीं 232 158 18.6.1939 इमारत फंड में अपनी एक महीने की तनख्वाह दें 236 159 2.7.1939 धार्मांतरण का एक उद्देश्य है अस्पृश्यों में व्याप्त जातिभेद को नष्ट करना 238 160 12.7.1939 कर बढ़ाकर होने वाली आय पर किसका हक? 241 161 26.10.1939 आजादी का मतलब यह कतई नहीं हो सकता कि उच्चवर्णियों को आजादी और हम पर अधिराज्य 243 162 16.12.1939 न्यायपूर्ण अधिकार पाने के आड़े सरकार आए तो विद्रोह करो, लेकिन अन्याय न सहो 246 163 24.12.1939 युवकों, निर्भंय बनो स्वाभिमान डिगने न दो 252 164 25-12.1939 सभी पिछड़ी जातियां एकजुट होकर काम करें 255 165 26.12.1939 अन्याय करनेवालों को स्वराज मांगने का कोई अधिकार नहीं 257 166 26.12.1939 स्वराज आपका और राज हम पर! 258 167 30.12.1939 जनतांत्रिक प्रणाली से हिंदुस्तान को परहेज क्यों? 262 168 30.12.1939 शाहू छत्रपति ने ब्राह्मण्य का किला ढहा दिया 267 169 31.12.1939 मेरे बाद भी अपनी एकजुटता कायम रखना 271 170 2.1.1940 युद्ध के बाद हिंदुस्तान के सामने बड़ी-बड़ी समस्याएं उपस्थित होंगी 272 171 3.1.1940 महारों की काफी जमीन और महारों की बस्ती गुलामी की ही निशानियां हैं 274 172 28.1.1940 सेना में भर्ती होकर सम्मान के पद हासिल करो 277 173 4.2.1940 देश हित के लिए निजी हित त्यागने को मैं तैयार हूं 278 174 19.3.1940 राजनीतिक आजादी पाते ही जनता का कल्याण होगा यह भ्रम है 281 175 19.3.1940 मेरी राय में व्यवहार कुशलता और चारित्रिक संपन्नता ये दो महाराष्ट्रीय लोगों के गुण हैं 292 176 14.7.1940 छापाखाना और ‘जनता’ पत्रिका स्वतंत्र लेबर पार्टी के सहारे बढ़ रहे वृक्ष की जड़ें हैं 296 177 28.7.1940 निश्चय और निष्ठा के साथ चुपचाप कार्य करने वाले कार्यकर्त्ता चाहिए 297 178 26.8.1940 आंदोलन का प्रभावी साधन हैं अखबार 299 179 22.9.1940 दूरदृष्टि और बचत इन दो गुणों को भावी पीढी़ संजाए 301 180 10.10.1940 अस्पृश्यों से प्राप्त धान से ही आंदोलन के लिए भव्य इमारत बनाइए 302 181 1.11.1940 …तो गांवों के अन्याय पीड़ित लोगों की मदद की जा सकती है 303 182 23.11.1940 सार्वजनिक कामों के लिए एका जरूरी 306 183 24.11.1940 अभी कोंपलें निकली हैं, यह संकेत है कि फल आएंगे 309 184 7.12.1940 …ऐसा भेदभाव अधाःपतन की ओर से जाएगा 312 185 15-2.1941 बच्चों को पढ़ाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना 316 186 23.2.1941 मैं पूछता हूं अस्पृश्य गवर्नर क्यों नहीं हो हो सकता? 319 187 11.5.1941 कुत्ते की नहीं, इंसान की मानसिकता अपनाएं 324 188 17.5.1941 आपका स्वार्थ त्याग और साहस अपूर्व है 327 189 13.7.1941 लड़के-लड़कियों को पढ़ाइए परंपरागत कामों में उलझा कर ना रखें 328 190 16.8.1941 अंग्रेज सरकार ने हमारे लिए क्या किया? 332 191 24.9.1941 अंग्रेजों को बचाने के लिए नहीं, अपना घर बिखर न जाए इसलिए…. 337 192 11.1.1942 अपनी रक्षा के लिए सुरक्षा बलों का गठन कीजिए 342 193 26.4.1942 कोई और आकर आपको नहीं उबारेगा, अपने उद्धार के लिए खुद आपको ही कमर कसनी होगी 345 194 18/19.7.1942 जनतंत्र जीवित रहा तो उसके फता जरूर मिलेंगे, लेकिन अगर जनतंत्र का खात्मा हुआ तो विनाश अटल है 348 195 20.7.1942 शिक्षित बनो, आंदोलन करो, संगठित हों, आत्मविश्वास बनाए रखो, कभी धीरज ना खोना-यही हमारे जीवन के पांच सूत्र हैं 366 196 18/19.7.1942 ब्राह्मणवाद पर प्राणघातक वार 369 197 20.7.1942 महिलाओं की उन्नति पर ही समाज की उन्नति निर्भर करती है 372 198 20.7.1942 राजनीतिक समता के लिए जरूरी है स्वतंत्र राजनीतिक अधिकार 373 199 21.7.1942 तीन बातें मैं होने नहीं दूंगा 376 200 16.5.1943 केवल स्वराज मिलने में फायदा नहीं, महत्वपूर्ण यह भी है कि वह किसके हाथ में रहेगा? 377 201 16.5.1943 …जो सुसंस्कृत और सुखी जीवन प्राप्त होने का व्यक्ति का मूलभूत अधिकार प्रस्थापित होगा 378 202 17.9.1943 सरकार पर कब्जा करना कामगारों का लक्ष्य हो 379 203 30.1.1943 हर जगह समता सैनिक दल की शाखाएं स्थापन कर अपनी शक्ति बढ़ाएं 385 204 30.1.1944 सत्ता के समान विभाजन के बगैर स्वराज क्या मतलब? 387 205 20.9.1944 किसी भी अन्य समुदाय से बढ़कर अस्पृश्यों को आजादी के बारे में आत्मीयता है 391 206 22.9.1944 मालिकों के अधिकतम मुनाफे की सीमा निर्धाशरित करने की नीति केन्द्र सरकार को अपनानी चाहिए 395 207 22.9.1944 ऐसी आजादी के लिए लड़ना पड़े तो मैं हमेशा तैयार हूं 396 208 23.9.1944 भारत के भावी संविधान में श्रमिकों के राजनीतिक अधिकारों को प्रधानता देनी होगी 400 209 24.9.1944 बुद्धिवाद ही हमारे धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक जीवन की बुनियाद होनी चाहिए 401 210 24.9.1944 सत्ता में होने के बावजूद गैर-ब्राह्मण पक्ष ब्राह्मण्य को खत्म नहीं कर पाया 403 211 24.9.1944 शासक समुदाय बनना ही हमारा लक्ष्य और आकांक्षा 406 212 26.9.1944 युद्ध के बाद तानाशाही स्थापित न हो 414 213 26.9.1944 ब्राह्मणों के जातिभेद के बीज के कारण गैर-ब्राह्मण मानवी सद्गुणों से वंचित रहे 415 214 28.9.1944 पार्टियों और जातियों के आपसी सहयोग से ही राजनीतिक पेंच हल होंगे 417 215 29.11.1944 बुद्ध ने वेदों पर हमला बोला इसी कारण शूद्रों का सेवा धर्म गया और वे शासक बने 419 216 2.1.1945 शिक्षा की जगह छात्रें का राजनीति में दिलचस्पी लेना शिक्षा का पतन है 422 217 4.1.1945 सत्ता किसी की भी हो, दलितों के दमन की ही कोशिश होगी 423 218 6.5.1945 अपनी हिम्मत ओर कर्तृता के सहारे देश के लिए जो करना है वह हम अपने बल पर करेंगे 425 219 6.5.1945 हमें जातीय बहुमत नहीं, राजनीतिक बहुमत चाहिए 435 220 14.5.1945 अस्पृश्य समाज की अपनी सबसे सुन्दर और उपयुक्त इमारत बने 467 221 3.10.1945 व्यक्ति की आजादी के मूल्यमापन का मूलभूत माप है राजनीति 469 222 4.10.1945 अपनी उन्नति की खातिर हमें देश को मिलने वाली सत्ता में शामिल होना चाहिए 472 223 23.11.1945 मजदूरों की बेहतरी के लिए जो रकम जोड़ी जा रही है धानिक उसका विरोध न करें 485 224. 30.11.1945 मुझे केवल स्वराज नहीं, संपूर्ण स्वराज चाहिए 486 225 30.11.1945 चुनावों के जरिए ही राजनीतिक सत्ता हासिल की जा सकती है 489 226 6.12.1945 कामगारों के लिए मानवी हक जरूरी हैं 495 227 9.12.1945 शिक्षा के बगैर महत्वपूर्ण पद हासिल नहीं किए जा सकते 496 228 9.12.1945 अधिकारों के किले अपने कब्जे में हों तो डरने की जरूरत नहीं 498 229 10.12.1945 अन्याय का विरोध किए बगैर अपना उद्धार कैसे संभव है? 503 230 12.12.1945 कम्युनिस्टों से सावधान रहें 508 231 23.12.1945 अस्पृश्य लोगों को चुनाव में बेहद सावधान रहना होगा 511 232 27.12.1945 अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए फेडरेशन को अपूर्व विजय दिलाएं 512 +B42 |
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40 | खंड 18, भाग 3 233 14.1.1946 जो लोग करोड़ों लोगों को अछूत और अपराधी मानते हों 1 उन्हें आजादी मांगने का हक नहीं 234 14.1.1946 क्षमतावान न भी हों तो चलेगा, लोग निष्ठावान होने चाहिएं 3 235 15.2.1946 स्वराज्य के लिए मेरा कतई विरोध नहीं, परंतु स्वराज्य में 8 हमें भी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए 236 16.2.1946 राजनीतिक सत्ता में मुख्य पद हासिल करो 12 237 17.2.1946 सिर पर कफ़न बांध कर हम युद्धभूमि में उतरे हैं 15 238 26.3.1946 बात राष्ट्रवाद की, कृति जातिवाद की 24 239 25-6.1946 हम शायद आज लड़ाई हारे लगें लेकिन युद्ध हम 31 जरूर/निश्चित जीतेंगे 240 21.7.1946 इस देश का कोई भी राजनीतिक दल हमारी आजादी की 34 लड़ाई का समर्थन नहीं करता….. 241 5.8.1946 अधिकार हासिल करने के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी 39 242 17.12.1946 समय और परिस्थितियों को अनुकूल बनाया जाए तो दुनिया की कोई भी शक्ति इस देश को एक होने से रोक नहीं सकती 40 243 फ़रवरी/मार्च1947 सत्य की खोज के लिए मनुष्य को पूरी आजादी मिलनी चाहिए 48 1947 244 12.4.1947 आर्थिक लूट रोकने के लिए राष्ट्रीय समाजवाद का अनुसरण 52 करना ही एकमात्र रास्ता है 245 12.4.1947 प्रोफ्रफ़ेसर अध्ययन, अध्यापन और अनुसंधान के कार्य के लिए 53 समर्पित रहें 246 14.4.1947 देश को आजाद करने की राह में बाधाएं पैदा नहीं करना मेरी 56 नीति है 247 27.5.1947 अस्पृश्य मजदूर बिना किसी की बातों में न आए और अपने 59 संगठन को मजबूत करें 248 22.6.1947 मुझे कार्यक्षम लोग चाहिएं जिनकी क्षमता के बारे में 61 मुझे भरोसा हो 249 7.7.1947 दुनिया के न्यायालय के सामने अंग्रेजों को जवाब देना पड़ेगा 62 250 4.10.1947 समाज के विश्वास का नेता बन कर समाज का सही 64 मार्गदर्शन करें 251 10.10.1947 अल्पसंख्यकों को मनाना ही चाहिए, अधिकार के नाम पर उन पर अत्याचार न करें 63 252 14.1.1948 राजनीति की लगाम शिक्षा के बगैर हाथ नहीं आने वाली 72 253 18.4.1948 धार्मिक कानून के खिलाफ़ धर्मनिरपेक्ष कानून की लड़ाई में धार्मिक कानून का पलड़ा भारी हो तो देश का विनाश अटल है 76 254 25.4.1948 मैं पत्थर की तरह मजबूत हूं, पिघलने वाला नहीं, आपका हाल अलग है, आप ढेले की तरह बिखर जाओगे 78 255 4.11.1948 संविधान के तहत अगर कुछ गलत बातें होती हैं तो जिम्मेदारी संविधान की नहीं मनुष्य की दुष्टता की होगी 84 256 22.12.1948 काम करना जिन्हें पसंद है उन्हें मौका दें, आपस में झगडें नहीं 114 257 16.1.1949 औरों की हवेली में घुसना बड़ी मूर्खता है, अपनी कुटिया की रक्षा करें 117 258 21.1.1949 दूसरों पर निर्भर रहने की वृत्ति को त्याग कर एकजुट हों और संगठन को प्रभावी बनाएं 121 259 21.1.1949 केवल राजनीतिक विकास से जीवन के सवाल हल नहीं होते 125 260 26.2.1949 हिंदू आचारधर्म के जर्जर हिस्सों की मरम्मत के अलावा 127 हिंदू कोड बिल में और कुछ नहीं 261 19ध20.11.1949 अपना भविष्य उज्ज्वल है 130 262 25.11.1949 राजनीतिक दल अपने तत्वों को देश से बड़े मानने लगें तो आजादी खतरे में आएगी 135 263 11.1.1950 हिंदू कानून को सिलसिलेवार बनाना होगा। 152 264 11.1.1950 विदेशियों की गुलामी अगर दुबारा झेलनी पड़े तो वह 160 आत्मनाश ही होगा 265 27.1.1950 महाराष्ट्र की परंपरा है ईमानदारी, कर्तव्यों के प्रति जागरुकता और राष्ट्रहित का दृष्टिकोण 168 266 2.5-1950 भारत देश की महानता बौद्ध धर्म के कारण है 170 267 26.5-1950 धर्म प्रसार के लिए बौद्धधर्मी देश त्याग करें 174 268 6.6.1950 बौद्ध धर्म के कई तत्वों को हिंदु धर्म ने आत्मसात किया 176 269 6.6.1950 बौद्ध धर्म ब्राह्मण धर्म के लिए चुनौती है 182 270 6.6.1950 बौद्ध धर्म के अलावा अछूतों के उद्धार का और कोई रास्ता नहीं 184 271 10.6.1950 संविधान की नीति का कड़ाई से पालन करें 186 272 21.7.1950 संगठन से ही राजनीतिक ताकत प्राप्त होगी 188 273 23.7.1950 वकालत पेशे में नीति के मार्ग से चलना चाहिए 190 274 23.7.1950 छात्रों! पराक्रमी और धैर्यवान बनो 192 275 1.12.1950 दीवानी संहिता भारतीय संविधान के मार्गदर्शक सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए 193 276 14.1.1951 बौद्ध धर्म फि़र इस देश का धर्म बनेगा 194 277 15-4.1951 अछूत समाज पर होने वाले अत्याचारों का दलित प्रतिनिधि पर्दाफाश करें 197 278 20.5.1951 बुद्ध ने वर्णाश्रम धर्म नकारा 199 279 1.9.1951 उच्च शिक्षा ही हमारी सभी सामाजिक बीमारियों का इलाज है 202 280 27.10.1951 मैं नदी की धारा मोड़ने वाले मजबूत पहाड़ की तरह हूं 211 281 28.10.1951 हमारे सच्चे प्रतिनिधि अगर संसद तथा राज्यसभा में हों 219 तभी वे हमारे हित में लड़ सकेंगे 282 29.10.1951 देश पर संकट आए तो मुकाबला करने वालों में हम सबसे 227 आगे रहेंगे 283 15-11.1951 किसने योजना बनाई इसके बजाय देखें कि योजना कैसी है 232 284 15-11.1951 दुनिया के राष्ट्रों की राय में फ़ेडरेशन का घोषणापत्र सर्वोत्तम 235 285 17.11.1951 सत्ता में आने वाले हर पक्ष को जनता की संपूर्ण हितसाधना के लिए ज्योतिबा फ़ुले की नीति और प्रजातंत्रवादी दर्शन के सहारे ही आगे बढ़ना होगा 236 286 22.11.1951 इकतरफ़ा राजनीति कभी सफ़ल नहीं हो सकती 240 287 24.11.1951 हिंदू कोड बिल पास होना ही चाहिए 248 288 25-11.1951 प्रजातंत्र में विपक्षी दल की बहुत जरूरत होती है 249 289 26.11.1951 सच्चाई को दरकिनार कर कृतज्ञ रहने को मैं मानवी व्यक्तित्व की हत्या मानूंगा 253 290 19.12.1951 राजनीतिक अधिकारों के प्रति जागरुकता आने पर ही बड़ी संस्थाओं के साथ लड़ा जा सकता है 257 291 21.12.1951 अल्पसंख्यक समुदायों के बुनियादी अधिकार सुरक्षित रहने चाहिए 258 292 23.12.1951 जरूरी है कि चुनाव निष्पक्ष हों 260 293 11.5-1952 आर्थिक भार सह कर सरकार कम कीमत पर अनाज उपलब्ध कराए 262 294 31.5-1952 ….सत्ताधारी पक्ष के साथ मतभेद होने के बावजूद देश का कभी अपमान नहीं होने देंगे 263 295 14.7.1952 सार्वजनिक फ़ंड का सही उपयोग करें 269 296 20-7.1952 क्या शिक्षित युवा समाज की उन्नति के लिए कुछ करेंगे? 273 297 17.8.1952 संघर्ष के सहारे मैंने अछूतों में ज्वलंत स्वाभिमान जगाया है 275 298 28.9.1952 सार्वजनिक धन के गलत इस्तेमाल जैसा नीच कृत्य कोई 278 और नहीं 299 15.12.1952 विश्वविद्यालयों में भावी जीवन का निर्माण होता है। इस बारे में छात्रें में सजगता होना जरूरी है 281 300 22.12.1952 प्रजातंत्र में सफ़ल कामकाज के कुछ पूर्व सुनिश्चित शर्तें 284 301 25.12.1952 हक पाने के लिए महिलाएं अपने मन की दुर्बलता को त्याग कर, कमर कस कर आगे आएं 297 302 25.12.1952 राजनीति से लोगों में आभा और जागृति पैदा होनी चाहिए 301 303 25.12.1952 भारत के हर गांव में दक्षिण अफ्रीका है 302 304 29.1.1953 दलित अपने पर होने वाले अन्याय-अत्याचारों का पूरी ताकत से विरोध करेंगे 305 305 15.2.1953 बुद्धदर्शन अपनाकर दुनिया युद्ध से परावृत्त हो शांति के सन्नि) पहुंचेगी 306 306 26.3.1953 ईमानदारी, निष्ठा तथा अनुशासन के पालन से संगठन ताकतवर बनता है 307 307 27.5.1953 मैंने तय किया है कि अपने जीवन के आखिरी दिन बौद्ध धर्म प्रसार में बिताउंगा 309 308 29.5.1953 छवि बिगाड़ने वाली पोशाकें ना पहनें 312 309 3.6.1953 चरित्र के बिना केवल शिक्षा की कीमत शून्य है 314 310 .7.1953 हमारे कार्यकर्त्ताओं को चाहिए कि वे राजनीतिक, धार्मिक और आर्थिक समस्याओं का बारीकी से अध्ययन करें 318 311 9.8.1953 शरे बकें ताकि आपके साथ कोई टकराके की हिम्मत नहीं करगे श 322 312 5.10.1953 अस्पृश्यता नष्ट करने के लिए तत्पर न होने वाले राजनीतिक दलों से सावधान रहिए 323 313 24.1.1954 सच्चे और श्रेष्ठ धर्म की पुनःर्स्थापना करने का कठिन कार्य अब भावी पीढ़ी के जिम्मे आन पड़ा है 324 314 31.1.1954 आज देश में नैतिकता बची ही नहीं है, जिस देश की कोई नीतिमत्ता नहीं उसका भविष्य संकटमय है 326 315 20.4.1954 धर्म की तरह राजनीति में निष्ठा का पालन न किया जाए तो राजनीति लफ़ंगों का बाजार साबित होगी 328 316 20.4.1954 चुनावों द्वारा सीटें पाना एक साधन है, साध्य नहीं 330 317 21.4.1954 हमारा देश दो राष्ट्रों में विभक्त है – एक उच्च लोगों का और दूसरा निम्न लोगों का 331 318 25.4.1954 दीपमाला के न बुझने वाले दीपक की तरह हमारा पक्ष छोटा होने के बावजूद अन्य पक्षों का मार्गदर्शन करेगा 336 319 29.4.1954 आज भी आदिवासी जंगली युग में ही जीते हैं, देश को आजादी मिलने से उनके जीवन में कोई बदलाव नहीं आया 339 320 2.5.1954 व्यवहार और सिद्धांत में तालमेल न हो तो वरिष्ठ वर्ग के विनाश में देर नहीं लगेगी 340 321 8.5.1954 आपके बनाए मंदिर में बुद्ध प्रतिमा की प्रतिष्ठापना कीजिए 342 (जनता) 322 1.7.1954 समाज को गुमराह करने वाले नेताओं पर कड़ी नजर रखना जरूरी है 343 323 26.10.1954 आपकी कुटिया साबुत बची तो लोग आपकी शरण में आएंगे 345 324 28.10.1954 तीन गुरु और तीन उपास्य आदर्शों की कृपा से मेरा जीवन बना है 349 325 14.11.1954 राष्ट्र की सैनिकी सुरक्षा के लिए जरूरी है कि हैदराबाद देश की उप-राजधानी बने 356 326 14.11.1954 अधूरी शिक्षा काम की नहीं 360 327 4.12.1954 बौद्ध धर्म दर्शन के बारे में मेरे साथ चर्चा करने वाले किसी भी प्रकांड पंडित को मैं हराऊंगा 361 328 4.12.1954 ब्रह्मदेश में अस्पृश्यता न होने के कारण ही आप व्यापार और व्यवसाय में उन्नति कर पाए 364 329 25-12.1954 पढरपूर में बौद्ध धर्म का मंदिर था यह मैं साबित कर सकता हूं 366 330 14.1.1955 हिंदु धर्म में भगवान, आत्मा आदि की जगह है लेकिन मनुष्य के जीवन के लिए कोई स्थान नहीं 371 331 3.4.1955 तानाशाही और मनुष्य-मनुष्य के बीच भेदभाव करने वाली संस्कृति ये प्रजातंत्र के दो दुश्मन हैं 379 332 6.5-1955 केवल बुद्ध ने मानव की विवेक बुद्धि को आवाहन किया है 381 333 8.5-1955 बौद्ध धर्म और हिंदु धर्म में जमीन-आसमान का फ़र्क है 389 334 12.12.1955 विद्या, प्रज्ञा, करुणा, शील और मैत्री इन पांच तत्वों के आधार से हर छात्र अपना चरित्र बनाए 397 335 21.12.1955 मराठवाड़ा के विकास के लिए उचित यही रहेगा कि मराठवाड़ा आजाद हो 401 336 18.1.1956 मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करना निषेधार्ह 402 337 5-2.1956 बौद्धों तथा जैनियों की अहिंसा में बहुत फ़र्क है 403 338 18.3.1956 रोटी से अधिक महत्व स्वाभिमान का है 404 339 24.5-1956 बौद्ध धर्म की लहर कभी भी लौट नहीं जाएगी 407 340 10.6.1956 आजाद विचारों वाले, आजाद मनोवृत्ति के, निर्भय नागरिक बनें 412 341 23.6.1.956 किसी जमाने में पूरा अफ़गानिस्तान देश बौद्ध धर्मीय था 415 342 14.15-10.1956 बौद्ध धर्म से ही दुनिया का उद्धार होगा 421 343 15-10.1956 मुझे धर्म से बहुत प्रेम है और मैं उसी के लिए अपनी ताकत लगाऊँगा 460 344 15-10.1956 राजनीति में भक्ति अगर विभूती पूजा की जगह लेती है तो तानाशाही निर्माण होने का खतरा पैदा हो जाता है 463 345 16.10.1956 बुद्धं शरणं गच्छामि! 471 346 15-11.1956 दुखनिवारण का मार्ग दिवाना बौद्ध धर्म का अंतिम उद्देश्य 472 347 20-11.1956 बुद्ध या कार्ल मार्क्स 474 348 24.या11.1956 ब्रह्म सत्यांजगन्मिथ्या, यह एक बौर्धिक षडयंत्र है 485 349 24.11.1956 हर रविवार के दिन बुद्धविहार में जाना हर बौद्ध धर्मीय का आद्य कर्तव्य है 489 350 25-11.1956 बौद्ध धर्म हिंदु धर्म की शाखा है यह कहना एक शरारत और छल-कपट है 493 351 25-11.1956 मनुष्यों के बीच प्रेम, करुणा के यह आधार पर संबंध जोड़ने वाले बौद्ध धर्म का केंद्रीय सिद्धांत है समता 499 352 3.10.1954 मेरे जीवन का दार्शनिक अधिष्ठान 502 353 12.5-1956 मुझे बौद्ध धर्म क्यों प्रिय है? 504 354 20-5-1956 भारतीय प्रजातंत्र का भविष्य क्या है 506 |
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