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हर खंड में अन्दर क्या है देखने के बाद जो किताब आपको चाहिये सिर्फ उसे ही डाउनलोड करना

खंड संख्या  विषय सूची  डाउनलोड करें 
1 भाग-I
जातिप्रथा
1. भारत में जातिप्रथा        1
2. जातिप्रथा-उन्मूलन        25
भाग-II
भाषायी राज्यों के संबंधा में
3. महाराष्ट्र:  एक भाषावार प्रांत      113
4. निरीक्षण तथा संतुलन के उपायों की आवश्यकता     149
5. भाषावार राज्यों के संबंधा में विचार      157
भाग-III
नायक और नायक.पूजा
6.  रानाडे, गांधीऔर जिन्ना      235
अनुक्रमणिका        289
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2 भाग-I
संवैधानिक सुधार
1.  साउथबरो कमेटी के समक्ष दिया गया साक्ष्य     3
2.  संघ बनाम स्वतंत्रता       41
3. सांप्रदायिक गतिरोधा और उसके समाधान के उपाय    123
4.  राज्य और अल्पसंख्यक       153
भाग-II
आर्थिक समस्याएं
5.  भारत में छोटी जोतों की समस्या और उसका निवारण    229
6. श्री रसल की दृष्टि में सामाजिक पुनर्निर्माण     261
7.  अनुक्रमाणिका       275
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3 1. बजट पर चर्चा       3
2.  वित्त अधिनियम-संशोधन विधेयक      38
3.  शिक्षा के लिए अनुदान      43
4.  बंबई विश्वविद्यालय अधिनियम-संशोधन विधेयक    50
5.    बंबई प्राथमिक शिक्षा अधिनियम-संशोधन विधेयक    68
6.  बंबई वंशानुगत कार्य अधिनियम     75
7.  खोती व्यवस्था उन्मूलन विधेयक      99
(‘खोती’ महाराष्ट्र में प्रचलित शब्द)
8. ग्राम पंचायत विधेयक       108
9. स्थानीय बोर्ड अधिनियम-संशोधन विधेयक     129
10.  छोटे किसान राहत विधेयक      136
11.  बंबई पुलिस अधिनियम-संशोधन विधेयक     146
12.  बंबई नगरपालिका अधिनियम-संशोधन विधेयक    170
13. मद्यनिषेध        172
14.  प्रसूति लाभ विधेयक       176
15.  कोड़े लगाने की सजा       179
16.  मंत्रियों के वेतन विधेयक       181
17.  अपराधी परिवीक्षा विधेयक      191
18. तंबाकू शुल्क अधिनियम-संशोधन विधेयक     194
19.  न्यायपालिका की स्वतंत्रता       196
20.  पृथक कर्नाटक प्रांत का गठन      202
21. विधान सभा प्रक्रिया       212
22.  औद्योगिक विवाद विधेयक       216
23.  उपद्रव जांच समिति की रिपोर्ट      254
24.  युद्ध में भागीदारी        259
परिशिष्ट
I. जन्म-नियंत्रण के उपाय       285
II. डॉ- भीमराव अम्बेडकर द्वारा पूछे गए प्रश्न     302
III. विश्वविद्यालय सुधार समिति      321
अनुक्रमणिका        346
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4 क.  बंबई प्रेसिडेंसी की सरकार के गठन से संबंधित    3
1.  प्रांत के क्षेत्र का पुनर्वितरण       5
2.  प्रांतीय कार्यपालिका       12
3.  प्रांतीय विधायिका       30
4.  प्रांतीय स्वायत्तता        83
5.  लोक सेवाएं        91
6.  सिफ़ारिशों का सारांश       103
ख.  दलित जातियों की शिक्षा       111
ग.  दलित जातियों के हितों की रक्षा      135
घ.  भारतीय सांविधिक आयोग के समक्ष      169
च.  दलित वर्गों संबंधी भारतीय मताधिकार कमेटी    206
अनुक्रमणिका        218
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5 1.  पूर्ण अधिवेशन        1
2.  पूर्ण सम्मेलन की समिति (संघीय संरचना)    10
3.  उप-समिति संख्या 2 (प्रांतीय संविधान)     13
4.  उप-समिति संख्या 3 (अल्पसंख्यक)      30
5.  उप-समिति संख्या 6 (मताधिकार)      61
6.  पूर्ण सम्मेलन की समिति (रक्षा)      87
7.  उप-समिति संख्या 8 (सेवाएं)      90
8.  पूर्ण अधिवेशन (सामान्य पुनर्विलोकन)     108
9.  संघीय संरचना समिति       113
10.  अल्पसंख्यक समिति       173
11.  भारतीय संवैधानिक सुधार समित      196
अनुक्रमणिका        339
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6 भाग I
1.  हिंदुत्व का दर्शन        3
भाग II
1.  भारत तथा साम्यवाद की पूर्वापेक्षा      109
2.  हिंदू समाज व्यवस्था: इसके मूलभूत सिद्धांत     111
3.  हिंदू समाज व्यवस्था: इसकी अनोखी विशेषताएं    134
भाग III
1.  हिंदुत्व के प्रतीक        151
2.  अनुक्रमणिका        173
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7 भाग-I
प्राचीन भारत में क्रांति तथा प्रतिक्रांति
1.  प्राचीन भारत के इतिहास पर प्रकाश     3
2.  प्राचीन शासन प्रणाली: आर्यों की सामाजिक स्थिति    5
3.  गर्त में डूबा पुरोहितवाद       10
4.  सुधारक और उनकी नियति      18
5.  बौद्ध धर्म की अवनति तथा पतन      91
6.  ब्राह्मण साहित्य        103
7.  ब्राह्मणवाद की विजय: राजहत्या अथवा प्रतिक्रांति का जन्म   134
8.  हिंदू समाज के आचार-विचार      211
9.  कृष्ण और उनकी गीता       240
10.  विराट पर्व और उद्योग पर्व की विश्लेषणात्मक टिप्पणियां   266
11.  ब्राह्मण बनाम क्षत्रिय       280
12.  शूद्र और प्रतिक्रांति       304
13.  नारी और प्रतिक्रांति       318
भाग-II
14.  बुद्ध अथवा कार्ल मार्क्स       331
भाग-III
15.  पुस्तक योजना        361
16.  ग्रंथ-सूची        377
17.  अनुक्रमणिका        383
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8 भाग-I
धार्मिक
पहली पहेली :  यह जानने में कठिनता कि कोई हिंदू क्यों है?   7
दूसरी पहेली :  वेदों की उत्पत्ति-ब्राह्मणों की व्याख्या अथवा   11
वाग्जाल का एक प्रयास
तीसरी पहेली :  वेदों की उत्पत्ति पर अन्य शास्त्रें के साक्ष्य   13
चौथी पहेली :  ब्राह्मणों ने सहसा क्यों घोषित किया कि वेद   19
संशयरहित और असंदिग्धा है?
पांचवी पहेली :  ब्राह्मणों की इस माया की क्या तुलना कि वेद   22
न मनुष्य रचित है न भगवान की सृष्टि?
छठी पहेली :  वेदों की विषय-सामग्री: क्या वे कोई नैतिक   31
अथवा आध्यात्मिक मूल्य रखते हैं?
सातवीं पहेली :  समय परिवर्तन या ब्राह्मण यह कैसे घोषित करते  51
हैं कि वेद उनके सभी शास्त्रें से तुच्छ हैं?
आठवीं पहेली :  वेद विरुद्ध उपनिषदों का घोषित युद्ध   59
नौवीं पहेली :  उपनिषद वेदों के अधीनस्थ कैसे बने?   64
दसवीं पहेली :  ब्राह्मणों ने हिंदू देवताओं को एक-दूसरे से क्यों   68
लड़ाया?
ग्यारहवीं पहेली :  ब्राह्मणों ने देवताओं का उत्थान-पतन क्यों किया?  77
बारहवीं पहेली :  ब्राह्मणों ने देवताओं का मुकुट क्यों उतारा और  96
देवियों की ताजपोशी की?
तेरहवीं पहेली :  अहिंसा की पहेली      105
चौदहवीं पहेली :  अहिंसा से हिंसा पर वापसी    110
पन्द्रहवीं पहेली :  ब्राह्मणों ने अहिंसक देवता के साथ रक्त-पिपासु  114
देवी का विवाह क्यों किया?
परिशिष्ट-1 : वेदों की पहेलियां      125
परिशिष्ट-2 :  वेदांत की पहेली      147
परिशिष्ट-3 :  त्रिमूर्ति की पहेली      156
परिशिष्ट-4 :  स्मार्त धर्म तथा तांत्रिक धर्म    171
परिशिष्ट-5 :  वेदों की निम्रन्तिता     177
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भाग-II
सामाजिक
सोलहवीं पहेली :  चातुर्वर्ण्य – क्या ब्राह्मण अपनी उत्पत्ति से   182
परिचित हैं?
सत्रहवीं पहेली :  चार आश्रम – उनका कारण और परिणति   196
अठारहवीं पहेली :  मनु का पागलपन या मिश्रित जातियों की   205
उत्पत्ति की ब्राह्मणवादी व्यवस्था
उन्नीसवीं पहेली :  पितृत्व से मातृत्व की ओर-ब्राह्मण इससे क्या   219
लाभ प्राप्त करना चाहते थे?
बीसवीं पहेली :  कलि वर्ज्य अथवा पाप को पापकर्म घोषित किए  225
बिना उसे वंचित करने की ब्राह्मणवादी कला
परिशिष्ट-I :  वर्णाश्रम धर्म की पहेली     229
परिशिष्ट-II :  अनिवार्य वैवाहिक व्यवस्था    254
भाग-III
राजनैतिक
इक्कीसवीं पहेली :  मन्वतर का सिद्धांत     267
बाइसवीं पहेली :  ब्रह्म धर्म नहीं है – ब्रह्मा किस काम का?   272
तेईसवीं पहेली :  कलियुग – ब्राह्मणों ने इसे अनंत क्यों बनाया?   278
चौबीसवीं पहेली :  कलियुग की पहेली      296
परिशिष्ट-I :  राम और कृष्ण की पहेली     312
हस्तलिपि :        331-335
:  ग्रंथ-सूची      337-338
:  अनुक्रमणिका      339
9 भाग-I
अस्पृश्य होने का अर्थ
1. अस्पृश्यता-उसका स्रोत 5
2. अस्पृश्य-उनकी संख्या 9
3. गुलाम-प्रथा और अस्पृश्यता 14
4. भारत की बहिष्कृत बस्तियां-अस्पृश्यता की केन्द्र-समाज से बाहर 27
5. मनुष्यों में रहने के अयोग्य 37
भाग-II
दलित-उत्पीड़न
6. अस्पृश्यता और अराजकता 51
7. अराजकता कैसे जायज है? 84
भाग-III
समस्या की जड़ें
8. विदेश के तदनुरूप उदाहरण 101
9. हिंदू और सार्वजनिक विवेक का अभाव 122
10. हिंदू और उनके सामाजिक विवेक का अभाव 129
11. हिंदू और जातिप्रथा में उसका अटूट विश्वास 137
भाग-IV
अस्पृश्यों के रास्ते की अड़चनें
12. प्रशासन का दृष्टिकोण 143
13. भेदभाव की समस्या 149
14. अलग.थलग स्थिति की समस्या 154
परिशिष्ट 160
15. अनुक्रमणिका 171
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10 भाग-I
सामाजिक
1. सभ्यता या घोर असभ्यता 5
2. वह समाज जिसे हिंदुओं ने बनाया 27
3. हिंदू समाज की आधार-शिला 55
4. स्पृश्य बनाम अस्पृश्य 83
5. जातिप्रथा का अभिशाप 103
भाग-II
राजनीतिक
6. करोड़ों की आबादी को नकारने का प्रयास 121
7. अस्पृश्यों का विद्रोह 141
8. असहाय स्थिति 155
9. उनकी कामनाएं हमारे लिए कानून हैं 169
10. श्री गांधी की छत्रछाया में 187
11. गांधी और उनका अनशन 235
12. अस्पृश्यों को चेतावनी 313
भाग-III
धार्मिक
13. हिंदुओं से अलगाव 321
14. जातिप्रथा और धर्म-परिवर्तन 343
15. अस्पृश्यों का ईसाईकरण 349
16. धर्म-परिवर्तन करने वाले की स्थिति 373
अनुक्रमणिका 411
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11 पुस्तक.1
ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रशासन और वित्त प्रबंध 5
भूमिका 53
प्राक्कथन 55
परिचय 57
भाग I
प्रांतीय वित्त व्यवस्था: इसका आरंभ
1 साम्राज्यवादी व्यवस्था: इसका विकास और ह्रास 65
2 साम्राज्यवाद बनाम संघवाद 90
3 समझौता – साम्राज्यवादी प्रबंधा रहित साम्राज्यवादी वित्त व्यवस्था 100
भाग II
प्रांतीय वित्त व्यवस्था (बजट): इसका विकास
4 नियत बजट 113
5 निर्दिष्ट राजस्व बजट 137
6 सांझा राजस्व बजट 157
भाग III
प्रांतीय वित्त व्यवस्था: इसकी संरचना
7 प्रांतीय वित्त व्यवस्था की सीमाएं 205
8 प्रांतीय वित्त व्यवस्था का स्वरूप 219
9 प्रांतीय वित्त व्यवस्था का विस्तार 236
भाग IV
भारत सरकार के अधिनियम 1919 के अधीन प्रांतीय वित्त
10 परिवर्तन की आवश्यकता 251
11 परिवर्तन का स्वरूप 273
12 परिवर्तन की समालोचना 311
ग्रंथ सूची 339
अनुक्रमणिका 341
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12 प्राक्कथन- प्राफेसर ऐडविन केनन
1. दोहरे मानक से रजत मानक तक 15
2. रजत मानक और इसकी सममूल्यता का विस्थापन 61
3. रजत मानक और इसकी अस्थिरता के दोष 99
4. स्वर्ण मानक की ओर 131
5. स्वर्ण मानक से स्वर्ण विनिमय मानक तक 173
6. विनिमय मानक की स्थिरता 189
7. स्वर्ण मानक की ओर वापसी 255
8. विविध आलेख, वक्तव्य, साक्ष्य, समीक्षाएं 311
और भूमिकाएं आदि
9. अनुक्रमणिका 399
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13 अध्याय 1. शूद्रों की गूढ़ समस्या 11
अध्याय 2. शूद्रों की उत्पत्ति का ब्राह्मणवादी सिद्धांत 27
अध्याय 3. शूद्रों की स्थिति के बारे में ब्राह्मणवादी सिद्धांत 33
अध्याय 4. शूद्र बनाम आर्य 53
अध्याय 5. आर्यों के विरुद्ध कार्य 73
अध्याय 6. शूद्र और दास 87
अध्याय 7. शूद्र कौन थे – क्या शूद्र क्षत्रिय थे? 99
अध्याय 8. वर्ण तीन हैं या चार? 117
अध्याय 9. ब्राह्मण बनाम शूद्र 123
अध्याय 10. शूद्रों का पतन 135
अध्याय 11. संधि की कथा 161
अध्याय 12. सिद्धांत की परख 175
परिशिष्ठ 179
अनुक्रमणिका 189
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14 1. गैर-हिन्दुओं में छुआछूत 11
2. हिन्दुओं में छुआछूत 19
भाग दो
आवास की समस्या
3. अछूत गांव के बाहर क्यों रहते हैं? 35
4. क्या अछूत छितरे व्यक्ति हैं? 43
5. क्या ऐसे समानान्तर मामले हैं? 47
6. छितरे लोगों की अलग बस्तियां अन्यत्र कैसे विलुप्त हो गईं? 51
भाग तीन
छुआछूत की उत्पत्ति के पुराने सिद्धांत
7. छुआछूत की उत्पत्ति का आधार-नस्ल का अंतर 55
8. छुआछूत की व्यवसाय जन्य उत्पत्ति 73
भाग चार
छुआछूत की उत्पत्ति के नए सिद्धांत
9. बौद्धों का अपमान-छुआछूत का मूलाधार 79
10. गोमांस भक्षण-छुआछूत का मूलाधार 87
भाग पांच
नए सिद्धांत और कुछ प्रश्न
11. क्या हिन्दू गोमांस कभी नहीं खाते थे? 93
12. गैर-ब्राह्मणों ने गोमांस खाना क्यों छोड़ा? 101
13. ब्राह्मण शाकाहारी क्यों बने? 107
14. गोमांस भक्षण से छितरे बहिष्कृत व्यक्ति अछूत कैसे बने? 125
भाग छः
छुआछूत तथा उसका उत्पत्ति काल
15. अशुचि और अछूत 133
16. बहिष्कृत व्यक्ति अछूत कब हो गए? 145
17. अनुक्रमणिका 157
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15 भाग – I पाकिस्तान के लिए मुस्लिम पक्ष
अध्याय
1. लीग की मांगे क्या हैं? 3.10
2. एक राष्ट्र का अपने घर के लिए आह्वान 11.21
3. अधःपतन से मुक्ति 23.31
भाग – II पाकिस्तान के विरुद्ध हिंदू पक्ष
4. एकता का विघटन 35-50
5. रक्षा व्यवस्था में कमजोरी 51.87
6. पाकिस्तान और सांप्रदायिक शांति 89.111
भाग – III पाकिस्तान नहीं तो क्या?
7. पाकिस्तान का हिंदू विकल्प 115-186
8. पाकिस्तान का मुस्लिम विकल्प 187.196
9. विदेशों से सीख 197.213
भाग – IV पाकिस्तान और व्याधियां
10. सामाजिक निष्क्रियता 217.244
11. सांप्रदायिक आक्रामकता 245-267
12. राष्ट्रीय कुंठा 269.350
भाग – V
13. क्या पाकिस्तान बनना चाहिए? 353.375
14. पाकिस्तान की समस्याएं 377.393
15. कौन निर्णय कर सकता है 395-412
उपसंहार 413.422
परिशिष्ट 423.480
अनुक्रमणिका 481.484
मानचित्र 485-487
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16 अध्याय
1. अनोखी घटना 1
2. तुच्छ प्रदर्शन 21
3. तुच्छ चालें 45
4. घृणित समर्पण 109
5. राजनीतिक दान 135
6. एक झूठा दावा 157
7. झूठा आरोप 179
8. वास्तविक मुद्दा 193
9. विदेशियों से आग्रह 209
10. अस्पृश्य क्या कहते हैं? 245
11. गांधीवाद 281
12. परिशिष्ट 307
13. अनुक्रमणिका 399
वॉल्यूम 16  डाउनलोड करें
17 अध्याय
1. अछूतों की कुल जनसंख्या  1
2. अछूतों का महत्व   3
3. अछूतों की राजनीतिक मांगें   5
4. हिंदुओं का विरोध    9
5. संयुक्त बनाम पृथक मतदान   13
6. कार्यपालिका    17
7. सरकारी सेवाएं    19
8. अलग बस्तियां    21
9. जाति और संविधान   25
10. हिंदुओं और उनके मित्रों से कुछ प्रश्न 29
परिशिष्ट     37
अनुक्रमणिका     85
वॉल्यूम 17  डाउनलोड करें
18 डॉ. बी. आर. अम्बेडकर.जीवन.झाँकी XIV
वाइसराय की कौंसिल में श्रम-सदस्य के रूप में नियुक्ति XXII
अध्याय
1. श्रम संबंधी कानून में एकरूपता  3
2. भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग की उपयोगिता शाखा की सलाहकार
समिति के लिए एक सदस्य का निर्वाचन 11
3. भारत की स्थिति        13
4. भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग की उपयोगिता शाखा की सलाहकार
समिति के लिए एक सदस्य का निर्वाचन      22
5. भारतीय-श्रमिक युद्ध जीतने के लिए क्यों दृढ़ संकल्प हैं    27
6. कागज नियंत्रण आदेश        35
7. कामगारों को अपर्याप्त मंहगाई भत्ता दिए जाने के संबंध में घोषणा   40
8. भारतीय वित्त विधेयक        43
9. श्रम विभाग की स्थायी समिति के लिए सदस्यों का निर्वाचन    49
10. भारतीय चाय नियंत्रण (संशोधन) विधेयक     52
11. युद्ध आहत (मुआवजा बीमा) विधेयक      57
12. कुशल और अर्ध-कुशल कार्मिकों के लिए रोजगार कार्यालय    66
13. भारतीय बॉयलर्स (संशोधन) विधेयक      69
14. मोटर वाहन (चालक) संशोधन विधेयक      72
15. खदान प्रसूति लाभ (संशोधन) विधेयक      75
16. युद्ध-आहत (मुआवजा बीमा) विधेयक      77
17. पूर्ण श्रम सम्मेलन का प्रथम सत्र       88
18. मजदूर और संसदीय लोकतंत्र       95
19. भारतीय मजदूर संघ (संशोधान) विधेयक     102
20. भारत में विद्युत शक्ति का युद्धोत्तर विकास     110
21. श्रम सदस्य की झरिया की कोयला-खानों की यात्र     120
22. श्रम सदस्य की कोयला-खानों की यात्र      121
23. भारत में श्रम कल्याण को प्रोत्साहन      126
24. कोयले की खानों में भूमिगत कार्यों में महिलाओं की
नियुक्ति पर लगाए गए प्रतिबंधा का उठाया जाना     130
25. कोयला खान सुरक्षा (लदान) संशोधान विधेयक    135
26. श्रमिकों के प्रति सकरार की नीति      139
27. विविधा विभाग        148
28. नई दिल्ली में मस्जिदों का संरक्षण      150
29. कारखाना (संशोधान) विधेयक      153
30. कोयला खान कल्याण कोष संबंधीपरामर्श समिति     157
31. अभ्रक उद्योग को सुदृढ़ और स्थिर बनाया जाएगा     160
32. स्थायी श्रम समिति में मजदूर संघों की मान्यता पर विचार    165
33. कुशल श्रमिकों को युद्धोपरांत रोजगार      168
34. त्रिपक्षीय श्रम सम्मेलन का पूर्ण अधिवेशन     175
35. कारखाना (दूसरा संशोधान) विधेयक      187
36. वेतन भुगतान (संशोधान)विधेयक      196
37. दामोदर घाटी योजना: कलकत्ता सम्मेलन     204
38. युद्धोत्तर बिजली विकास       209
39. भारत के खनिज साधनों पर सरकार की नीति     218
40. भारत सरकार की श्रम नीति       223
41. खानों की महिलाओं को भूमिगत काम देने पर से हटाए
गए प्रतिबंधा को फिर लगाए जाने की आवश्यकता     232
42. श्रम विभाग: अनुपूरक मांग के संबंध में      239
43. खदान प्रसूति लाभ (संशोधान) विधेयक      243
44. कारखाना (दूसरा संशोधान) विधेयक      246
45. खदान प्रसूति लाभ (संशोधान) विधेयक      252
46. औद्योगिक कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा     254
47. राष्ट्रीय सेवा श्रम न्यायाधिकरण का युद्ध कार्य     256
48. दामोदर घाटी का बहुउद्देशीय विकास      260
49. भारत के औद्योगक कर्मचारियों के लिए आवास व्यवस्था    266
50. श्रमिकों के प्रति सरकारी दायित्व      268
51. उड़ीसा की नदियों के विकास की बहुउद्देशीय योजना    276
52. छंटनी के बारे में रेलवेमेंस फेडरेशन की मांग अस्वीकृत    285
53. दामोदर घाटी परियोजना चलाने के लिए गांवों को
खाली कराने का प्रस्ताव        289
54. कर्मचारी क्षतिपूर्ति (संशोधान) विधेयक      292
55. भारतीय खान (संशोधान) विधेयक      295
56. कारखाना (संशोधान) विधेयक       298
57. पुनर्वास योजनाएं        305
58. कर्मचारी कल्याण और सामाजिक सुरक्षा      309
59. मुसलमानों की स्थिति श्रम विभाग में बेहतर है     313
60. भारतीय वित्त विधेयक       321
61. कलकत्ता में गवर्नमेंट आफ इंडिया प्रेस के कर्मचारियों
की हड़ताल         330
62. कारखाना (संशोधान) विधेयक       333
63. अभ्रक खान श्रमिक कल्याण कोष विधेयक     339
64. औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) विधेयक     352
65. अभ्रक खान श्रमिक कल्याण कोष विधेयक     358
66. विविधा         360
67. अनुक्रमणिका         370
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19 भाग-1 अनुसूचित जातियों की शिकायतें
अध्याय
1. राजनीतिक शिकायतें  5
2. शैक्षिक शिकायतें  27
3. अन्य शिकायतें   34
4. पीड़ित लोगों के प्रति सरकार का कर्तव्य  38
भाग-2 सत्ता हस्तान्तरण संबंधी महत्वपूर्ण पत्र-व्यवहार
1. सर एस. क्रिप्स की टिप्पणी 46
2. डा. अम्बेडकर और श्री राजा का सर एस. क्रिप्स को पत्र 48
3. सर आर. लुमले का मार्केस ऑफ़ लिनलिथगो को पत्र 50
4. क्रिप्स प्रस्ताव 53
5. क्रिप्स प्रस्तावों पर डा. अम्बेडकर का वक्तव्य 56
6. मार्केस ऑफ़ लिनलिथगो का श्री एमेरी को तार 64
7. युद्ध मंत्रिमंडल आलेख 66
8. मार्केस ऑफ़ लिनलिथगो का श्री एमेरी को तार 68
9. मार्केस ऑफ़ लिनलिथगो का श्री एमेरी को तार 69
10. डा. अम्बेडकर का मार्केस ऑफ़ लिनलिथगो को पत्र 71
11. वायसराय की कार्यकारिणी परिषद में हुई बहस का सारांश 75
12. फ़ील्ड मार्शल वाइकाउट वेवल का श्री एमेरी को तार 77
13. डॉ. अम्बेडकर का फ़ील्ड मार्शल वाइकाउंट वेवल को पत्र 78
14. फ़ील्ड मार्शल वाइकाउंट वेवल का लार्ड पेथिक.लारेंस को पत्र 82
15. मंत्रिमंडल प्रतिनिधियों, फ़ील्ड मार्शल वाइकाउंट वेवल और
डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के बीच हुई बैठक के लिए टिप्पणी 84
16. डॉ. अम्बेडकर का भारत के गर्वनर जनरल लार्ड वेवल को पत्र 89
17. कार्यकारी परिषद के सदस्यों का फ़ील्ड मार्शल वाइकाउंट वेवल को पत्र 93
18. डॉ. अम्बेडकर का श्री ए.बी.एलेक्जेंडर, सदस्य, केबिनेट मिशन, को पत्र 94
19. डॉ. अम्बेडकर का लार्ड पेथिक.लारेंस को पत्र 101
20. लार्ड पेथिक.लारेंस का डॉ. अम्बेडकर को पत्र 103
21. राय बहादुर शिवराज का फ़ील्ड मार्शल वाइकाउंट वेवल को पत्र 104
22. श्री एटली का डॉ. अम्बेडकर को पत्र 109
23. डॉ. अम्बेडकर का श्री एटली को पत्र 112
24. लार्ड पेथिक.लारेंस का श्री एटली को पत्र 115
25. लार्ड पेथिक.लारेंस का श्री एटली को पत्र 117
भाग-3 वक्तव्य
1. अनुसूचित जातियों द्धअछूतोंऋ पर प्रभाव डालने वाले भारत के संवैधानिक
परिवर्तनों के विषय में मंत्रिमंडलीय शिष्टमंडल (केबिनेट मिशन)
के प्रस्तावों की डॉ. बी.आर. अम्बेडकर द्वारा समीक्षा 120
2. मंत्रिमंडलीय शिष्टमंडल तथा अछूत 136
अनुक्रमणिका 149
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20 1. प्रश्न तथा उत्तर 1-371
(1 से 310)
2. अनुक्रमणिका 373-376
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21 1. प्रश्न तथा उत्तर 1 – 195
(311 से 472)
2. अनुक्रमणिका 197 – 199
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22 अध्याय-एक
भाग-I
जन्म से प्रव्रज्या तक
1. उनका कुल 3
2. उनके पूर्वज 4
3. जन्म 4
4. असित का आगमन 7
5. महामाया का निधन 10
6. बचपन और शिक्षा 11
7. आरंभिक प्रवृत्तियां 11
8. विवाह 15
9. पुत्र को रोकने हेतु पिता की योजनाएं 17
10. राजकुमार को जीत पाने में स्त्रियां असफ़ल 18
11. राजकुमार को प्रधानमंत्री द्वारा समझाना 21
12. राजकुमार का प्रधानमंत्री को उत्तर 23
13. शाक्य-संघ में दीक्षा 24
14. संघ से मतभेद 26
15. देश छोड़ जाने का प्रस्ताव 28
16. प्रव्रज्या ही समाधान 30
17. विदाई के शब्द 32
18. गृह-त्याग 35
19. राजकुमार और उनका सेवक 37
20. छन्न की वापसी 41
21. शोकग्रस्त परिवार 42
भाग-II
सदा के लिए अभिनिष्क्रमण
1. कपिलवस्तु के राजगृह तक 46
2. राजा बिम्बिसार और उनका परामर्श 47
3. बिम्बिसार को गौतम का उत्तर 50
4. गौतम का उत्तर (समाप्त) 54
5. शांति का समाचार 56
6. नए परिप्रेक्ष्य में समस्या 57
भाग-III
नए प्रकाश की खोज में
1. भृगु आश्रम पर पड़ाव 60
2. सांख्य का अध्ययन 62
3. समाधि-मार्ग का प्रशिक्षण 63
4. तपश्चर्या का परीक्षण 64
5. तपश्चर्या का त्याग 66
भाग-IV
ज्ञान-प्राप्ति और नए मार्ग का दर्शन
1. नए प्रकाश हेतु ध्यान 70
2. ज्ञान-प्राप्ति 71
3. नए धम्म का आविष्कार 72
4. बोधिसत्व गौतम सम्बोधि के पश्चात् बुद्ध हो गए 73
भाग-V
बुद्ध और उनके पूर्ववर्ती
1. बुद्ध और वैदिक ऋषि 78
2. कपिल-दार्शनिक 80
3. ब्राह्मण-ग्रन्थ 83
4. उपनिषद् और उनकी शिक्षाएं 89
भाग-VI
बुद्ध और उनके समकालीन
1. उनके समकालीन 92
2. अपने समकालीनों के प्रति व्यवहार 93
भाग-VII
समानता और विषमता
1. जिन्हें उन्होंने अस्वीकार किया 96
2. जिन्हें उन्होंने परिवर्तित किया 97
3. जिन्हें उन्होंने स्वीकार किया 97
अध्याय-दो
भाग-I
बुद्ध और उनका विशद योग
1. उपदेश देना या नहीं देना 101
2. ब्रह्म सहपति द्वारा शुभ समाचार की घोषणा 103
3. दो प्रकार के धर्मांतरण 104
भाग-II
परिव्राजकों का धर्मांतरण
1. सारनाथ आगमन 106
2. बुद्ध का पहला प्रवचन 107
3. बुद्ध का पहला प्रवचन (जारी) 109
4. बुद्ध का पहला प्रवचन (जारी) 110
5. बुद्ध का पहला प्रवचन (जारी) 115
6. बुद्ध का पहला प्रवचन (जारी) 116
7. परिव्राजकों की प्रतिक्रिया 119
भाग-III
कुलीनों और धार्मिकों का धर्मांतरण
1. यश का धर्मांतरण 122
2. काश्यपों का धर्मांतरण 123
3. सारिपुत्र और मौग्गल्लान का धर्मांतरण 127
4. राजा बिम्बिसार का धर्मांतरण 130
5. अनाथ पिण्डिक का धर्मांतरण 132
6. राजा प्रसेनजित का धर्मांतरण 135
7. जीवक का धर्मांतरण 138
8. रट्ठपाल का धर्मांतरण 139
भाग-IV
जन्म-भूमि का आह्वान
1. शुद्धोदन से (अंतिम) भेंट 148
2. यशोधरा और राहुल की भेंट 150
3. शाक्यों द्वारा स्वागत 153
4. गृहस्थ बनाने का अंतिम प्रयास 156
5. बुद्ध का उत्तर 157
6. मंत्री का उत्तर 159
7. बुद्ध की दृढ़ता 161
भाग-V
धर्म-दीक्षा का पुनरारंभ
1. गँवार ब्राह्मणों की धर्म-दीक्षा 164
2. उत्तरवती के ब्राह्मणों की धर्म-दीक्षा 166
भाग-VI
निम्नस्तर लोगों की धर्म-दीक्षा
1. नाई उपालि का धर्म-दीक्षा 170
2. मेहतर सुणीत की धर्म-दीक्षा 170
3. अछूत सोपाक और सुप्पिय का धर्म-दीक्षा 171
4. सुमंगल तथा अन्य निम्न जाति वालों की धर्म-दीक्षा 172
5. कोढ़ी सुप्रबुद्ध की धर्म-दीक्षा 173
भाग-VII
स्त्रियों की धर्म-दीक्षा
1. महाप्रजापति गौतमी, यशोधारा और अन्य स्त्रियों की प्रव्रज्या 176
2. प्रकृति नामक चाण्डालिका की प्रव्रज्या 179
भाग-VII
पतितों तथा अपराधियों की धर्म-दीक्षा
1. एक आवारा की धर्म-दीक्षा 184
2. डाकू अंगुलिमाल की धर्म-दीक्षा 185
3. अन्य अपराधियों की धर्म-दीक्षा 188
4. धर्म-दीक्षा में जोखिम 190
अध्याय-तीन
भाग-I
धम्म में भगवान् बुद्ध का स्थान
1. भगवान् बुद्ध ने अपने धम्म में स्वयं के लिए कुछ भी 193
स्थान नहीं रखा।
2. भगवान् बुद्ध ने कभी किसी को मुक्ति का वचन नहीं दिया। 195
उन्होंने कहा कि वे मार्गदाता, हैं मोक्षदाता नहीं।
3. बुद्ध ने अपने लिए यह अपने धम्म के लिए किसी दैवत्व का 200
दावा नहीं किया। धाम्म मनुष्य द्वारा मनुष्य के लिए आविष्कृत था।
यह एक अपौरुषेय धम्म नहीं था।
भाग-II
भगवान बुद्ध के धम्म के विषय में विभिन्न दृष्टिकोण
1. दूसरों ने उनके उपदेशों को किस प्रकार समझा 202
2. भगवान बुद्ध का अपना वर्गीकरण 203
भाग-III
धम्म क्या है?
1. जीवन की पवित्रता बनाये रखना धम्म है 206
2. जीवन में पूर्णता तक पहुँचना ही धम्म है 209
3. निर्वाण प्राप्त करना धम्म है 210
4. तृष्णा का त्याग करना धम्म है 216
5. सभी संस्कार अनित्य हैं-यह मानना धम्म है 217
6. ‘कर्म’ कौ नैतिक व्यवस्था का साधन मानना धम्म है 219
भाग-IV
अ-धम्म क्या है?
1. परा-प्राकृतिक में विश्वास अ-धम्म है। 224
2. ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास अ-धम्म है। 225
3. ब्रह्म से संयोजन पर आधारित धम्म मिथ्या धम्म है। 226
4. आत्मा में विश्वास अ-धम्म है। 234
5. यज्ञ (बलि-कर्म) में विश्वास अ-धम्म है। 240
6. कल्पनाश्रित विश्वास अ-धम्म है। 245
7. कर्म के ग्रंथों का वाचन मात्र अ-धम्म है। 247
8. धर्म-ग्रन्थों की गलती को सम्भावना से परे मानना अ-धम्म है। 251
भाग-V
सद्धम्म क्या है?
परिच्छेद एक
(क) सद्धम्म के कार्य
1. मन के मैल को दूर कर उसे निर्मल बनाना। 257
2. संसार को एक धाम्म-‘राज्य’ बनाना। 259
परिच्छेद दो
(ख) धम्म तभी सद्धम्म हो सकता है, जब वह प्रज्ञा की वृर्धि करे।
1. धम्म तभी सद्धम्म है, जब वह सभी के लिए ज्ञान के द्वार खोल दे। 263
2. धम्म तभी सद्धम्म है, जब वह यह भी शिक्षा देता है कि केवल 266
‘विद्वान’ होना पर्याप्त नहीं, इससे मनुष्य पंडिताऊपन’ की ओर
अग्रसर हो सकता है।
3. धम्म तभी सद्धम्म है, जब वह सिखाता है कि जिस चीज की 267
आवश्यकता है वह प्रज्ञा है।
परिच्छेद तीन
(ग) धम्म सद्धम्म हो सकता है, जब वह मैत्री की वृर्धि करे।
1. धम्म केवल तभी सद्धम्म है, जब वह शिक्षा देता है कि मात्र 270
प्रज्ञा ही पर्याप्त नहीं है इसके साथ शील का होना अनिवार्य है।
2. धम्म केवल तभी सद्धम्म है, जब वह शिक्षा देता है कि प्रज्ञा 271
और शील के साथ-साथ करुणा का भी होना अनिवार्य है।
3. धम्म केवल तभी सद्धम्म है, जब वह यह शिक्षा देता है कि 272
करुणा से भी अधिक मैत्री की आवश्यकता है।
परिच्छेद चार
(घ) धम्म तभी सद्धम्म हो सकता है, जब वह समस्त सामाजिक
(भेद-भावों के) प्रतिबन्ध मिटा दे।
1. धम्म तभी सद्धम्म है जब वह मनुष्य-मनुष्य के बीच अवरोधों 276
(दीवारों) को मिटा दें।
2. धम्म तभी सद्धम्म है, जब वह यह शिक्षा दे कि मनुष्य का जन्म 281
से नहीं बल्कि योग्यता के आधार पर मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
3. धम्म तभी सद्धम्म है जब वह मनुष्य-मनुष्य के मध्य समानता की 283
अभिवृर्धि करे।
अध्याय-चार
भाग-I
धर्म और धम्म
1. धर्म क्या है? 287
2. धम्म धर्म से कैसे भिन्न है? 288
3. धर्म का उद्देश्य और धम्म का उद्देश्य 290
4. नैतिकता और धर्म 294
5. धम्म और नैतिकता 295
6. केवल नैतिकता ही पर्याप्त नहीं है। उसे पवित्र और व्यापक 296
भी होना चाहिए।
भाग-II
किस प्रकार शाब्दिक समानता तात्विक भेद को छिपाये रखती है
विभाग-1 पुनर्जन्म
1. प्रारम्भिक 301
2. पूनर्जन्म किस द्धचीजऋ का? 302
3. पुनर्जन्म किस द्धव्यक्तिऋ का? 305
विभाग – दो, कर्म
1. क्या बौद्धों का ‘कर्म-सिद्धांत’ ब्राह्मणवादी-सिद्धांत के समान ही है? 309
2. क्या भगवान बुद्ध यह मानते थे कि अतीत कर्म भावी जीवन को 310
प्रभावित करते हैं?
3. क्या भगवान बुद्ध यह मानते थे कि अतीत कर्म भावी जीवन को 314
प्रभावित करते हैं?
विभाग -तीन, अहिंसा
1. अहिंसा के भिन्न-भिन्न अर्थ और व्यवहार 317
2. ‘अहिंसा’ का वास्तविक अर्थ 318
विभाग -चार, संसरण
(आत्मा का एक शरीर से दूसरे शरीर में प्रवेश करना) 320
विभाग – पांच,
भ्रम के कारण 322
भाग-III
बौद्ध जीवन-मार्ग
1. शुभ-कर्म, अशुभ-कर्म और पाप 325
2. लोभ और तृष्णा 327
3. क्लेश और द्वेष 328
4. क्रोध और शत्रुता 329
5. मनुष्य, मन और मन का मैल 330
6. स्वयं के बारे में और स्व-विजय 331
7. बुद्धि, न्याय और सुसंगति 333
8. चित्त की सतर्कता और एकाग्रता 336
9. सावधानी, अप्रमाद और निर्भीकता 338
10. दुख, सुख तथा दान और करुणा 338
11. ढोंग 340
12. सम्यक् मार्ग का अनुसरण 340
13. सद्धम्म के साथ मिथ्या धर्म को मत मिलाओ 342
भाग-IV
तथागत की देशनाएं
परिच्छेद-एक
गृहस्थों के लिए प्रवचन
1. सुखी-गृहस्थ 346
2. पुत्री पुत्र से अच्छी हो सकती है 346
3. पति और पत्नी 347
परिच्छेद-दो
सुचरित्र बने रहने के लिए प्रवचन
1. मनुष्य का पतन कैसे होता है? 349
2. दुष्ट मनुष्य 350
3. सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 351
4. प्रबुद्ध मनुष्य 352
5. न्यायी और सज्जन मनुष्य 353
6. शुभ-कर्म करने की आवश्यकता 354
7. शुभ संकल्प करने की आवश्यकता 355
परिच्छेद-तीन
सदाचरण सम्बन्धी प्रवचन
1. सदाचरण क्या है? 356
2. सदाचरण की आवश्यकता 359
3. सदाचरण और संसार की जिम्मेदारियाँ 360
4. सदाचरण में सम्पूर्णता कैसे प्राप्त की जाए? 362
5. सदाचरण के पथ पर चलने के लिए साथी की प्रतीक्षा अनावश्यक 364
परिच्छेद-चार
निर्वाण सम्बन्धी प्रवचन
1. निर्वाण क्या है? 366
2. निर्वाण के मूलाधार 367
परिच्छेद-पाँच
धम्म सम्बन्धी प्रवचन
1. सम्यक्-दृष्टि का पहला स्थान क्यों हैं? 369
2. मरणोपरान्त जीवन की चिन्ता व्यर्थ 369
3. ‘ईश्वर’ से प्रार्थनाएं और याचनाएं करना व्यर्थ 370
4. मनुष्य का भोजन उसे ‘पवित्र’ नहीं बनाता 371
5. भोजन नहीं, कुशल कर्मों का महत्त्व है 372
6. बाह्य-शुर्धि अपर्याप्त है 374
7. पवित्र जीवन क्या है? 375
परिच्छेद-छह
सामाजिक.राजनैतिक प्रश्नों पर प्रवचन
1. राजाओं के अनुग्रह पर निर्भर मत रहो 376
2. यदि राजा सदाचारी होगा, तो उसकी प्रजा भी सदाचारी होगी 376
3. राजनैतिक और सामरिक शक्ति सामाजिक व्यवस्था पर निर्भर करती है 377
4. युद्ध अनुचित है 379
5. युद्ध विजेता के कर्त्तव्य 380
अध्याय-पाँच
भाग-I
संघ
1. संघ और उसका संगठन 385
2. संघ में प्रवेश 385
3. भिक्षु और उसके व्रत 387
4. भिक्षु और सांघिक नियम संबंधी अपराध 389
5. भिक्षु और संयम द्धप्रतिबन्धऋ 389
6. भिक्षु और शिष्टाचार के नियम 390
7. भिक्षु और अपराध-परीक्षण 391
8. भिक्षु और अपराध-स्वीकरण 391
भाग-II
भगवान् बुद्ध की भिक्षु की संकल्पना
1. भगवान् बुद्ध की आदर्श भिक्षु की संकल्पना 393
2. भिक्षु और तपस्वी 395
3. भिक्षु तथा ब्राह्मण 400
4. भिक्षु और उपासक 402
भाग-III
भिक्षु के कर्त्तव्य
1. धाम्म-दीक्षा देना भिक्षु का कर्त्तव्य 405
2. चमत्कारों द्धप्रतिहार्योंऋ द्वारा धाम-दीक्षा नहीं 406
3. जोर-जबर्दस्ती से धर्मान्तरण नहीं 409
4. भिक्षु को धम्म-प्रचार के लिए संघर्ष करना चाहिए 413
भाग-IV
भिक्षु और गृहस्थ
1. भिक्षा का बंधन 415
2. पारस्परिक प्रभाव 415
3. भिक्षु का ‘धाम्म’ और गृहस्थ का ‘धम्म’ 416
भाग-V
उपासकों (गृहस्थों) के लिए विनय (जीवन-नियम)
1. धनवानों के लिए विनय (जीवन-नियम) 421
2. गृहस्थों के लिए विनय (जीवन-नियम) 422
3. बच्चों के लिए विनय (जीवन-नियम) 426
4. शिष्य के लिए विनय (जीवन-नियम) 426
5. पति और पत्नी के लिए विनय (जीवन-नियम) 426
6. मालिक और नौकर के लिए विनय (जीवन-नियम) 427
7. उपसंहार 427
8. लड़कियों के लिए विनय (जीवन-नियम) 427
अध्याय-छह
भाग-I
उनके समर्थक
1. राजा बिम्बिसार का दान 431
2. अनाथपिण्डिक का दान 432
3. जीवक का दान 433
4. आम्रपालि का दान 434
5. विशाखा की दान-शीलता 436
भाग-II
भगवान् बुद्ध के विरोधी
1. जादू-टोना द्वारा धर्मान्तरण का आरोप 441
2. समाज पर व्यर्थ का भार होने का आरोप 442
3. सुखी गृहस्थियों को उजाड़ने का आरोप 444
4. तैर्थिकों द्वारा हत्या का मिथ्यारोप 445
5. तैर्थिकों द्वारा अनैतिकता का मिथ्यारोप 446
6. देवदत्त फुफेरा भाई तथा शत्रु 448
7. ब्राह्मण और भगवान् बुद्ध 450
भाग-III
उनके धम्म के आलोचक
1. संघ में सभी के खुले प्रवेश के आलोचक 458
2. व्रत-ग्रहण करने के आलोचक 459
3. अहिंसा-सिद्धांन्त की आलोचना 459
4. शील का उपदेश देकर अंधकार द्धनिराशाऋ उत्पन्न करने का आरोप:- 462
(I) दुःख निराशा का कारण बताना
(II) अनित्यता को निराशा का कारण बताना
(III) क्या बौद्ध धम्म निराशावादी है?
5. आत्मा और पुनर्जन्म के सिद्धांन्तों की आलोचना 466
6. उच्छेदवादी होने के आरोप 466
भाग-IV
मित्र और प्रशंसक
1. धानन्जानी ब्राह्मणी की श्रद्धा 468
2. विशाखा की दृढ़ श्रद्धा 470
3. मल्लिका की निष्ठा 472
4. एक गर्भवती माँ की तीव्र अभिलाषा 475
5. केनिय द्वारा स्वागत 478
6. प्रसेनजित् के द्वारा तथागत की प्रशंसा में 478
अध्याय-सात
भाग-I
उनके निकटस्थ जनों से भेंट
1. उनके धम्म-प्रचार के केन्द्र 483
2. स्थल, जहाँ वे पधारे थे 483
3. माता और पुत्र तथा पत्नी और पति की अंतिम भेंट 485
4. पिता और पुत्र की अंतिम भेंट 485
5. बुद्ध और सारिपुत्त की अंतिम भेंट 487
भाग-II
वैशाली से प्रस्थान
1. वैशाली से विदाई 490
2. पावा में पड़ाव 491
3. कुसिनारा में आगमन 492
भाग-III
महापरिनिर्वाण
1. उत्तराधिकारी की नियुक्ति 495
2. अंतिम धाम्म-दीक्षा 496
3. अंतिम वचन 499
4. आनन्द का शोक 501
5. मल्लों का विलाप और एक भिक्षु की प्रसन्नता 504
6. अंतिम संस्कार 505
7. अस्थियों के लिए संघर्ष 506
8. बुद्ध के प्रति श्रद्धार्पण 507
अध्याय-आठ
भाग-I
भगवान् बुद्ध का व्यक्तित्व
1. उनका व्यक्तिगत स्वरूप 511
2. प्रत्यक्षदर्शियों के साक्ष्य 512
3. उनके नेतृत्व की सामर्थ्य 513
भाग-II
उनकी मानवता
1. महाकारुणिक की करुणा 516
2. दुःखियों का दुःख दूर करने वाले महान् मानसिक चिकित्सक 517
(I) विशाखा को दी गई सांत्वना
(II) किसा-गौतमी को सांत्वना
3. रोगियों के प्रति उनकी सेवा 519
4. असहनशीलों के प्रति सहनशीलता 524
5. समानता और समान-व्यवहार के समर्थक 526
भाग-III
उनकी पसंद और नापसंद
1. उन्हें दरिद्रता पसंद नहीं थी 529
2. उन्हें संग्रह-वृत्ति नापसंद थी 530
3. उन्हें सुसंगति पसंद थी 531
4. वे सुसंगति से प्रेम करते थे 532
उपसंहार
1. भगवान् बुद्ध की प्रशस्ति 535
2. उनके धाम्म के प्रचार की शपथ 539
3. भगवान् बुद्ध के पुनः स्वदेश लौट आने की प्रार्थना 539
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23 भाग-1
अध्याय-1:  प्राचीन भारतीय वाणिज्य     2
अध्याय-2:  मध्ययुग में भारत के व्यापारिक सम्बन्धा   27
या
इस्लाम का उदय और पश्चिमी यूरोप का विस्तार
अध्याय-3:  ब्रिटिश सरकार से पूर्व का भारत    45
भाग-2
अध्याय-1:  अछूत और ब्रिटिश सरकार     63
भाग-3
अध्याय-1:  अंग्रेजी संविधान पर व्याख्यान    126
प्रस्तावना      128
(I) अंग्रेजी संविधान के आधारभूत सिद्धांन्त  129
(II) संसद क्या है?    134
(III) सम्राट     137
(IV) उच्च सदन (हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स)   144
(V) उच्च सदन और सामान्य सदन की शक्तियाँ
तथा विशेषाधिाकार    149
अध्याय-2:  प्रभुता और भारतीय रियासतों की स्वतन्त्र होने की माँग 159
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24 कितने अपराधियों के विचारण न्यायालय एक साथ कर सकती है। 1
अभियुक्तों का संयोजन
I
गिरफ्तारी का वारंट 4
II
प्रेसीडेंसी मजिस्टेªट के समक्ष 10
लोक प्रशांति के विरुद्ध अपराधों से संबंधित है। 15
पुनरीक्षण अधिकारिता 36
क्रेता एवं विक्रेता के अधिकार 95
भाग – 1
बंधक की प्रकृति 97
संक्रामणों के अन्य रूपों से बंधक की तुलना बंधक और विक्रय 19
भाग-2
बंधक के अधिकार एवं दायित्व 122
प्रस्तावना
अधिकारों की प्रकृति क्या है? 122
बंधककर्त्ता के अधिकार 122
मोचन का अधिकार 125
बंधककर्त्ता का व्यवस्था करने का अधिकार 126
8 साक्ष्य विधि 135
भाग – 3
प्रमाण का भार 144
परिसीमा विधि पर भाषणों की रूपरेखा 174
I.परिसीमा पर भारतीय विधि 177
II.भारतीय परिसीमा विधि 181
III.भारतीय परिसीमा विधि 182
IV. परिसीमा विधि 189
भाग – 4
अपराधी का विचारण 206
प्रथम प्रभाग
न्यास क्या है एवं अधिनियम किसके लिए लागू होता है? 223
द्वितीय प्रभाग
अभिव्यक्त या घोषित न्यास 230
अध्याय – 1
घोषित न्यास के दो प्रकार हैं 230
अध्याय – 2
अभिव्यक्त न्यास का सृजन 233
अध्याय – 3
अभिव्यक्त/घोषित न्यास का प्रतिसंहरण 242
अध्याय – 4
अभिव्यक्त न्यास का निर्वापन 243
भाग – 5
न्यास का प्रशासन 246
भाग – 6
आन्वयिक न्यास 250
भाग 5
आन्वयिक न्यास का प्रशासन 258
2. डोमिनियन प्रस्थिति पर टिप्पणी 269
भाग 1
परिचयात्मक 284
भाग – 2
अधिनियम द्वारा मान्य 287
भाग चतुर्थ
सामान्य विधि 308
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25 अध्याय-एक
वीज़ा के लिए प्रतीक्षा
एक 2
दो 9
तीन 15
चार 17
पांच 20
छः 22
भाग – छः
विविधा टिप्पणियाँ
1. ब्रिटिश भारत का संविधान 28
2. संसदीय प्रक्रिया पर टिप्पणियाँ 31
3. भारत के इतिहास पर टिप्पणियाँ 40
4. मनु और शूद्र 49
5. सामाजिक-व्यवस्था को बनाए रखना 56
6. हिंदुओं के साथ 59
7. कुंठा 61
8. राजनीतिक दमन की समस्या 64
9. अधिक बदतर क्या है-दासता या छुआछुत? 68
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26 भाग-1
खण्ड-I
दिसंबर 9, 1946 से जुलाई 31, 1947
1. लक्ष्य और उद्देश्य संबंधीसंकल्प    1
2. मूल अधिकारों पर अन्तरिम रिपोर्ट   11
3. संघीय संविधान समिति की रिपोर्ट   21
खण्ड-II
अगस्त 14, 1947 से फ़रवरी 25, 1948
4. प्रारुप संविधान की समीक्षा करने वाली समिति   28
5. संविधान सभा कार्य समिति की रिपोर्ट    28
6. पूर्वी पंजाब का अतिरिक्त प्रतिनिधात्व   37
7. संविधान सभा नियमों में नये नियम 38क से 38 जोड़ना  38
खण्ड-III
4 नवम्बर, 1948 से 9 नवम्बर, 1948 तक
प्रारुप संविधान का प्रथम वाचन   46
भाग-1
अनुलग्नक
भारत का राजपत्र असाधरण प्राधिकार से प्रकाशित
नई दिल्ली, बृहस्पतिवार, फरवरी 26, 1948 भारत की संविधान सभा    89
अनुच्छेद      91
भाग 1
संघ और उसका राज्यक्षेत्र तथा अधिकारिता   100
भाग 2
नागरिकता   102
भाग-3
मूल अधिकार   103
भाग 5
अध्याय 1
कार्यपालिका राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति   115
अध्याय 2
संसद साधरण   128
अध्याय 3
राष्ट्रपति की विधायी शक्तियाँ   149
अध्याय-4
संघ की न्यायपालिका   150
अध्याय 5
भारत का महालेखा परीक्षक   162
भाग 6
पहली अनुसूची के भाग-1 के राज्य
अध्याय 1-साधरण एवं अध्याय-2 कार्यपालिका   164
अध्याय 3
राज्य विधानमंडल   175
अध्याय 4
राज्यपाल की विधायी शक्ति   197
अध्याय 5
घोर आपात की दशाओं में उपबंधा   199
अध्याय 6
अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र   200
अध्याय 7
राज्यों के उच्च न्यायालय   201
अध्याय 10
राज्यों के लिए प्रमुख लेखा परीक्षक   212
भाग 7
पहली अनुसूची के भाग 2 के राज्य    214
भाग 8
पहली अनुसूची के भाग 4 के राज्यक्षेत्र और अन्य राज्यक्षेत्र जो उस
अनुसूची में विनिर्दिष्ट नहीं है।   216
भाग 9
संघ और राज्यों के बीच संबंधा   217
अध्याय 1
विधायी संबंधा, विधायी शक्तियों का वितरण   217
अध्याय 2
प्रशासनिक संबंधा   225
भाग 10
वित्त, सम्पत्ति, संविदाएं और वाद
अध्याय 1.वित्त
संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण   234
अध्याय-2
उधार लेना  246
अध्याय-3
संपत्ति, संविदाएं, दायित्व और वाद   248
भाग 11
आपात उपबंधा   251
भाग 12
संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं
अध्याय 1
सेवाएं   255
अध्याय 11
लोक सेवा आयोग   257
भाग 13
निर्वाचन   262
भाग 14
अल्पसंख्यकों के संबंधित विशेष उपबंधा  264
भाग 15
प्रकीर्ण  269
भाग 16
संविधान का संशोधान  275
भाग 17
अस्थायी और संक्रमणकालीन उपबंधा  276
भाग 18
प्रारंभ और निरसन  283
पहली अनुसूची
(अनुच्छेद 1 और 4)
राज्य और भारत के राज्यक्षेत्र  284
दूसरी अनुसूची
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह  287
तीसरी अनुसूची
[अनुच्छेद 62(4), 81, 103(6), 144(2), 165 और 195]
घोषणाओं के प्रारुप  291
चौथी अनुसूची
[अनुच्छेद 144(4)]  292
पांचवीं अनुसूची
[अनुच्छेद 189 (क) और 190(1)]
अनुसूचित क्षेत्रें और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन
और नियंत्रण के बारे में उपबंधा   293
छठी अनुसूची
[अनुच्छेद 189 (ख) और 190 (2)]   301
सातवीं अनुसूची
(अनुच्छेद 217)
सूची 1-संघ सूची     314
आठवीं अनुसूची
(अनुच्छेद 303 (1);10)
अनुसूचित जनजातियां    329
परिशिष्ट     333
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27 अनुच्छेद 1     1
अनुच्छेद 2     12
अनुच्छेद 3     13
अनुच्छेद 4     21
अनुच्छेद 28     24
अनुच्छेद 30     27
अनुच्छेद 30.अ     30
अनुच्छेद 31     31
अनुच्छेद 31-क     33
अनुच्छेद 32     34
अनुच्छेद 34     34
अनुच्छेद 35     36
अनुच्छेद 36     37
अनुच्छेद 35     38
अनुच्छेद 37     40
अनुच्छेद 38     42
अनुच्छेद 38-क     45
अनुच्छेद 39     46
अनुच्छेद 39-क     47
अनुच्छेद 39-क     48
अनुच्छेद 40     50
अनुच्छेद 7     52
अनुच्छेद 8     54
अनुच्छेद 8 (क)     58
अनुच्छेद 9     59
अनुच्छेद 10     65
अनुच्छेद 11     65
अनुच्छेद (क) और (ख)    66
अनुच्छेद 10     66
अनुच्छेद 12     72
अनुच्छेद 13     74
अनुच्छेद 14     87
अनुच्छेद 16     90
अनुच्छेद 17     91
अनुच्छेद 18     94
अनुच्छेद 19     94
अनुच्छेद 14 (क्रमागत)    96
अनुच्छेद 15 (क्रमागत)    97
अनुच्छेद 20     97
नया अनुच्छेद 20-क    98
अनुच्छेद 22     99
अनुच्छेद 22-अ (नया अनुच्छेद)   105
अनुच्छेद 23 (जारी)    106
अनुच्छेद 24     111
अनुच्छेद 25     111
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28 संविधान प्रारूप
अनुच्छेद 67-क     2
नया अनुच्छेद 67-क    2
अनुच्छेद 68    4
अनुच्छेद 68-क     6
अनुच्छेद 69     8
अनुच्छेद 71     13
अनुच्छेद 72     15
अनुच्छेद 73     16
नया अनुच्छेद 75-क    16
अनुच्छेद 76     17
अनुच्छेद 77     19
नया अनुच्छेद 79-क    19
नया अनुच्छेद 80     19
अनुच्छेद 81     21
अनुच्छेद 82     25
अनुच्छेद 83     25
अनुच्छेद 85     26
अनुच्छेद 86     27
अनुच्छेद 88     28
खण्ड 91     30
अनुच्छेद 67-क     31
अनुच्छेद 92 से 99 के संबंध में वक्तव्य  32
अनुच्छेद 101     33
अनुच्छेद 102     34
अनुच्छेद 102 – क    40
अनुच्छेद 103     40
अनुच्छेद 103-क     47
अनुच्छेद 104     48
अनुच्छेद 106     48
अनुच्छेद 107     49
अनुच्छेद 108     50
अनुच्छेद 117     53
अनुच्छेद 119     53
अनुच्छेद 121     54
अनुच्छेद 122     54
अनुच्छेद 124     58
अनुच्छेद 125     61
अनुच्छेद 127     63
अनुच्छेद 130     63
अनुच्छेद 131     64
अनुच्छेद 132     69
अनुच्छेद 134     70
अनुच्छेद 135     71
अनुच्छेद 136     73
अनुच्छेद 137     74
अनुच्छेद 143     75
अनुच्छेद 144     78
अनुच्छेद 145     83
अनुच्छेद 146     84
अनुच्छेद 147     84
अनुच्छेद 151     87
खण्ड 152     89
अनुच्छेद 153     90
अनुच्छेद 153-क     91
अनुच्छेद 160     92
नया अनुच्छेद 163-क    92
अनुच्छेद 165     92
अनुच्छेद 166     92
अनुच्छेद 167     93
अनुच्छेद 169     96
अनुच्छेद 170     100
अनुच्छेद 109     100
अनुच्छेद 110     101
अनुच्छेद 111     105
अनुच्छेद 112     109
नया अनुच्छेद 112-क    109
अनुच्छेद 114     111
अनुच्छेद 121     112
अनुच्छेद 191     113
अनुच्छेद 192     114
अनुच्छेद 193     115
अनुच्छेद 193-क     117
अनुच्छेद 195     120
अनुच्छेद 196     120
अनुच्छेद 196-क     121
अनुच्छेद 197     121
अनुच्छेद 198     121
अनुच्छेद 200     121
अनुच्छेद 202     124
अनुच्छेद 203     125
अनुच्छेद 204     125
अनुच्छेद 205     132
अनुच्छेद 206     134
अनुच्छेद 90.(जारी)    134
अनुच्छेद 92     141
अनुच्छेद 93     142
अनुच्छेद 94     142
अनुच्छेद 95     145
अनुच्छेद 96     149
अनुच्छेद 97     152
अनुच्छेद 98     153
नवीन अनुच्छेद 98-क    154
अनुच्छेद 173     155
अनुच्छेद 174     155
अनुच्छेद 177     157
अनुच्छेद 178     157
अनुच्छेद 179     158
अनुच्छेद 180     158
अनुच्छेद 181     159
अनुच्छेद 182     160
अनुच्छेद 183     160
नवीन अनुच्छेद 183-क    161
अनुच्छेद 217     161
अनुच्छेद 224     163
अनुच्छेद 226     163
अनुच्छेद 229     164
अनुच्छेद 230     165
अनुच्छेद 231     165
अनुच्छेद 232     167
अनुच्छेद 234     167
अनुच्छेद 238     168
अनुच्छेद 239     158
अनुच्छेद 240     169
अनुच्छेद 112 ख     169
अनुच्छेद 111-क     170
अनुच्छेद 164     179
अनुच्छेद 167-क     179
अनुच्छेद 203     183
नवीन अनुच्छेद 209-क    183
अनुच्छेद 203     183
अनुच्छेद 270     184
अनुच्छेद 271     188
नवीन अनुच्छेद 271-क    188
अनुच्छेद 272     192
अनुच्छेद 273     193
अनुच्छेद 274     195
नवीन अनुच्छेद 274-क    198
अनुच्छेद 289     198
नया अनुच्छेद 289-क    206
अनुच्छेद 290     208
अनुच्छेद 291     208
नवीन अनुच्छेद 291-क    210
अनुच्छेद 297     211
अनुच्छेद 300     211
अनुच्छेद 301     212
अनुच्छेद 289     212
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29 संविधान प्रारूप
नया अनुच्छेद 79 अ   1
नया अनुच्छेद 104   4
नया अनुच्छेद 148 अ   6
अनुच्छेद 150    8
नया अनुच्छेद 163-अ   13
अनुच्छेद 175    16
अनुच्छेद 172    19
अनुच्छेद 176    25
अनुच्छेद 83-अ    25
अनुच्छेद 127-अ    26
अनुच्छेद 197    26
अनुच्छेद 212 से 214 तक   27
अनुच्छेद 213    29
अनुच्छेद 213 अ    31
अनुच्छेद 214    33
अनुच्छेद 275    33
अनुच्छेद 276    36
अनुच्छेद 188, 277-अ, 278 और 278-अ  38
अनुच्छेद 279    50
अनुच्छेद 280    51
अनुच्छेद 247    52
अनुच्छेद 248    53
अनुच्छेद 249    54
अनुच्छेद 250    55
अनुच्छेद 251    56
अनुच्छेद 253    59
अनुच्छेद 254    62
नया अनुच्छेद 254-क   68
अनुच्छेद 255    70
अनुच्छेद 256    72
अनुच्छेद 257    74
अनुच्छेद 259    74
अनुच्छेद 260    74
अनुच्छेद 260 (जारी)   76
अनुच्छेद 261    79
अनुच्छेद 263    80
अनुच्छेद 267    81
अनुच्छेद 268    82
अनुच्छेद 269    83
अनुच्छेद 5 और 6   84
धारा 291
भारत सरकार अधिनियम, 1935 द्धसंशोधान विधेयकऋ की 96
भाग – VIII क
अनुच्छेद 215-क    106
अनुच्छेद 250    107
अनुच्छेद 277    108
अनुच्छेद 280    112+B34
अनुच्छेद 285    121
अनुच्छेद 286 से 288 क   129
अनुच्छेद 292    134
अनुच्छेद 293    138
अनुच्छेद 294    138
अनुच्छेद 295-क    139
अनुच्छेद 296    143
अनुच्छेद 299    144
तीसरी अनुसूची    145
सूची
प्रविष्टि 1    151
प्रविष्टि 2    152
प्रविष्टि 3    153
प्रविष्टि 4    155
प्रविष्टि 5    156
प्रविष्टि 6    157
प्रविष्टि 7    157
प्रविष्टि 12    159
नई प्रविष्टि 9 क    160
प्रविष्टि 22    161
प्रविष्टि 26    163
प्रविष्टि 26 क    163
प्रविष्टि 31    164
प्रविष्टि 37    164
प्रविष्टि 38    165
प्रविष्टि 39    167
प्रविष्टि 40    168
प्रविष्टि 41    170
प्रविष्टि 43    171
प्रविष्टि 50   173
प्रविष्टि 52    174
प्रविष्टि 53    178
प्रविष्टि 56    180
प्रविष्टि 57    180
प्रविष्टि 57 क (जारी)   182
प्रविष्टि 58    184
प्रविष्टि 58 क    186
प्रविष्टि 60    186
प्रविष्टि 61    187
प्रविष्टि 61 क    188
प्रविष्टि 63    188
प्रविष्टि 64    190
प्रविष्टि 64 क    190
प्रविष्टि 65    192
प्रविष्टि 66    192
प्रविष्टि 67    193
प्रविष्टि 68    194
प्रविष्टि 69    194
प्रविष्टि 70    196
प्रविष्टि 70 क    196
प्रविष्टि 73    197
प्रविष्टि 73 क    198
सूची I
प्रविष्टि 74    199
प्रविष्टि 75    200
प्रविष्टि 76    200
प्रविष्टि 79    200
प्रविष्टि 81    201
प्रविष्टि 83    202
प्रविष्टि 83    203
प्रविष्टि 86 क    203
प्रविष्टि 88 क    204
प्रविष्टि 91    212
प्रविष्टि 70 क    214
प्रविष्टि 59    214
सूची II
प्रविष्टि 1    215
प्रविष्टि 2    216
प्रविष्टि 4    216
प्रविष्टि 7 क    218
प्रविष्टि 9    218
प्रविष्टि 10 क    219
प्रविष्टि 12    219
प्रविष्टि 14    220
प्रविष्टि 15   222
प्रविष्टि 18    223
प्रविष्टि 45    224
प्रविष्टि 46    225
प्रविष्टि 48    224
प्रविष्टि 49    224
प्रविष्टि 50    226
प्रविष्टि 52    226
प्रविष्टि 56    226
प्रविष्टि 58    227
प्रविष्टि 59    228
प्रविष्टि 64    229
प्रविष्टि 67    229
प्रविष्टि 2 क    229
सातवीं अनुसूची (जारी) सूची III
समवर्ती सूची
प्रविष्टि 2-क  `  230
प्रविष्टि 3    233
प्रविष्टि 4    233
प्रविष्टि 6    233
प्रविष्टि 15    236
प्रविष्टि 17 क    236
प्रविष्टि 20    236
प्रविष्टि 21    237
नई प्रविष्टि 25 क    237
प्रविष्टि 26    237
प्रविष्टि 26 क    237
नई प्रविष्टि 26 ख    238
प्रविष्टि 27    240
प्रविष्टि 28    240
नई प्रविष्टि 28 क    241
प्रविष्टि 29    241
नई प्रविष्टि 31 क    242
प्रविष्टि 32   242
प्रविष्टि 33    243
प्रविष्टि 31 क और 33 ख   243
प्रविष्टि 34    243
प्रविष्टि 34 क    244
प्रविष्टि 35    245
प्रविष्टि 35 क    245
प्रविष्टि 36    245
नई प्रविष्टि    246
नई प्रविष्टि 88 क    248
पाचंवी अनुसूची अनुच्छेद 244(1)
भाग क
साधरण     253
भाग ख
अनुसूचित क्षेत्रें और अनुसूचित जनजातियों का प्रजासन और नियंत्रण 254
भाग ग
अनुसूचित क्षेत्र    256
भाग घ
अनुसूची का संसोधन   257
छठवीं अनुसूची
पैरा 2     267
पैरा 3     273
पैरा 4     275
पैरा 9     277
पैरा 10     278
पैरा 12     279
पैरा 13     280
पैरा 14     281
पैरा 15     286
पैरा 16     287
नया पैरा 16 क    288
पैरा 17     289
पैरा 18     289
पैरा 19     290
पैरा 20     299
अनुच्छेद 281    300
अनुच्छेद 282 से 282 (ग)  300
अनुच्छेद 282-ख    303
अनुच्छेद 282-(ग)   307
अनुच्छेद 283    308
अनुच्छेद 302    309
अनुच्छेद274क    314
अनुच्छेद 264    314
अनुच्छेद 265    319
नया अनुच्छेद 265 क   319
अनुच्छेद 266    320
सातवीं अनुसूची
प्रविष्टि 58    232
अनुच्छेद 250    324
अनुच्छेद 202    325
अनुच्छेद 234-क    326
नया अनुच्छेद 242-क   328
संशोधान संख्या 372-क   329
प्रारूप संविधान
नया भाग XIV-क (जारी)
नया अनुच्छेद 112-ख   333
नया अनुच्छेद 15-क   336
अनुच्छेद 15-क    341
अनुच्छेद 209-क    356
अधयाय VIII
अधीनस्थ न्यायालय   356
अनुच्छेद 215    360
अनुच्छेद 303    361
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30 प्रिवी काउंसिल क्षेत्रधिकार विधेयक को समाप्त किया जाना   2
खंड 2    5
खंड 3    6
खंड 4    7
खंड 5    9
खंड 7    10
खंड 8    10
खंड 9    10
खंड 11    12
खंड 1     13
अनुच्छेद 303 (क्रमागत)   14
नया अनुच्छेद 300क और 300ख    17
आठवीं अनुसूची
अनुच्छेद 303 (क्रमशः)   19
अनुच्छेद 304   23
अनुच्छेद 99   32
अनुच्छेद 1   34
अनुच्छेद 306   38
अनुच्छेद 309   41
अनुच्छेद 390.क और 310-ख  41
अनुच्छेद 311-क   43
अनुच्छेद 311-ख   45
अनुच्छेद 312   48
अनुच्छेद 313   53
अनुच्छेद 308   56
अनुच्छेद 310   59
अनुच्छेद 311   61
अनुच्छेद 312.ड  64
दूसरी अनुसूची
भाग I    68
भाग II    68
भाग III    69
भाग IV    69
भाग V    72
अनुच्छेद 3 (फि़र से लिया गया)   90
अनुच्छेद 296 (फि़र से लिया गया)   90
अनुच्छेद 299   91
अनुच्छेद 48   92
अनुच्छेद 303   96
पहली अनुसूची
(अनुच्छेद 1 औ+B34र 4) राज्य और भारत के संघ राज्य क्षेत्र  97
भाग I    97
भाग II    98
भाग III    99
भाग IV    100
अनुच्छेद 264क   101
अनुच्छेद 274 घघ  108
अनुच्छेद 280क   109
नए अनुच्छेद 302 क क क   121
अनुच्छेदों का संशोधान   131
भाग III
17 नवंबर, 1949 से 26 नवंबर, 1949   151
खंड आठ प्रारुप विधान का तीसरा पठन   152
भारत सरकार अधिनियम (संशोधान) विधेयक   159
खंड 3       200
संविधान को अंगीकार किया जाना     221
+B36
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31 प्रस्तावना: माननीय श्री मनोहर जोशी पृष्ठ संख्या
मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र, राज्य शासन    307
सम्पादकीय:      309
हिंदू विवाह वैधता विधेयक
(प्रवर समिति की रिपोर्ट के प्रस्तुत करने के लिए समय-सीमा में वृर्धि)  66
भाग-1
अनुभाग एक
हिंदू संहिता विधेयक को प्रवर समिति को सौंपा जाना
(17 नवम्बर, 1948 से 9 अप्रैल, 1948 तक)   314
अनुभाग दो
प्रवर समिति द्वारा संशोधित तत्कालीन हिंदू संहिता
सहित डॉ. अम्बेडकर द्वारा तैयार हिंदू संहिता विधेयक का प्रारूप   353
अनुभाग तीन
प्रवर समिति से वापस भेजे जाने के पश्चात् हिंदू संहिता पर की गई चर्चा
(11 फ़रवरी, 1949 से 14 दिसम्बर, 1950 तक)  482
भारतीय गैर-न्यायिक भारत  516
हिन्दू संहिता – जारी…   610
भाग 3
दत्तकग्रहण    681
भाग 5
संयुक्त परिवार की संपत्ति   713
पुरुष मरूमक्कत्तायस इत्यादि की संपत्ति का उत्तराधिकार  747
मरूमक्कतायम स्त्री आदि की संपत्ति का उत्तराधिकार   753
अध्याय 3
वसीयती उत्तराधिकार      768
भाग 9
विविधा       787
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32 प्रस्तावना: माननीय श्री मनोहर जोशी पृष्ठ संख्या
मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र, राज्य शासन    307
सम्पादकीय:      309
हिंदू विवाह वैधता विधेयक
(प्रवर समिति की रिपोर्ट के प्रस्तुत करने के लिए समय-सीमा में वृर्धि)  66
भाग-1
अनुभाग एक
हिंदू संहिता विधेयक को प्रवर समिति को सौंपा जाना
(17 नवम्बर, 1948 से 9 अप्रैल, 1948 तक)   314
अनुभाग दो
प्रवर समिति द्वारा संशोधित तत्कालीन हिंदू संहिता
सहित डॉ. अम्बेडकर द्वारा तैयार हिंदू संहिता विधेयक का प्रारूप   353
अनुभाग तीन
प्रवर समिति से वापस भेजे जाने के पश्चात् हिंदू संहिता पर की गई चर्चा
(11 फ़रवरी, 1949 से 14 दिसम्बर, 1950 तक)  482
भारतीय गैर-न्यायिक भारत  516
हिन्दू संहिता – जारी…   610
भाग 3
दत्तकग्रहण    681
भाग 5
संयुक्त परिवार की संपत्ति   713
पुरुष मरूमक्कत्तायस इत्यादि की संपत्ति का उत्तराधिकार  747
मरूमक्कतायम स्त्री आदि की संपत्ति का उत्तराधिकार   753
अध्याय 3
वसीयती उत्तराधिकार      768
भाग 9
विविधा       787
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33 खंड I
1. विदेशी मुद्रा विनियमन (संशोधान) विधेयक  2
2. संविधि पुनरीक्षण समिति की नियुक्ति  4
3. भारतीय नर्सिंग परिषद् विधेयक  12
4. प्रांतेतर अधिकारिता विधेयक  13
5. फ़ेडरल न्यायालय (अधिकारिता का विस्तार) विधेयक  20
6. प्रांतीय दिवाला (संशोधान) विधेयक  31
7. यथा अनुकूलित भारत अधिनियम, 1946 की धारा 2 और  38
3 में वर्णित अवधि के विस्तार के संबंधा में संकल्प
खंड II
8. दिवाला विधि (संशोधान) विधेयक  42
9. दंड विधि (संशोधान) विधेयक  48
10. स्थगन के लिए प्रस्ताव हैदराबाद के मीर लायक  51
अली का अभिरक्षा से निकल भागना
11. संसद (निरर्हता निवारण) विधेयक  63
12. स्थगन के लिए प्रस्ताव   80
13. सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण (संशोधान) विधेयक  81
14. सेना विधेयक  83
15. भाग ‘ग’ राज्य (विधियाँ) विधेयक  90
16. लोक प्रतिनिधित्व विधेयक  101
खंड III
17. दंत चिकित्सक (संशोधन) विधेयक  142
18. राज्य सूची के कुछ विषयों के संबंध में संसद द्वारा  153
एक वर्ष के लिए विधियाँ बनाने के संबंध में संकल्प
19. निष्क्रांत सम्पत्ति प्रशासन (संशोधन) विधेयक  155
20. संसद तथा राज्यों के विधानमंडलों में निर्वाचन के लिए अर्हताएँ  158
21. कूच-बिहार (विधियों का आत्मसात्करण) विधेयक   162
22. भारतीय टैरिफ (चतुर्थ संशोधन) विधेयक    164
23. सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक   169
24. लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक   172
25. मांग सं- 13 – विधि मंत्रलय   212
खंड IV
26. दंत चिकित्सक (संशोधन) विधेयक   215
27. सिविल प्रक्रिया संहिता (संशोधन) विधेयक  225
28. भाग-ख राज्य (विधियाँ) विधेयक   237
29. उच्चतम न्यायालय अधिवक्ता (उच्च न्यायालय में वकालत) विधेयक  255
30. सिविल प्रक्रिया संहिता (संशोधन) विधेयक  267
31. सिविल प्रक्रिया संहिता द्धद्वितीय संशोधनऋ विधेयक  274
32. जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक विधेयक  277
33. संविधान द्धप्रथम संशोधनऋ विधेयक  286
खंड V+B39
34. लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक    372
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34 खंड VI
35. संसद निरर्हता निवारण विधेयक  2
36. असम सीमा परिवर्तन विधेयक   31
37. नोटरी विधेयक   48
38. अखिल भारतीय बार की आवश्यकता  55
39. संसद सदस्य का आचरण विषयक संकल्प   59
40. प्रवर समिति की बैठकें   70
41. निर्वाचन क्षेत्रें के परिसीमन के बारे में प्रस्ताव   74
42. सभा का कार्य   99
43. डॉ. अम्बेडकर का त्याग पत्र   104
25. केन्द्रीय और राज्य कानूनों की संवीक्षा  114
26. निर्वाचक नामावलियाँ    116
27. उच्चतम न्यायालय में वकील   118
28. कूच बिहार (जनसंख्या)   121
29. निर्वाचक नामावलियॉं    123
30. मतपेटियों का निर्माण    124
31. संसद का भंग किया जाना   126
32. निर्वाचक नामावलियाँ    127
33. पश्चिम बंगाल विधानमंडल (रिक्त स्थान)  128
34. मद्रास में आम निर्वाचन   130
35. उड़ीसा में आम चुनाव    132
36. क्षेत्रीय आयुक्त    134
37. निर्वाचन की तिथियों का निर्धारण   135
38. राज्यों में आम चुनाव की तिथियाँ   136
39. राजनीतिक दलों के लिए प्रतीक चिह्न   140
40. आम चुनाव के लिए निर्वाचक नामावलियाँ  142
41. महिला मतदाता और निर्वाचक नामावलियाँ  143
42. पिछड़े वर्गों के लिए केन्द्रीय अनुदान   144
43. राष्ट्र भाषा के उन्नयन के लिए अनुदान   146
44. आम चुनावों में मतदान का तरीका   149
45. कानूनी और कानूनेतर निकाय    150
46. पंजाब के हिमाच्छादित क्षेत्रें के चुनाव   152
47. मतपेटियों का निर्माण     153
48. अधिनियमों का हिन्दी अनुवाद    154
49. नकली निर्वाचन     157
50. निर्वाचक नामावलियों पर आपत्तियाँ   159
51. राज्यों में निर्वाचन आयुक्त    163
52. निर्वाचक नामावलियाँ     164
53. नकली निर्वाचन     165
54. संविधान का अनुच्छेद 171 (ख)   166
55. निर्वाचन-क्षेत्रें के मानचित्र    167
56. जनजातीय ईसाई और आम चुनाव   169
57. विधि मंत्रलय में अधिकारी वर्ग    170
58. मतदान केन्द्रों की सूची    171
59. कुष्ठ रोग      174
60. लेडी हार्डिंग मेडिकल कालिज    175
61. दाइयों और नर्सों का प्रशिक्षण    177
62. इमेटाइन      178
63. आयुर्वेदिक अनुसंधान संस्थान    179
64. आवास निदेशालय     180
65. कुष्ठ रोगी      181
66. ‘शरणार्थी छोटे दुकानदारों की हड़ताल   184
67. राजस्थान की महिला मतदातओं के संबंध में जयपुर की  186
महिला समिति की याचिका
68. हिंदू तलाक (विवाह-विच्छेद)    187
69. हिंदू द्विविवाह निवारण अधिनियम   188
खंड VIII
(1) भारत में उच्च न्यायालयों से अपीलें   261
(2) लंबित अपीलों का निर्णय करने के लिए प्रिवी कॉंउसिल  263
की न्यायिक समिति की अधिकरिता
(3) फ़ेडरल न्यायालय और प्रिवी कॉंउसिल में विचारित  264
मामलों की संख्या
(4) फ़ेडरल न्यायालय का गठन   266
(5) हिंदू विधि-संहिताकरण समिति का प्रतिवेदन  268
(6) हिंदू धर्मार्थ तथा धार्मिक न्यासों द्वारा आय का गबन  269
(7) गृह मंत्रलय द्वारा नियुक्त किये गये अधिकरणों की  270
संख्या तथा नाम
(8) आयकर अपीलीय अधिकरण का पुनर्गठन या उपांतरण  273
करने का प्रस्ताव
(9) साधरण निर्वाचन    274
(10) अनुसूचित जातियों की सूची   276
(11) निर्वाचक नामावली    278
(12) आयकर अपीलीय अधिकरण   281
(13) विधि मंत्रलय में अनुसूचित जाति के कर्मचारी  282
(14) हिंदू कोड बिल सम्बन्धी सलाहकार समिति  283
(15) संसद सदस्यों के वेतन और भत्ते   285
(16) हिंदू धर्मार्थ तथा धार्मिक न्यासों द्वारा आय का गबन, आम चुनाव  286
(17) आम चुनाव    288
(18) उच्चतम न्यायालय में सरकारी अभिकर्ता    292
(19) मुस्लिम वैयक्तिक कानून  294
(20) संघ के विरुद्ध मामलों में वकीलों की नियुक्ति   296
(21) अनुसूचित जातियों के प्रतिनिधि    297
(22) परिसीमन समिति की रिपोर्ट    297
(23) आम चुनाव     298
(24) दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रें की निर्वाचक नामावली  300
खंड VII
44. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव  304
45. बजट (साधरण) 1952.53  308
46. आंध्र राज्य विधेयक 1953  316
47. संपदा शुल्क विधेयक, 1953  328
48. अंतर्राष्ट्रीय स्थिति   335
49. बैंक विवादों के संबंध में सरकारी आदेज   347
50. अनुसूचित जाति तथा जनजाति आयुक्त, 1953 का प्रतिवेदन   354
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35 खण्ड – I
महाद सत्याग्रह
महाद सत्याग्रह पानी के लिए नहीं, बलिकु मानवाधिकारों
की स्थापना के लिए  3
खण्ड – II
डॉ. अम्बेडकर – महात्मा गाँधीकी बैठकें
1. मेरी कोई मातृभूमि नहीं है   51
2. मुझे उस धर्म पर क्यों गर्व क्यों हो………….  56
3. सनातनियों से गांधीकी और क्या प्रत्याशाएं थीं  58
4. उंची जाति हिन्दुओं के विरुद्ध कानूनी कदम उठाना
जिन्होंने अछूतों का उत्पीड़न किया।   58
खण्ड – III
अछूतों को भारत के राजनीतिक क्षितिज पर लाने और भारतीय लोकतंत्र
की आधारशिला रखने में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की भूमिका   61
खण्ड – IV
कालाराम मन्दिर प्रवेश सत्याग्रह, नासिक और मन्दिर प्रवेश आन्दोलन 173
खण्ड – V
आन्दोलन
1. मैं चरित्र वाला व्यक्ति हूं।  200
2. मूर्ति की बजाय सार्वजनिक पुस्तकालय सर मेहता का
सर्वोत्तम स्मारक होगा।  207
3. सरकारी निकायों को कनवसीर की सहायता करनी चाहिए। 210
4. भाऊराव पाटिल की सं+B41स्था सहायता की हकदार। 211
5. मेरे विरुद्ध शिकायत पूर्णतः आधारहीन है। 212
6. अग्रेषण पत्र। 213
7. मन्दिर प्रवेश की बजाय आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक
सुधार पर अधिक ध+B37यान दें। 216
8. जाति प्रथा के विनाश के सिवाय कुछ भी बहिष्कृत लोगों का
उद्धाशर नहीं कर सकता। 218
9. दूसरे चैम्बर के विरुद्ध दलित वर्ग। 219
10. ‘‘स्मृति’’ धर्म का आधार हटाएं। 223
11. हिन्दुओं को दलित वर्गों के धर्म परिवर्तन से तटस्थ नहीं
रहना चाहिए। 227
12. धर्म परिवर्तन की दशा में, अधिकार प्रभावित नहीं होते। 232
13. धर्म परिवर्तन का आन्दोलन स्वार्थी हेतु से मुक्त होता है। 238
14. स्वतंत्र लेबर पार्टी: दलित वर्गों की भलाई के लिए एक स्रोत। 242
15. भारतीयों की नागरिक स्वतंत्रता। 243
16. किसी अन्य देश में ऐसे मंत्री को पदच्युत कर दिया गया होता। 244
17. समाजवादी अब निष्क्रिय हैं। 246
18. ऐसे संस्थानों को बड़े पुस्तकालयों के रूप में विकसित होने दें। 247
19. धान-ऋणदाय के नियंत्रण और विनियमन के लिए विधेयक। 248
20. मैं सिद्धांत के लिए अडिग रहूंगा और उसके लिए अकेले लडूंगा। 277
21. मंत्रलय सत्ता में चूर प्रतीत होता है। 278
22. भूमि पुत्रें के प्रति अन्याय। 280
23. डॉ. अम्बेडकर की ग्वायर निर्णय को चुनौती। 282
24. मैं श्री जिन्ना से अधिक चिंतित हूं। 293
25. जब बुद्ध ने पशु बली रोकी तो, उनके द्वारा गाय
को पवित्र माना गया। 295
26. महार योद्धा रहे हैं। 299
27. वतनदार महारों, मेंगों आदि की शिकायतों से संबंधित अभ्यावेदन। 27
28. मैं हिन्दुओं की अपेक्षा ब्रिटिश लोगों का अत्यधिक
विरोधी रहूंगा अगर… 332
29. अपमान और विश्वास भंग के रूप में वॉइसराय की
परिषद से दलित वर्गों को बाहर करना। 333
30. सम्पूर्ण भारत में दलित वर्गों के सभी नेताओं का सम्मेलन। 334
31. डॉ अम्बेडकर और यहूदी लोग। 335
32. मैं मंत्रलय के गठन में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं रखता हूं। 338
33. …के समान प्रकृति की तरह हिन्दुत्व एक राजनीतिक विचारधारा है।
34. हम राष्ट्रीय जीवन में पृथक तत्व हैं। 342
35. अनुसूचित जातियों की बस्तियां बंतूस के समकक्ष हों। 344
36. हिन्दुओं ने अनुसूचित जातियों को सदैव हिन्दू समाज
के ‘खूंटे से बाहर’ का समझा है। 345
37. अनुसूचित जातियों का मामला संयुक्त राष्ट्र संघ के
समक्ष प्रस्तुत किया जाए। 351
38. मैं एटली का बयान समझने में किल रहा। 354
39. अछूतों के लिए पर्याप्त उपाय प्राप्त करें। 355
40. भारतीय जनगणना। 358
41. पाकिस्तान की अनुसूचित जातियों को भारत आना चाहिए। 359
42. अनुसूचित जाति के शरणार्थियों की अवहेलना की गई। 362
43. सरकार को निष्पक्ष होना चाहिए। 369
44. अपना प्रकाश स्वयं बनें। 371
45. हिन्दुत्व भारत में सामाजिक विचार का नवीनतम विकास है। 378
46. अनुसूचित जाति का उद्धार घोषणा-पत्र का प्रारूप 380
47. बीमारी के कारण त्यागपत्र नहीं। 398
48. अन्य पार्टियों जिनका उद्देश्य परिसंघ के विरुद्ध
नहीं है, के साथ गठजोड़। 400
49. किसी भी व्यक्ति को अपने मामले में निर्णायक नहीं होना चाहिए। 402
50. चुनाव याचिका। 404
51. महाराष्ट्र में साम्यवादी। 422
52. भूखे लोग रोटी मांगते हैं। 423
53. बुद्ध सेमिनरी बंगलौर में प्रारंभ की जाए। 425
54. लैती की डांवाडोल प्रवृत्ति के कारण भारत से बुद्धधर्म
का लोप हुआ। 427
55. मैं आपका प्राण बचाने के लिए तैयार हूं बशर्तें कि….। 428
56. राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए नहीं होतीं अपितु
लोगों को शिक्षित, जागरूक और संगठित करने के लिए होती हैं। 431
57. ‘बुद्ध और उनका धाम्म’ पुस्तक से संबंधित जवाहरलाल
नेहरू को एक पत्र। 440
58. भिक्खुओं को बुद्ध की सेवा उनके धाम्म के प्रचारक
बनकर करनी चाहिए। 431
59. मुझे विश्वास करता है कि मेरे लोग भारत में बुद्धधर्म
स्थापित करने के लिए हर चीज का त्याग करेंगे। 445
परिशिष्ट
परिशिष्ट – I: क्रूर बल अस्पृश्यता को स्थिर नहीं रख पाएगा। 448
परिशिष्ट – II: मनुष्य की मनुष्य के प्रति अमानवीयता। 451
परिशिष्ट – III: रूढ़िवादिता का उन्माद। 454
परिशिष्ट – IV: पूना संधि की पूर्वसंधया पर गांधी-वल्लभ
भाई की बैठक। 456
परिशिष्ट – V: गोल मेज सम्मेलन और पूना संधि पर टिप्पणी। 460
परिशिष्ट – VI: डॉ अम्बेडकर द्वारा श्री गाँधीकी कड़ी परीक्षा। 467
परिशिष्ट – VII: डॉ. अम्बेडकर अमरीका में विस्तार चाहते थे। 469
परिशिष्ट -VIII: इस समय डॉ. अम्बेडकर को लेखा
विभाग में परिवीक्षार्थी के रूप में कार्य करना चाहिए। 467
परिशिष्ट -IX: अपना ऋण वापस-अदा करने के लिए 471
शीघ्र कार्रवाई करें।
परिशिष्ट – X: धर्म परिवर्तन पर डॉ. बी.आर. अम्बेडकर द्वारा जारी 473
दिनांक 19.06.1936 के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया। 475
वॉल्यूम 35  डाउनलोड करें
36 1. अल्पसंख्यकों की आकांक्षाओं का पता लगाएँ 1
2. इंग्लैंड में डॉ. अम्बडेकर के राजनैतिक मिशन के बारे में “डॉन“ में प्रकाशित समाचार 3
परिच्छेद III
राष्ट्र और इसके लोकतंत्र के निर्माण के बारे में
3. जवाबदेही के बिना प्रांतीय स्वायत्तता अविवेकपूर्ण 6
4. संयुक्त बनाम अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्र 7
5. आश्वासन से गवर्नर को कोई नुकसान नहीं: न ही कांग्रेस को कोई फ़ायदा 11
6. 2यह मात्र पार्टी का कदम है न कि कोई राष्ट्रीय प्रयोजन 16
7. वयस्क मताधिकार लागू करने के लिए हम अविराम संघषर् करेंगे 17
8. संघीय ढ़ांचे के विरुद्ध लामबंदी राष्ट्र के इतिहास में मोड़ 20
9. मतदान की वितरणात्मक प्रणाली 21
10. ग्रेट ब्रिटेन का समर्थन आवश्यक 24
11. भारत का दो भागों में विभाजन रोकने के लिए सद्बुर्धि और 32
राजनीतिमत्ता जागृत होगी
12. अत्यंत अस्पष्ट योजना सलाहकार समिति में डॉ. अम्बेडकर 34
13. सामाजिक समरसता के माधयम से ही हम एक राष्ट्र बन सकते हैं 35
14. सुभाष चंद्र बोस और डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मुलाकात 36
15. कांग्रेस के निर्णय का तात्पर्य गांधीजी की आपत्ति पर डॉ. अम्बेडकर के विचार 37
16. भारतीय संकट के समाधान की डॉ. अम्बेडकर की योजना 39
17. भारतीयों की नियति लोकतंत्र की जीत से जु़ड़ी है 45
18. भारतीय राजनैतिक गतिरोधा को कैसे समाप्त किया जाए 50
19. जिन्ना के भय को दूर करना होगा 52
20. केन्द्रीय सिंचाई तथा जलमार्ग सलाहकार बोर्ड से संबंधित पहला प्रस्ताव 54
21. दोनों गंभीर गलती कर रहे हैं 56
22. सप्रू गलत हैं 60
23. सर्वोत्तम फ़ायदे के लिए महानदी का नियंत्रण एवं उपयोग 62
24. हमें भारत में सभी पार्टियों के बीच सहयोग की 64
25. जब तक ये मुद्दे स्पष्ट नहीं होते, विभाजन के मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं 66
26. भारत सरकार किसी भी रियासत को संप्रभु स्वतंत्र रियासत के रूप 67
में मान्यता नहीं देगी
27. बरार 15 अगस्त को निजाम के पास वापस जाएगा 70
28. यदि खींची गई सीमारेखा प्राकृतिक नहीं होगी तो यह भारत के लोगों 72
की सुरक्षा और संरक्षा को भारी खतरे में डाल देगी
29. विधि के समक्ष भारत के नागरिकों के अधिकार समान हैं एलन कैम्पबेल 75
की डॉ. अम्बेडकर के साथ बातचीत
30. केन्द्र और प्रांतों के लिए एक राजभाषा 77
31. भारत और ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल 78
32. संविधान और संविधानवाद 91
33. भारत के लोग अपने मूल अधिकार पहचानेंगे 96
34. मैं यही कहता हूं कि अडिग और ईमानदार बनो 99
35. ताकत बढ़ाए बिना स्वतंत्र विदेश नीति की बातें करने का कोई औचित्य नहीं 101
36. अमेरिका का झुकाव पाकिस्तान की ओर 102
37. अंग्रेजी को किसी भी कीमत पर बनाए रखें 103
38. सार्वजनिक मामलों में एकतरफ़ा यातायात 104
39. बाढ़ नियंत्रण परमाणु ‘शक्ति का उपयोग 105
40. अखण्ड विशालकाय राज्यों के निर्माण का प्रबल विरोध 108
41. महाराष्ट्र के लिए अम्बेडकर का फ़ार्मूला जनता की आवाज 109
परिच्छेद-IV
संस्थाएं, संगठन और उनके संविधान
42. कार्यकारी परिषद में अनुसूचित जातियों के प्रतिनिधित्व के लिए प्रस्ताव 115
43. केबिनेट मिशन को प्रस्तुत ज्ञापन 119
44. केबिनेट मिशन के साथ डॉ. अम्बेडकर का साक्षात्कार 134
45. डॉ. भीमराव अम्बडेकर और फ़ील्ड मार्शल विस्काउंट वॉवेल के बीच 136
बैठक पर टिप्पणी
46. अछूतों के लिए पृथक बस्तियां 141
47. केबिनेट मिशन के प्रस्तावों के विरुद्ध विरोध पत्र 143
48. केबिनेट मिशन के प्रस्तावों के संबंधा में ए-वी-अलेक्जेंडर को पत्र 147
49. केबिनेट मिशन द्वारा जारी बयान के संबंधा में लॉर्ड पैथिक.लॉरेन्स को पत्र 154
50. लॉर्ड पैथिक.लॉरेन्स द्वारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भेजा गया स्पष्टीकरण 156
51. अम्बेडकर ने चर्चिल को चैम्पियन माना 157
52. बम्बई में हिन्दुओं- अनुसूचित जातियों के बीच संघर्ष 158
53. प्रत्यक्ष कार्रवाई पर संघ कार्यकारिणी का संकल्प केबिनेट मिशन द्वारा 161
निर्दोष साक्ष्य की अनदेखी
54. ब्रिटिश केबिनेट की योजना पर प्रतिक्रियाएं डॅ- अम्बेडकर का चर्चिल को विरोध 168
55. मैं अनुसूचित जाति के अधिकारों के लिए लड़ रहा हूं प्रधानमंत्री एटली को 169
लंदन भेजा गया तार संदेश
56. क्या भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत के अछूतों का प्रतिनिधित्व करती है? 170
57. किसी अन्य की तुलना में, मैं बड़ा राष्ट्रवादी हूँ 187
58. श्री एटली द्वारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर को लिखा गया पत्र 198
59. डॉ.अम्बेडकर का श्री एटली को लिखा गया विरोध पत्र 201
60. हम अधीन तो हो सकते हैं किन्तु हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे 204
61. लार्ड पैथिक.लॉरेन्स द्वारा प्रधानमंत्री श्री एटली को लिखा गया पत्र 206
62. चर्चिल-अम्बेडकर वार्ता 226
63. पृथक निर्वाचन क्षेत्रें की बहाली 227
64. डॉ. अम्बेडकर महसूस करते हैं कि अंग्रेज न्याय करेंगे 228
Dr. B.R. Ambedkar & His Egalitarian Revolution
Part Two
65. बहिष्कृत हितकारिणी सभा 232
66. दलित वर्ग संस्थान 244
67. स्वतंत्र श्रमिक दल 250
68. दल के लक्ष्य 252
69. स्वतंत्र श्रमिक दल 257
70. बंबई में अछूतों के लिए समाज केंन्द्र 280
71. केंद्र के कार्य और गतिविधियां 284
72. अखिल भारतीय अनुसूचित जाति संघ का संविधान 290
परिशिष्ट
73. परिशिष्ट-I अखिल भारतीय अनुसूचित जाति छात्र परिसंघ का गठन 321
74. परिशिष्ट-II हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म में नारी की स्थिति 329
75. परिशिष्ट-III द केबिनेट मिशन 334
76. परिशिष्ट-IV 340
77. परिशिष्ट पूना सत्याग्रह 341
78. अनुसूचित जाति परिसंघ के सत्याग्राहियों को कैद किया गया 343
79. सत्याग्रह आंदोलन का पांचवा दिन 345
80. नागपुर सत्याग्रह 348
81. परिशिष्ट-VI पूना पैक्ट लादकर गांधीने अछूतों का मताधिकार-से वंचित 357
किया ब्रिटिश नेताओं ने गांधीवादी दांवपेजों की कटु आलोचना की
82. परिशिष्ट-VII भारत में पददलितों को अत्याचारियों के हवाले किया गया। 360
83. परिशिष्ट-VIII 367
84. परिशिष्ट-IX राज्यों का क्या होगा 371
85. परिशिष्ट-X 374
86. परिशिष्ट-XI 378
87. परिशिष्ट-XII 384
88. परिशिष्ट-XIII 386
खण्ड – 17
भाग – 2
परिच्छेद – 1
89. धर्म एवं पुरोहितों को समुचित नियंत्रण में लाया जाए। 388
90. बंबई प्रेजीडेन्सी में कानूनी शिक्षा के सुधार पर विचार 390
91. डॉ. अम्बेडकर का सर एस- राधाकृष्णन को उत्तर अतिजीवन्त सिद्धांन्त 404
92. और लार्ड ने – तक कहा 405
93. बम्बई शहर के अस्पृश्नीय कर्मचारी 446
94. क्या गाँधी एक महात्मा है? 448
95. मराठी विद्वान को सहायता-निधि के लिए अपील 453
96. जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ज्ञान ही शक्ति है 454
97. कांग्रेस का अस्पृश्यों को हटाने का प्रयास 455
98. मैं पराजयवादी मानसिकता में विश्वास नहीं करता। 460
99. हमारे विद्यार्थी सीखें एवं नेतृत्व करें 461
100. डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर का ‘मराठा मन्दिर’ को सन्देश 463
101. तब तक न ठहरो जब तक अस्पृश्य पुरुषार्थ न प्राप्त कर ले 465
102. ‘बौद्ध धर्म का सार’ की प्रस्तावना 468
103. भारत की प्राचीन घटनाओं ने निराशावाद को जन्म दिया 471
104. पावती शब्द का अर्थ 472
105. बुद्ध एवं उसके धर्म का भविष्य 478
106. हिन्दू महिला का उत्थान एवं पतनः इसके लिए जिम्मेवार कौन था? 490
107. सन्तों का साहित्य मनुष्य के नैतिक.उत्थान में सहायता कर सकता है। 510
108. सारांश 511
109. दी महारों: वे कौन थे तथा वे कैसे अस्पृश्य बने? 519
110. रिपब्लिकन पार्टी का अर्थ 532
111. ‘बुद्ध एवं उसका धाम्म’ 538
112. राजनीति में प्रवेश के लिए प्रशिक्षण विद्यालय 539
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37 1. 1.1.1927 महान संघर्ष। 1
2. 18.1.1928 किसी व्यक्ति का मूल्य स्वतः सिद्ध और स्वस्पष्ट होता है। 6
3. 13.4.1929 हम एक योद्धा कुल से हैं। 8
4. 14.4.1929 विधायिकाओं के लिए उपयुक्त प्रतिनिधि चुनें। 10
5. 8.8.1930 एक देश, एक संविधान एक और भाग्य की भावना से जुड़े 11
लोग स्वाधीन होने का जोखिम उठाते हैं।
6. 2.9.1930 संवैधानिक सुरक्षा के उपाय और गांरटी सुनिश्चित करें। 56
(टाइम्स ऑफ़ इंडिया)
7. 27.9.1930 वर्तमान से अधिक संगठित और ज्यादा आंदोलित बने। 57
8. 2.10.1930 …अन्यथा उन्नत हिंदू जातियाँ सत्ता में रहेंगी और 58
अल्पसंख्यकों पर शासन करती रहेंगी।
9. 14.8.1931 तुम्हें शक्ति व सम्मान, संघर्ष से मिलेगा। 60
10. 29.1.1932 हिन्दुओं की आगामी पीढ़ियां मेरी सेवाओं को सराहेंगी। 61
11. 28.2.1932 गौतम बुद्ध तथा रामानूज के संघर्ष को सदैव दृष्टि में रखें। 72
12. 7.5.1932 अछूतों को राजनीतिक शक्ति मिलनी चाहिए। 73
13. 21.5.1932 मैं अपने सही उद्देश्य के मार्ग से तनिक विचलित नहीं होऊंगा। 77
14. 24.5-1932 सामाजिक सुधार से पहले राजनीतिक सुधार को प्राथमिकता दें। 79
15. 28.9.1932 अधयात्मिक भोजन से अधिक भौतिक भत्ते पर धयान दें। 80
16. 9.10.1932 अपने हाथ में आने वाली शक्ति को प्रबल में लाओ 81
और उपयोग करो।
17. 28.10.1932 दासता के विचार को त्याग दो। 82
18. 18.2.1933 भाग्य के भरोसे न रहो, अपनी शक्ति में भरोसा रखो। 83
19. फ़रवरी, 1933 करेंगे जो संघर्ष, होंगे वे कामयाब। 84
20. 4.3.1933 ईश्वर या दैविक शक्ति पर आश्रित न हों। 85
21. 23.4.1933 मैं देश के लिए सर्वाधिक संभव शक्ति प्राप्त कर लूंगा। 87
22. 16.12.1934 ऐसे प्रतिनिधि चुनें, जो तुम्हारे हितों का संवर्धन करें। 88
23. 13.10.1935 दुर्भाग्य वश मैं एक अछूत हिन्दू जन्मा था, 91
परन्तु मैं एक हिंदू नहीं मरूंगा।
24. 8.12.1935 मेरी योग्यता व प्रतिष्ठा मेरी कड़ी मेहनत व बुद्धि के फ़ल हैं। 96
25. 11/12.1.1936 हम कहीं भी रहें, हमें अपने कल्याण के लिए संघर्ष करना होगा। 97
26. 13/14.4.1936 हिन्दू धर्म त्यागने का निर्णय लिया है। 99
27. 1.5-1936 मैं सफ़लता के लिए अपनी आत्मा का बलिदान नहीं कर सकता। 100
28. 17.5-1936 तुम्हारी मुक्ति व उन्नति के लिए धर्म परिवर्तन आवश्यक। 102
29. 31.5-1936 मुक्ति का मार्ग क्या है? 107
30. 2.6.1936 … महारों और मांगों के बीच कोई भेद-भाव नहीं। 139
31. 16.6.1936 आपको अपने शर्मनाक व्यवसाय को त्याग देना चाहिए। 141
32. 8.11.1936 किसी षड्यंत्र का शिकार न बनें। 142
33. 30.5-1937 हम अपने दुखों को जारी नहीं रख सकते। 148
34. 31.7.1937 दलित वर्ग से कोई भी मंत्री नहीं है। 149
35. 28.8.1937 हिंदू धर्म के भगवान की पूजा न करें। 150
36. सितंबर 1937 साम्यवादियों ने मजदूरों का शोषण किया है। 154
37. 30.12.1937 शोषकों के विरुद्ध सतर्क रहें। 155
38. 31.12.1937 आत्मसम्मान और आत्मरक्षा आंदोलन के पास खोने के 156
लिए कुछ नहीं है, किंतु पाने के लिए सब कुछ है।
39. 1.1.1938 ईसाई राजनीतिक रूप से पीछे। 157
40. 1.1.1938 अछूतों के उत्थान के लिए कार्य करें। 158
41. 1.1.1938 लोकतंत्र में ऐसे सभी लोगों को सम्मान के साथ 159
सुना जाना चाहिए, जो सुनने लायक हैं।
42. 10.1.1938 किसानों और कामगारों को अपनी गरीबी के 161
कारणों को समझना चाहिए।
43. 15-1.1938 दलित वर्गों के हितों की रक्षा करें। 163
44. 13.2.1938 ट्रेड यूनियनों को अपने हितों की रक्षा के लिए राजनीति 164
में प्रवेश करना चाहिए।
45. 12.2.1938 चरित्रहीन और विनम्रताहीन शिक्षित व्यक्ति जानवर से 184
अधिक खतरनाक होता है।
46. 19.3.1938 अछूतों को स्वयं प्रयास करने होंगे। 185
47. 14.5.1938 शानदार जीवन जिएं। 186
48. 22/23.10.1938 सरकार को दलित वर्गों की चिंता नहीं। 187
49. 25-12.1938 विदेशी साम्राज्यवाद के सामने दुश्मन से लड़ने के 188
लिए संयुक्त राजनैतिक संगठन की जरुरत।
50. 30.12.1938 अपनी शिकायतें मेरे पास भेजें। 191
51. 8.1.1939 उत्तम चरित्र के व्यक्ति बनें। 192
52. 29.1.1939 भारत के राजनैतिक विकास का लक्ष्य क्या है? 194
53. 12.2.1939 गाधँ शी किसी भी रूप में फेडरेशन को स्वीकार करके के पक्षधर। 199
54. 26.2.1939 अपने बच्चों को भयावह जीवन से बचाएं। 200
55. 2.7.1939 मैंने किसी एक विशिष्ट वर्ग के लिए नहीं, बल्कि पूरे 201
समुदाय के लाभ के लिए काम किया है।
56. जुलाई 1939 करों का उपयोग किसानों के हित में किया जाना चाहिए। 203
57. 16.12.1939 महार वतन एक हृदयहीन शोषण है। 204
58. 24.12.1939 सरकार ने दलित वर्गों के लिए कुछ नहीं किया है। 207
59. 26.12.1939 छुआछूत के पाप की जिम्मेदारी हिंदुओं पर है। 208
60. 28.1.1940 सेना में अपनी पूर्व स्थिति पुनः प्राप्त करें। 209
61. 4.2.1940 भारत सरकार अधिनियम और पूना समझौते के अधीन 210
संरक्षण अपर्याप्त हैं।
62. 19.3.1940 हिंदू समाज को अपने युगों पुराने ढांचे को भंग करके 211
आधुनिक रीति नीति पर संगठित होना होगा।
63. 23.2.1941 गांधीके प्रयास अपर्याप्त हैं। 212
64. 28.3.1941 श्रमसाधय प्रयासों के बिना हमारी सामाजिक स्थिति और 213
भी बदतर हो जाएगी।
65. 13.7.1941 आप यह नहीं समझ पाए हैं कि आपके भीतर कितनी जबरदस्त 215
शक्ति है, अपनी-अपनी जबर्दस्त शक्ति को नहीं पहचान सके।
66. 16.8.1941 वतनदारी: महारों के लिए एक अभिशाप। 217
67. अगस्त 1941 महत्वपूर्ण परिवर्तन। 220
68. 24.9.1941 शिक्षित व्यक्तियों को सेना में शामिल होना चाहिए। 221
69. फ़रवरी 1942 मैं अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण अपिर्त कर दूंगा। 223
70. 26.4.1942 आपका उद्धाशर स्वयं आपके हाथों होना चाहिए। 224
71. 2.7.1942 मित्रें के लिए मेरे घर के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे। 228
72. 12.7.1942 समाज के निम्नतम वर्ग का संघर्ष कामगार वर्गों के 229
सभी लोगों की सहायता करेगा।
73. 15-7.1942 जब नींव का सबसे निचला पत्थर हटाया जाता है, तो ऊपर 230
वाले भी हिलने लगते हैं।
74. 18/19.7.1942 यदि लोकतंत्र समाप्त होता है, तो यह हमारा विनाश होगा। 233
75. 20.7.1942 शिक्षित, आंदोलन, संगठित होकर विश्वास रखें और आशा न छोड़ें। 262
76 20.7.1942 समाज की प्रगति का मूल्यांकन महिलाओं की प्रगति के 266
आधार पर किया जाता है।
77. 20-7.1942 मैं अहिंसा और दब्बूपन के बीच अंतर करता हूं। 273
78. 21.7.1942 मैं आपके साथ रहूंगा। 280
79. 22.7.1942 मैं देश की आजादी की अपनी इच्छा के लिए किसी 281
के आगे नहीं झुकता।
80. 23.8.1942 मैं चाहता हूं, शासन की लगाम आपके हाथ में हो। 283
81. 3.11.1942 वर्तमान अव्यवस्था से केवल भारतीयों का अहित। 285
82. 12.1.1943 गैर-ब्राह्मण पार्टी को फि़र से संगठित होना चाहिए। 287
83. 17.1.1943 थलसेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती हों। 288
84. 2.5.1943 गांधीऔर जिन्ना को अवकाश ग्रहण कर लेना चाहिए। 289
85. 10.5.1943 युद्धोत्तर काल में गरीबी सहन नहीं की जाएगी। 292
86. 10.5.1943 श्रमिकों के हाथों में स्वराज आ सकता है। 293
87. 5.12.1943 अधिकारों का उपयोग करने योग्य बनो। 294
88. 31.1.1944 अनुसूचित जातियों को हिंदुत्व त्याग देना चाहिए। 295
89. 26.8.1944 अनुसूचित जातियों के समक्ष प्रश्न है- ‘अभी या कभी नहीं’। 297
90. 20.9.1944 दलित वर्ग हिंदू समाज का अंग नहीं है। 299
91. 20.9.1944 मैं राष्ट्रवाद का विरोधीनहीं हूं, किंतु …. 303
92. 23.9.1944 एकता का महत्त्व सर्वोपरि है। 308
93. 24.9.1944 मैं भारत के देश भक्तों से बहुत आगे था। 310
94. 24.9.1944 भारत का इतिहास बौद्ध धर्म और ब्राह्मण धर्म के संघर्ष 321
के अलावा अन्य कुछ नहीं है।
95. 24.9.1944 गांधीप्रांतीय स्वायत्तता से संतुष्ट थे। 324
96. 28.9.1944 हम इस देश के भाग्य-विधाता हैं। 325
97. 2.1.1945 विद्यार्थी यह देखें कि उपाधि से सकारात्मक ज्ञान भी मिले। 327
98. 3.1.1945 देश के लाखों गरीबों के लिए संपन्नता की व्यवस्था की नींव रखिए। 329
99. 3.1.1945 आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्था में समाचार-पत्र सुशासन का 330
मूल आधार है।
100. 7.4.1945 अनुसूचित जातियों को संगठित होना चाहिए। (पीपुल्स हेराल्ड) 334
101. 6.5.1945 आदिवासी जनजातियों के लिए एक काननी आयागे होना चाहिए। 335
102. 20.5.1945 भारत की स्वंतत्रता का लक्ष्य निर्विवाद है। 340
103. 3.10.1945 मनुष्य को राजनीतिक दृष्टि से जागरूक बनाने के लिए 342
सुविचारित प्रयत्न कीजिए।
104. 30.11.1945 अगस्त 1942 में सरकार की कार्रवाई न्यायोचित थी। 344
105. 16.1.1946 गांधीजी का इनकार। 345
106. 17.2.1946 अनुसूचित जातियों की मांगे एक निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय 346
न्यायाधिकरण के पास भेजी जाएं।
107. 12.3.1946 दलित वर्ग की उपेक्षा। 349
108. 13.8.1946 अनुसूचित जातियों को जहां का तहां छोड़ दिया गया। 350
(जय भीम)
109. 14.4.1947 मैं अपने लोगों के साथ इस देश के प्रति भी निष्ठावान हूं। 351
110. 25.9.1947 अल्पसंख्यक को हमेशा मनाना चाहिए, उस पर कभी हुक्म 355
नहीं चलाना चाहिए।
111. 14.1.1948 सार्वजनिक भाषण-कला विकसित की जा सकती है। 363
112. 10.4.1948 मनु अथवा याज्ञवल्क्य के देवी कानूनों के कारण, 364
हिंदू समाज कभी अपना सुधार नहीं कर सका।
113. 24/25.4.1948 एक नेता, एक दल, एक कार्यक्रम के अनुसार संगठित हों। 367
114. 16.1.1949 किसी समुदाय की प्रगति हमेशा उसकी शिक्षा पर निर्भर है। 374
115. 11.1.1950 हिंदू कोड बिल, सिविल संहिता की दिशा में एक सही कदम था। 375
116. 11.1.1950 हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत फि़र से गुलाम न बने। 376
117. 27.1.1950 महाराष्ट्रियन राष्ट्र के प्रति अधिक निष्ठावान, अधिक 380
कर्तव्यपरायण हैं।
118. 2.5-1950 धर्म को हर व्यक्ति, विरासत से नहीं, बल्कि तार्किक 381
ढंग से जांचे-परखे।
119. 26.5-1950 नास्तिक लोगों को अष्टांगी (eight-fold) पथ ग्रहण 383
कर लेना चाहिए।
120. 6.6.1950 बौद्ध धर्म से लोकतंत्र और समाजवादी पद्धति के समान का 385
मार्ग प्रशस्त हुआ।
121. 29.9.1950 मैं अपना शेष जीवन बौद्ध धर्म के पुनरुत्थान और उसके 389
प्रसार में लगाऊंगा।
122. 26.12.1950 बिल का उद्देश्य, स्त्रियों की सामाजिक प्रगति का था। 390
123. 12.6.1951 अनुसूचित जातियों को राजनीतिक अलगाव छोड़ देना चाहिए। 391
124. 27.10.1951 मैं उस चट्टान की भांति हूं, जो पिघलती नहीं, बल्कि नदियों 393
की दिशा बदल देती है।
125. 28.10.1951 संसदीय लोकतंत्र के असफ़ल होने से विद्रोह, अराजकता 400
और साम्यवाद का जन्म होगा।
126. 28.10.1951 यदि हमारे प्रतिनिधि नहीं चुने जाएंगे, तो स्वाधीनता एक 407
ढोंग बन जाएगी।
127. 29.10.1951 अपना लक्ष्य पाके के लिए गरीबों को अलग से एकजटु होना होगा। 416
128. 7.11.1951 हमें अपने भाई बंधुओं को बचाना चाहिए। 424
129. 20-11.1951 मैंने इस्तीफ़ा पहले क्यों नहीं दिया। 426
130. 22.11.1951 फ़ेडरेशन एक स्वतंत्र इकाई बनी रहेगी 429
131. 24.11.1951 हिन्दू कोड बिल से स्त्रियों की दशा में सुधार होगा 431
132. 25-11.1951 लोगों का आलसी और उदासीन बने रहना बुरी बात है 432
133. 26.11.1951 लोगों की भलाई के लिए प्रशासन का स्वच्छ होना आवश्यक है 434
134. 23.12.1951 गठबंधन विरोध के लिए 436
135. 31.5.1952 देश का हित मेरे हृदय में सर्वोपरि है 437
136. 28.9.1952 मेरा सम्पूर्ण ध्यान फ़ेडरेशन के लिए भवन निर्माण करने 445
पर केंद्रित है
137. 15-12.1952 विश्वविद्यालय शिक्षा को आधुनिक विश्व की आवश्यकताओं 446
को पूरा करने का जरिया समझें छात्र
138 22.12.1952 लोकतंत्र को सफ़लतापूर्वक चलाने के लिए शर्तें 447
139. 24.12.1952 ज्ञान मनुष्य के जीवन की बुनियाद है 460
140. 25.12.1952 महिलाओं की सामाजिक प्रगति में महिला नेताओं की अरुचि 461
141. 25.12.1952 मैं कड़े कदम उठाऊंगा 462
142. 12.1.1953 उस्मानिया विश्वविद्यालय ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर को 463
सम्मानित किया
143. 15.2.1953 यदि बुद्ध के उपदेशों को आत्मसात नहीं किया गया तो 466
यूरोपीय संघर्ष का इतिहास एशिया में दुहराया जाएगा
144. 2.5.1953 तथाकथित उच्च वर्गों का सफ़ाया हो जाएगा 467
145. 27.5.1953 जब तक वर्ग विहीन और जाति विहीन समाज का निर्माण 468
नहीं होता, भारत में कोई प्रगति नहीं होगी।
146. 3.6.1953 आलोचनाओं से विचलित न हों 469
147. जुलाई, 1953 राजनीति राष्ट्र के जीवन का सर्वस्व और सर्वसमाप्ति 470
148. 16.11.1953 हम केंद्र सरकार के खिलाफ़ भी अखिल भारतीय भूमि 471
सत्याग्रह जारी रखेंगे
149. 24.1.1954 धर्म के नाम पर पैसा बटोरकर बर्बाद करना अपराध है। 473
150. 3.10.1954 मेरा जीवन दर्शन 476
151. 28.10.1954 मैं गौतम बुद्ध, कबीर, महात्मा फ़ुले का भक्त हूं तथा ज्ञान, 477
आत्म-सम्मान और चरित्र का पुजारी हूं
152. 4.12.1954 भारत में बौद्ध आन्दोलन एक रूपरेखा 479
153. 25.12.1954 बुद्ध ही पाण्डुरंग थे 486
154. 5.2.1956 बुद्ध धर्म में और जैन धर्म में अंहिसा के जो उपदेश 487
अलग-अलग दिये गए हैं उनमें अंतर है
155. 12.5.1956 मुझे बुद्ध धर्म क्यों प्रिय है 488
156. 24.5.1956 भारत में बुद्ध धर्म की लहर कभी कमजोर नहीं होगी 490
157. 20.5.1956 भारत में लोकतंत्र का परिदृश्य। 492
158. 15.10.1956 बौद्ध धर्म विश्व का उद्धारक होगा 498
परिशिष्ट
परिशिष्ट-I डॉ. बी.आर. अम्बेडकर द्वारा धार्मांतरण की घोषणा पर 526
गांधी जी का लेख।
परिशिष्ट-II समता सैनिक दल का संविधान। 533
परिशिष्ट-III खरी खरी बात। 539
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38 1. जन्म आधारित श्रेष्ठता और पवित्रता के कारण गुणहीन ब्राह्मणों का भी 1
कल्याण हुआ है
2. उन्नति में बाधक बनने वालों का निषेध 7
3. सात करोड़ अस्पृश्य हिमालय को जमीनदोस्त कर सकते हैं 11
4. समाज जीवन में निरपेक्ष कर्तव्य भावना से संघर्ष करना चाहिए 13
5. घनघोर संग्राम करने पर ही मनुष्यता वापिस मिलेगी 24
6. मै अपनी अंधी जनता की लाठी हूं 30
7. जागृति की ज्योत को कभी भी बुझने न दें 32
8. राज्य का अभिमान न हो तो राज्य टिकता नहीं 48
9. अपना उद्धार करने के लिए खुद ही कमर कसनी चाहिए 50
10. हमें निडर और स्वाभिमानी लोग चाहिएं 51
11. महार जाति पर स्वार्थी होने का आरोप निराधार 53
12. हमें मिसाल बनानी चाहिए कि हम किसी से कम नहीं 57
13. बहिष्कृत छात्रों के कर्तव्य निभाने पर ही बहिष्कृत समाज का भवितव्य 58
निर्भर करता है
14. अस्पृश्यता और सत्याग्रह की सफ़लता 60
15. अस्पृश्यों की उन्नति की आर्थिक बुनियाद 79
16. अधिकारों की रक्षा के लिए सज्ज हों 92
17. महाड सत्याग्रह परिषद 94
18. अस्पृश्य होते हुए भी अस्पृश्यों के आंदोलन में सहभागी न होना लांछन है 129
19. अस्पृश्यों की उन्नति और महिलाओं की जिम्मेदारी 132
20. बदले हालात का खयाल रखें 136
21. स्पृश्यों को अस्पृश्यों के बजाय स्पृश्यों को उपदेश देना चाहिए 138
22. अस्पृश्यता जातिभेद की पैदाइश है 140
23. इसी जन्म में सर्वांगीण उन्नति करनी होगी 144
24. अपने हक प्रस्थापित करने के लिए हमले की नीति अपनाए 145
बगैर कोई चारा नहीं
25. गुलामी की व्यवस्था को नष्ट कर बुरे रीतिरिवाजों को तिलांजलि दो 150
26. आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का कोई पर्याय नहीं 154
27. मुंबई इलाके की प्राथमिक शिक्षा की प्रगति 157
28. इंसानियत के अधिकार के लिए अत्याचार के खिलाफ़ विद्रोह करें 163
29. अस्पृश्यों द्वारा दिया गया धर्म परिवर्तन का नोटिस 165
30. सभी अस्पृश्यों को हम समान मानते हैं 167
31. मजदूरों की कोई जाति नहीं होती कहने वाले स्पृश्य नेता इसका जवाब दें 169
32. सिर्फ शिक्षा पाने से योग्यता हासिल नहीं होती 173
33. अखंड भारत हमारा ध्येय है 178
34. देश के स्वराज का मैं समर्थन करता हूं 222
35. जब तक इस देश में अंग्रेज सरकार है, हमारे हाथ में सत्ता आना संभव नहीं 228
36. भारत का सुरक्षा विशिष्ट जातियों तक सीमित न होकर सभी जनता के 237
लिए हो
37. मैं (बेढंगे) विचित्र देशभक्तों की तरह नहीं हूँ 239
38. स्वराज में अस्पृश्य जनता समान अधिकारों के साथ रह सके 244
39. निश्चय के साथ लड़ी सम्मान की लड़ाई में ही अपने आंदोलन की 248
सफ़लता है
40. अस्पृश्यों को आपस में भिड़ाने वाले हितशत्रुओं की कारस्तानी पहचानिए 251
41. कठिन स्थितियों से संघर्ष करके ही समाज की उन्नति की जा सकती है 255
42. दुनिया में व्याप्त गुलामी की सभी पत्तियों में अस्पृश्यता भयंकर और भीषण  है 256
43. अस्पृश्य महिलाएं सर्वांगीण सुधार के लिए प्रयत्नशील रहें 258
44. लडाई अगर कांटे की हो तो भी उसे पार लगाने की जिम्मेदारी 260
अपनेपन की भावना के साथ निभाए
45. अपने लोगों के हितसंबंधों का मैं खुद प्रतिनिधि हूँ 262
46. देश की एकता के लिए संगठन जरूरी है 266
47. स्वाभिमान और आजादी का दीप कभी ना बुझने दें 271
48. स्वावलंबन के लिए अखबारों की जरूरत 275
49. फ़ूट डालने वाली नीति का मैंने अपने पर असर नहीं होने दिया 276
50. किसी के भी बहकावे में आपस में फ़ूट न पड़ने दें 279
51. अस्पृश्य समाज के हाथों में राजनीतिक सूत्र होना जरूरी है 280
52. अपने पैरों पर खडे़ रहने के अलावा युवाओं के सामने कोई रास्ता नहीं है 288
53. भगवान के दर्शन के बिना कोई मरता नहीं 289
54. आज हमारा संघर्ष राजनीतिक सत्ता के लिए है 291
55. अस्पृश्य समाज के लिए शिक्षा के प्रसार की बेहद जरूरत है 295
56. अपके लोगों के न्यायपूर्ण अधिकारों के लिए लड़ते हुए अगर किसी के रास्ते 298
के लालटेन लगाने के खंभे पर फ़ांसी चढ़ाया तो भी मुझे उसकी परवाह नहीं
57. पूना (पुणे) समझौता बंधनकारी मान कर स्पृश्य बंधु कार्य करे 351
58. मंदिर जाने से आपका उद्धार नहीं होगा 354
59. भोलीभाली कल्पनाओं के कारण मृत्युलोक का जीवन कष्टकारक हुआ है 358
60. पढ़े-लिखे लोग छुआछूत को खत्म करें 362
61. परंपरा से चले आ रहे कामों को छोड़, शिक्षा पाने की कोशिश करें 363
62. आपसी भेदभाव को मिटाना ही ठीक है 365
63. एक होकर रहें तो भावी राजनीति अपनी गुलामी को खत्म करेगी 367
64. भाग्य पर भरोसा करके ना बैठिए, जो करना हो वह अपनी भुजाओं के 369
बल पर करिए
65. कोकणस्थ, देशस्थ का भेद मुझे मंजूर नहीं 373
66. लोगों की धर्म भीरूता का फ़ायदा उठाने वालों से चौकस रहें 375
67. छात्रवस्था में ही अपनी योग्यता बढ़ाएं 381
68. नकली और स्वघोषित नेताओं से सावधान रहें 383
69. तुम्हें ही अपनी जिम्मेदारियों को पहचानना होगा 386
70. जातिभेद नष्ट किए बगैर उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ना असंभव है 389
71. कूपमंडूक मानसिकता को त्याग कर सार्वजनिक कार्यों के लिए चंदा दें 391
72. अंग्रेज सरकार इस देश में कुछ नहीं करती है 393
73. बुद्धि का उपयोग रोटी, शिक्षा और राज्य की सत्ता पाने के लिए हो 398
(वसई के सोपारे गांव में दिया भाषण)’
74. हिंदू समाज अपनी शक्ति का उपयोग ईमानदारी से समाज सुधार 401
के लिए करे
75. कितने दिनों तक गुलामी का अपमान सहें? 403
76. गरीब छात्रों की शिक्षा के लिए पैसों का उपयोग करना बेहतर होगा 413
77. अस्पृश्य हिंदू के रूप में पैदा हुआ, लेकिन मैं हिंदू के रूप में नहीं मरूंगा 414
78. जो धर्म इंसान के साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता उसे धर्म कैसे 418
कहा जाए?
79. धर्म परिवर्तन से सभी अल्पसंख्यकों का कल्याण होगा 424
80. सभी को दृढ़निश्चय और संगठित होकर आगे बढ़ना है 431
81. आप गुलामों की तरह जीना चाहते हैं या आजाद इंसानों की तरह 433
जीना चाहते हैं?
82. आंदोलन का फ़ायदा सभी अस्पृश्यों को हुआ 442
83. वोट बेचना अपराध तो है ही साथ ही वह आत्मघात भी है 444
84. हम सात करोड़ अस्पृश्य एक साथ धर्मांतरण करेंगे 452
85. राजनीतिक सत्ता का उपयोग न्यायपूर्ण और उदार बुद्धि से करना होगा 453
86. सैंकडों साल प्रतीक्षा करने के बाद भी, जो कार्य नहीं हो पाता, वह इन 456
दस सालों में हुआ है
87. जिस धर्म में समता, प्रेम और अपनापन नहीं, वह धर्म, धर्म ही नहीं है 458
88. अपने मिट्टी के मोल जीवन को सोने जैसे दिन प्राप्त हों, 460
इसलिए धर्मांतरण की आवश्यकता है
89. ‘मुक्ति कोन पथे?’ 465
90. आज साधुता का केवल ढांचा बचा है 507
91. अपनी पार्टी के लायक उम्मीदवार को ही चुन कर विधिमंडल में भेजें 513
92. धर्म परिवर्तन से अस्पृश्यों को समानता का अधिकार प्राप्त होगा 518
93. बहनों, समाज पर बट्टा लगाने वाले धंधे से मुक्त हो जाओ 529
94. इस बार हमें बडा समंदर पार कर जाना है 533
95. अंधे और स्वार्थी नजरिए से पूरे समाज का नुकसान होगा 536
96. जिस पेड़ की छांव में सुखपूर्वक बसना है, उसकी डालें तोड़ने की 540
क्रूरता ना करे
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39 97 16.1.1937 ये पद सम्मान के नहीं, कुछ कर दिखाने के हैं 1
98 24.1.1937 पक्ष, लक्ष्य और सिद्धांत न होने वाले त्रिशंकु
उम्मीदवारों को ना चुनें 9
99 25.1.1937 जाली दस्तावेज बनाने वाले क्या गरीबों, खेतीहरों,
मजदूरों का कल्याण करेंगे? 15
100 25.1.1937 सावधानी बरतें, बहकावे में ना आएं 19
101 30.5.1937 चुनाव जीतने भर से आंदोलन का काम पूरा हुआ
ऐसा ना समझें 21
102 20.7.1937 अनुशासन और संगठन हमारे पक्ष के लक्ष्य हैं 27
103 31.7.1937 साम्राज्यवाद से हजारों गुना बुरा है ब्राह्मण 29
104 14.8.1937 संगठन बना कर स्वतंत्र लेबर पार्टी को बलवान बनाओ 35
105 23.8.1937 प्रांत मंत्रीमंडल प्रांत की बुद्धि का अलौकिक भंडार हो 39
106 28.8.1937 ऐसे भगवानों की पूजा क्यों करें? 42
107 6.11.1937 काननू ऐसे बनवाले कि बहुजन समाज के साथ अन्याय न हो 45
108 7.11.1937 मैंने जो कमाया है वह पूरे अस्पृश्य समाज के लिए है 52
110 14.11.1937 अपने अस्तित्व को स्वतंत्र रखे बगैर दुख व्यक्त
नहीं किया जा सकता 53
111 20.11.1937 नेताओं की मृत्यु के बाद भी समाज कार्य चिरकाल
तक निरंतर चलता रहे 55
112 31.12.1937 जातिभेद के कारण ही अस्पृश्य समाज में एका नहीं है 58
113 31.12.1937 जुल्म ढाने वालों का मुकाबला करने के लिए तैयार रहें 61
114 1.1.1938 राजनीति की गाड़ी खींचते हुए ध्यान रखें कि 66
उसका पहिया आपको कुचल न दे
115 10.1.1938 क्या कभी सांप-नेवला, चूहा-बिल्ली के बीच
दोस्ती हो सकती है? 68
116 18.1.19388 राष्ट्रीय एकता की भावना का विनाशक है
हिन्दु-मुस्लिम विभाजन 74
117 12.2.1938 चातुर्वर्ण्य के कारण हिन्दुस्तान की अवनति
और पतन हुआ है 76
118 12/13.2.1938 आजादी, समता, बंधुभाव पर आधारित नई
पद्धति श्रमिक संगठनों का लक्ष्य हो 81
119 12.2.1938 शील और सौजन्य के अभाव में शिक्षित
व्यक्ति हिस्र पशु से भी क्रूर और डरावना होता है 103
120 25.2.1938 गरीबों के पेट पर लात मारने वाली सरकार
का सत्ता से हटना ही बेहतर है 107
121 7.3.1938 अपराधी को सुनाई सजा स्थगित करना यानी
सजा को रद्द करना ही होता है 111
122 19.3.1938 सत्याग्रह की सफलता का श्रेय सबका है,
मुझ अकेले का नहीं 116
123 27.3.1938 अमीरों के धान से अगर पार्टी का कामकाज
चलेगा तो पार्टी की विशिष्टता खत्म हो जाएगी 119
124 1.4.1938 सामाजिक उन्नति का कारण है बदले हुए हालात 121
125 4.4.1938 हम पहले और आखिर में भी केवल भारतीय
हैं इस सोच को अपनाएं 122
126 20.4.1938 अपने पवित्र मत बेचें नहीं, उन्हें सत्कार्य में लगाएं 124
127 20.4.1938 औरों पर निर्भर रहना यानी एक बार फिर
पेशवाई वाला मटका गले में लटकाना होगा 126
128 27.4.1938 दंगों पर नियंत्रण के लिए कड़े उपाय करना जरूरी 127
129 10.5.1938 चुने गए लोग अपना काम करते हैं
या नहीं इस पर ध्यान रखें 129
130 11.5-1938 …तो अपनी अलग यूनियन बनाएं 131
131 14.5-1938 अपने न्यायपूर्ण अधिकार पाने के लिए युवाओं को अपनी जान
न्यौछावर करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए 133
132 15.5.1938 बहुसंख्यक किसान और मजदूर वर्ग को देश का
असली सत्ताधारी वर्ग बनना चाहिए 137
133 16.5.1938 जीवन में सर्वोच्च स्थान पाने की महत्वाकांक्षा पालिए 141
134 20.5.1938 जमींदारी खत्म करने का बीड़ा मैंने उठाया है 144
135 21.5.1938 अपनी पार्टी के सदस्य बनें, अपनी पार्टी की ताकत बढ़ाएं 146
136 22.5.1938 आपसी फूट के कारण काम नहीं बनते 148
137 17.6.1938 ब्रह्ममदेव भी चाहें तो हमारी राजनीतिक उन्नति
रोक नहीं सकते 150
138 19.6.1938 औरों का मुंह ताकने वालों का काम अधूरा रह जाता है 155
139 4.8.1938 महाराष्ट्र के लोग क्यों पिछड़ जाते हैं? 158
140 5-8.1938 गंदगी जिन्होंने फैलाई वही उसे साफ करें 164
141 19.9.1938 लंबे समय तक मेहनत और कोशिश करने से ही
सफलता मिलती है 168
142 15-9.1938 जनतंत्र की विंडबना है कामगारों को बंधक बनाना 176
143 16.10.1938 पूंजीपतियों की कृपा से मेहनतकशों का कल्याण
होना असंभव है 190
144 22/23.10.1938 जब महात्माजी से मेरी मुलाकात हुई थी…. 192
145 26.10.1938 राजनीति में बोला हुआ तुरंत भूल जानाश चाहिए 197
146 6.11.1938 मालिकों-मजदूरों के झगड़े मिटाने वाला कानून
असल में मजदूरों का बेड़ा गर्क करने वाला कानून है 200
147 7.11.1938 हर हाल में मजदूरों के प्रतिनिधियों को ही चुनना होगा 203
148 3.12.1938 स्वतंत्र लेबर पार्टी का प्रभाव 205
149 12.12.1938 बेलिफ मेरी किताबों को छू भी ले तो मैं उसे
गोली मार दूंगा 207
150 6.1.1939 स्वराज यानी स्वतंत्रता, इंसानियत और समान अधिकार 211
151 8.1.1939 समता सैनिक दल का सैनिक निर्भय योद्धा ही तो है 214
152 30.1.1939 रियासतों का संविधान दोबारा लिख कर
पूरे हिंदुस्तान को व्यापने वाली नागरिकता
के निर्माण की जरूरत है 219
153 21.2.1939 शराब पर पाबंदी लगाने से अधिक महत्वपूर्ण
है शिक्षा का मसला 223
154 26.2.1939 जिलावर आंदोलनों से संगठन शक्ति कमजोर हो जाएगी 228
155 21.3.1939 साम्राज्यशाही, पूंजिपतियों की सत्ता, जमींदारशाही
और मध्यवर्गीय हिंदी व्यापारियों के दबावों से
राष्ट्र को मुक्त करना ही संपूर्ण स्वतंत्रता पाना है 230
156 2.4.1939 सभी राजनीतिक दल एक होकर हिंदी राजनीति
की धुरा सम्भालें 231
157 23.4.1939 बाड़ों में बंद रहने वाले जानवरों से रियासतों
के लोगों की स्थिति अलग नहीं 232
158 18.6.1939 इमारत फंड में अपनी एक महीने की तनख्वाह दें 236
159 2.7.1939 धार्मांतरण का एक उद्देश्य है अस्पृश्यों में
व्याप्त जातिभेद को नष्ट करना 238
160 12.7.1939 कर बढ़ाकर होने वाली आय पर किसका हक? 241
161 26.10.1939 आजादी का मतलब यह कतई नहीं हो सकता
कि उच्चवर्णियों को आजादी और हम पर अधिराज्य 243
162 16.12.1939 न्यायपूर्ण अधिकार पाने के आड़े सरकार
आए तो विद्रोह करो, लेकिन अन्याय न सहो 246
163 24.12.1939 युवकों, निर्भंय बनो स्वाभिमान डिगने न दो 252
164 25-12.1939 सभी पिछड़ी जातियां एकजुट होकर काम करें 255
165 26.12.1939 अन्याय करनेवालों को स्वराज मांगने का
कोई अधिकार नहीं 257
166 26.12.1939 स्वराज आपका और राज हम पर! 258
167 30.12.1939 जनतांत्रिक प्रणाली से हिंदुस्तान को परहेज क्यों? 262
168 30.12.1939 शाहू छत्रपति ने ब्राह्मण्य का किला ढहा दिया 267
169 31.12.1939 मेरे बाद भी अपनी एकजुटता कायम रखना 271
170 2.1.1940 युद्ध के बाद हिंदुस्तान के सामने बड़ी-बड़ी
समस्याएं उपस्थित होंगी 272
171 3.1.1940 महारों की काफी जमीन और महारों की बस्ती
गुलामी की ही निशानियां हैं 274
172 28.1.1940 सेना में भर्ती होकर सम्मान के पद हासिल करो 277
173 4.2.1940 देश हित के लिए निजी हित त्यागने को मैं तैयार हूं 278
174 19.3.1940 राजनीतिक आजादी पाते ही जनता का कल्याण
होगा यह भ्रम है 281
175 19.3.1940 मेरी राय में व्यवहार कुशलता और चारित्रिक
संपन्नता ये दो महाराष्ट्रीय लोगों के गुण हैं 292
176 14.7.1940 छापाखाना और ‘जनता’ पत्रिका स्वतंत्र लेबर
पार्टी के सहारे बढ़ रहे वृक्ष की जड़ें हैं 296
177 28.7.1940 निश्चय और निष्ठा के साथ चुपचाप कार्य
करने वाले कार्यकर्त्ता चाहिए 297
178 26.8.1940 आंदोलन का प्रभावी साधन हैं अखबार 299
179 22.9.1940 दूरदृष्टि और बचत इन दो गुणों को भावी पीढी़ संजाए 301
180 10.10.1940 अस्पृश्यों से प्राप्त धान से ही आंदोलन के
लिए भव्य इमारत बनाइए 302
181 1.11.1940 …तो गांवों के अन्याय पीड़ित लोगों की
मदद की जा सकती है 303
182 23.11.1940 सार्वजनिक कामों के लिए एका जरूरी 306
183 24.11.1940 अभी कोंपलें निकली हैं, यह संकेत है कि फल आएंगे 309
184 7.12.1940 …ऐसा भेदभाव अधाःपतन की ओर से जाएगा 312
185 15-2.1941 बच्चों को पढ़ाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना 316
186 23.2.1941 मैं पूछता हूं अस्पृश्य गवर्नर क्यों नहीं हो हो सकता? 319
187 11.5.1941 कुत्ते की नहीं, इंसान की मानसिकता अपनाएं 324
188 17.5.1941 आपका स्वार्थ त्याग और साहस अपूर्व है 327
189 13.7.1941 लड़के-लड़कियों को पढ़ाइए परंपरागत
कामों में उलझा कर ना रखें 328
190 16.8.1941 अंग्रेज सरकार ने हमारे लिए क्या किया? 332
191 24.9.1941 अंग्रेजों को बचाने के लिए नहीं, अपना
घर बिखर न जाए इसलिए…. 337
192 11.1.1942 अपनी रक्षा के लिए सुरक्षा बलों का गठन कीजिए 342
193 26.4.1942 कोई और आकर आपको नहीं उबारेगा,
अपने उद्धार के लिए खुद आपको ही कमर कसनी होगी 345
194 18/19.7.1942 जनतंत्र जीवित रहा तो उसके फता जरूर
मिलेंगे, लेकिन अगर जनतंत्र का खात्मा
हुआ तो विनाश अटल है 348
195 20.7.1942 शिक्षित बनो, आंदोलन करो, संगठित हों,
आत्मविश्वास बनाए रखो, कभी धीरज
ना खोना-यही हमारे जीवन के पांच सूत्र हैं 366
196 18/19.7.1942 ब्राह्मणवाद पर प्राणघातक वार 369
197 20.7.1942 महिलाओं की उन्नति पर ही समाज की
उन्नति निर्भर करती है 372
198 20.7.1942 राजनीतिक समता के लिए जरूरी है
स्वतंत्र राजनीतिक अधिकार 373
199 21.7.1942 तीन बातें मैं होने नहीं दूंगा 376
200 16.5.1943 केवल स्वराज मिलने में फायदा नहीं,
महत्वपूर्ण यह भी है कि वह किसके हाथ में रहेगा? 377
201 16.5.1943 …जो सुसंस्कृत और सुखी जीवन प्राप्त
होने का व्यक्ति का मूलभूत अधिकार प्रस्थापित होगा 378
202 17.9.1943 सरकार पर कब्जा करना कामगारों का लक्ष्य हो 379
203 30.1.1943 हर जगह समता सैनिक दल की शाखाएं
स्थापन कर अपनी शक्ति बढ़ाएं 385
204 30.1.1944 सत्ता के समान विभाजन के बगैर स्वराज क्या मतलब? 387
205 20.9.1944 किसी भी अन्य समुदाय से बढ़कर
अस्पृश्यों को आजादी के बारे में आत्मीयता है 391
206 22.9.1944 मालिकों के अधिकतम मुनाफे की सीमा
निर्धाशरित करने की नीति केन्द्र सरकार को अपनानी चाहिए 395
207 22.9.1944 ऐसी आजादी के लिए लड़ना पड़े तो मैं हमेशा तैयार हूं 396
208 23.9.1944 भारत के भावी संविधान में श्रमिकों के
राजनीतिक अधिकारों को प्रधानता देनी होगी 400
209 24.9.1944 बुद्धिवाद ही हमारे धार्मिक, सामाजिक
और राजनीतिक जीवन की बुनियाद होनी चाहिए 401
210 24.9.1944 सत्ता में होने के बावजूद गैर-ब्राह्मण पक्ष
ब्राह्मण्य को खत्म नहीं कर पाया 403
211 24.9.1944 शासक समुदाय बनना ही हमारा लक्ष्य और आकांक्षा 406
212 26.9.1944 युद्ध के बाद तानाशाही स्थापित न हो 414
213 26.9.1944 ब्राह्मणों के जातिभेद के बीज के कारण
गैर-ब्राह्मण मानवी सद्गुणों से वंचित रहे 415
214 28.9.1944 पार्टियों और जातियों के आपसी सहयोग
से ही राजनीतिक पेंच हल होंगे 417
215 29.11.1944 बुद्ध ने वेदों पर हमला बोला इसी कारण
शूद्रों का सेवा धर्म गया और वे शासक बने 419
216 2.1.1945 शिक्षा की जगह छात्रें का राजनीति में
दिलचस्पी लेना शिक्षा का पतन है 422
217 4.1.1945 सत्ता किसी की भी हो, दलितों के दमन की
ही कोशिश होगी 423
218 6.5.1945 अपनी हिम्मत ओर कर्तृता के सहारे देश
के लिए जो करना है वह हम अपने बल पर करेंगे 425
219 6.5.1945 हमें जातीय बहुमत नहीं, राजनीतिक बहुमत चाहिए 435
220 14.5.1945 अस्पृश्य समाज की अपनी सबसे सुन्दर
और उपयुक्त इमारत बने 467
221 3.10.1945 व्यक्ति की आजादी के मूल्यमापन का मूलभूत
माप है राजनीति 469
222 4.10.1945 अपनी उन्नति की खातिर हमें देश को मिलने
वाली सत्ता में शामिल होना चाहिए 472
223 23.11.1945 मजदूरों की बेहतरी के लिए जो रकम जोड़ी
जा रही है धानिक उसका विरोध न करें 485
224. 30.11.1945 मुझे केवल स्वराज नहीं, संपूर्ण स्वराज चाहिए 486
225 30.11.1945 चुनावों के जरिए ही राजनीतिक सत्ता हासिल
की जा सकती है 489
226 6.12.1945 कामगारों के लिए मानवी हक जरूरी हैं 495
227 9.12.1945 शिक्षा के बगैर महत्वपूर्ण पद हासिल नहीं
किए जा सकते 496
228 9.12.1945 अधिकारों के किले अपने कब्जे में हों तो
डरने की जरूरत नहीं 498
229 10.12.1945 अन्याय का विरोध किए बगैर अपना उद्धार
कैसे संभव है? 503
230 12.12.1945 कम्युनिस्टों से सावधान रहें 508
231 23.12.1945 अस्पृश्य लोगों को चुनाव में बेहद सावधान रहना होगा 511
232 27.12.1945 अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए फेडरेशन
को अपूर्व विजय दिलाएं 512
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40 खंड 18, भाग 3
233 14.1.1946 जो लोग करोड़ों लोगों को अछूत और अपराधी मानते हों 1
उन्हें आजादी मांगने का हक नहीं
234 14.1.1946 क्षमतावान न भी हों तो चलेगा, लोग निष्ठावान होने चाहिएं 3
235 15.2.1946 स्वराज्य के लिए मेरा कतई विरोध नहीं, परंतु स्वराज्य में 8
हमें भी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए
236 16.2.1946 राजनीतिक सत्ता में मुख्य पद हासिल करो 12
237 17.2.1946 सिर पर कफ़न बांध कर हम युद्धभूमि में उतरे हैं 15
238 26.3.1946 बात राष्ट्रवाद की, कृति जातिवाद की 24
239 25-6.1946 हम शायद आज लड़ाई हारे लगें लेकिन युद्ध हम 31
जरूर/निश्चित जीतेंगे
240 21.7.1946 इस देश का कोई भी राजनीतिक दल हमारी आजादी की 34
लड़ाई का समर्थन नहीं करता…..
241 5.8.1946 अधिकार हासिल करने के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी 39
242 17.12.1946 समय और परिस्थितियों को अनुकूल बनाया जाए तो दुनिया
की कोई भी शक्ति इस देश को एक होने से रोक नहीं सकती 40
243 फ़रवरी/मार्च1947 सत्य की खोज के लिए मनुष्य को पूरी आजादी मिलनी चाहिए 48
1947
244 12.4.1947 आर्थिक लूट रोकने के लिए राष्ट्रीय समाजवाद का अनुसरण 52
करना ही एकमात्र रास्ता है
245 12.4.1947 प्रोफ्रफ़ेसर अध्ययन, अध्यापन और अनुसंधान के कार्य के लिए 53
समर्पित रहें
246 14.4.1947 देश को आजाद करने की राह में बाधाएं पैदा नहीं करना मेरी 56
नीति है
247 27.5.1947 अस्पृश्य मजदूर बिना किसी की बातों में न आए और अपने 59
संगठन को मजबूत करें
248 22.6.1947 मुझे कार्यक्षम लोग चाहिएं जिनकी क्षमता के बारे में 61
मुझे भरोसा हो
249 7.7.1947 दुनिया के न्यायालय के सामने अंग्रेजों को जवाब देना पड़ेगा 62
250 4.10.1947 समाज के विश्वास का नेता बन कर समाज का सही 64
मार्गदर्शन करें
251 10.10.1947 अल्पसंख्यकों को मनाना ही चाहिए, अधिकार के नाम पर
उन पर अत्याचार न करें 63
252 14.1.1948 राजनीति की लगाम शिक्षा के बगैर हाथ नहीं आने वाली 72
253 18.4.1948 धार्मिक कानून के खिलाफ़ धर्मनिरपेक्ष कानून की लड़ाई में
धार्मिक कानून का पलड़ा भारी हो तो देश का विनाश अटल है 76
254 25.4.1948 मैं पत्थर की तरह मजबूत हूं, पिघलने वाला नहीं, आपका
हाल अलग है, आप ढेले की तरह बिखर जाओगे 78
255 4.11.1948 संविधान के तहत अगर कुछ गलत बातें होती हैं तो
जिम्मेदारी संविधान की नहीं मनुष्य की दुष्टता की होगी 84
256 22.12.1948 काम करना जिन्हें पसंद है उन्हें मौका दें, आपस में झगडें नहीं 114
257 16.1.1949 औरों की हवेली में घुसना बड़ी मूर्खता है, अपनी कुटिया की
रक्षा करें 117
258 21.1.1949 दूसरों पर निर्भर रहने की वृत्ति को त्याग कर
एकजुट हों और संगठन को प्रभावी बनाएं 121
259 21.1.1949 केवल राजनीतिक विकास से जीवन के सवाल हल नहीं होते 125
260 26.2.1949 हिंदू आचारधर्म के जर्जर हिस्सों की मरम्मत के अलावा 127
हिंदू कोड बिल में और कुछ नहीं
261 19ध20.11.1949 अपना भविष्य उज्ज्वल है 130
262 25.11.1949 राजनीतिक दल अपने तत्वों को देश से बड़े मानने लगें तो
आजादी खतरे में आएगी 135
263 11.1.1950 हिंदू कानून को सिलसिलेवार बनाना होगा। 152
264 11.1.1950 विदेशियों की गुलामी अगर दुबारा झेलनी पड़े तो वह 160
आत्मनाश ही होगा
265 27.1.1950 महाराष्ट्र की परंपरा है ईमानदारी, कर्तव्यों के प्रति जागरुकता
और राष्ट्रहित का दृष्टिकोण 168
266 2.5-1950 भारत देश की महानता बौद्ध धर्म के कारण है 170
267 26.5-1950 धर्म प्रसार के लिए बौद्धधर्मी देश त्याग करें 174
268 6.6.1950 बौद्ध धर्म के कई तत्वों को हिंदु धर्म ने आत्मसात किया 176
269 6.6.1950 बौद्ध धर्म ब्राह्मण धर्म के लिए चुनौती है 182
270 6.6.1950 बौद्ध धर्म के अलावा अछूतों के उद्धार का और कोई रास्ता नहीं 184
271 10.6.1950 संविधान की नीति का कड़ाई से पालन करें 186
272 21.7.1950 संगठन से ही राजनीतिक ताकत प्राप्त होगी 188
273 23.7.1950 वकालत पेशे में नीति के मार्ग से चलना चाहिए 190
274 23.7.1950 छात्रों! पराक्रमी और धैर्यवान बनो 192
275 1.12.1950 दीवानी संहिता भारतीय संविधान के मार्गदर्शक सिद्धांतों
पर आधारित होनी चाहिए 193
276 14.1.1951 बौद्ध धर्म फि़र इस देश का धर्म बनेगा 194
277 15-4.1951 अछूत समाज पर होने वाले अत्याचारों का दलित प्रतिनिधि
पर्दाफाश करें 197
278 20.5.1951 बुद्ध ने वर्णाश्रम धर्म नकारा 199
279 1.9.1951 उच्च शिक्षा ही हमारी सभी सामाजिक बीमारियों का इलाज है 202
280 27.10.1951 मैं नदी की धारा मोड़ने वाले मजबूत पहाड़ की तरह हूं 211
281 28.10.1951 हमारे सच्चे प्रतिनिधि अगर संसद तथा राज्यसभा में हों 219
तभी वे हमारे हित में लड़ सकेंगे
282 29.10.1951 देश पर संकट आए तो मुकाबला करने वालों में हम सबसे 227
आगे रहेंगे
283 15-11.1951 किसने योजना बनाई इसके बजाय देखें कि योजना कैसी है 232
284 15-11.1951 दुनिया के राष्ट्रों की राय में फ़ेडरेशन का घोषणापत्र सर्वोत्तम 235
285 17.11.1951 सत्ता में आने वाले हर पक्ष को जनता की संपूर्ण हितसाधना के
लिए ज्योतिबा फ़ुले की नीति और प्रजातंत्रवादी दर्शन के सहारे
ही आगे बढ़ना होगा 236
286 22.11.1951 इकतरफ़ा राजनीति कभी सफ़ल नहीं हो सकती 240
287 24.11.1951 हिंदू कोड बिल पास होना ही चाहिए 248
288 25-11.1951 प्रजातंत्र में विपक्षी दल की बहुत जरूरत होती है 249
289 26.11.1951 सच्चाई को दरकिनार कर कृतज्ञ रहने को मैं मानवी
व्यक्तित्व की हत्या मानूंगा 253
290 19.12.1951 राजनीतिक अधिकारों के प्रति जागरुकता आने पर ही
बड़ी संस्थाओं के साथ लड़ा जा सकता है 257
291 21.12.1951 अल्पसंख्यक समुदायों के बुनियादी अधिकार सुरक्षित
रहने चाहिए 258
292 23.12.1951 जरूरी है कि चुनाव निष्पक्ष हों 260
293 11.5-1952 आर्थिक भार सह कर सरकार कम कीमत पर अनाज
उपलब्ध कराए 262
294 31.5-1952 ….सत्ताधारी पक्ष के साथ मतभेद होने के बावजूद देश का
कभी अपमान नहीं होने देंगे 263
295 14.7.1952 सार्वजनिक फ़ंड का सही उपयोग करें 269
296 20-7.1952 क्या शिक्षित युवा समाज की उन्नति के लिए कुछ करेंगे? 273
297 17.8.1952 संघर्ष के सहारे मैंने अछूतों में ज्वलंत स्वाभिमान जगाया है 275
298 28.9.1952 सार्वजनिक धन के गलत इस्तेमाल जैसा नीच कृत्य कोई 278
और नहीं
299 15.12.1952 विश्वविद्यालयों में भावी जीवन का निर्माण होता है। इस बारे में
छात्रें में सजगता होना जरूरी है 281
300 22.12.1952 प्रजातंत्र में सफ़ल कामकाज के कुछ पूर्व सुनिश्चित शर्तें 284
301 25.12.1952 हक पाने के लिए महिलाएं अपने मन की दुर्बलता को त्याग
कर, कमर कस कर आगे आएं 297
302 25.12.1952 राजनीति से लोगों में आभा और जागृति पैदा होनी चाहिए 301
303 25.12.1952 भारत के हर गांव में दक्षिण अफ्रीका है 302
304 29.1.1953 दलित अपने पर होने वाले अन्याय-अत्याचारों का पूरी ताकत
से विरोध करेंगे 305
305 15.2.1953 बुद्धदर्शन अपनाकर दुनिया युद्ध से परावृत्त हो शांति के
सन्नि) पहुंचेगी 306
306 26.3.1953 ईमानदारी, निष्ठा तथा अनुशासन के पालन से संगठन
ताकतवर बनता है 307
307 27.5.1953 मैंने तय किया है कि अपने जीवन के आखिरी दिन बौद्ध धर्म
प्रसार में बिताउंगा 309
308 29.5.1953 छवि बिगाड़ने वाली पोशाकें ना पहनें 312
309 3.6.1953 चरित्र के बिना केवल शिक्षा की कीमत शून्य है 314
310 .7.1953 हमारे कार्यकर्त्ताओं को चाहिए कि वे राजनीतिक, धार्मिक
और आर्थिक समस्याओं का बारीकी से अध्ययन करें 318
311 9.8.1953 शरे बकें ताकि आपके साथ कोई टकराके की हिम्मत नहीं करगे श 322
312 5.10.1953 अस्पृश्यता नष्ट करने के लिए तत्पर न होने वाले राजनीतिक
दलों से सावधान रहिए 323
313 24.1.1954 सच्चे और श्रेष्ठ धर्म की पुनःर्स्थापना करने का कठिन कार्य
अब भावी पीढ़ी के जिम्मे आन पड़ा है 324
314 31.1.1954 आज देश में नैतिकता बची ही नहीं है, जिस देश की
कोई नीतिमत्ता नहीं उसका भविष्य संकटमय है 326
315 20.4.1954 धर्म की तरह राजनीति में निष्ठा का पालन न किया जाए
तो राजनीति लफ़ंगों का बाजार साबित होगी 328
316 20.4.1954 चुनावों द्वारा सीटें पाना एक साधन है, साध्य नहीं 330
317 21.4.1954 हमारा देश दो राष्ट्रों में विभक्त है – एक उच्च लोगों का
और दूसरा निम्न लोगों का 331
318 25.4.1954 दीपमाला के न बुझने वाले दीपक की तरह हमारा पक्ष छोटा
होने के बावजूद अन्य पक्षों का मार्गदर्शन करेगा 336
319 29.4.1954 आज भी आदिवासी जंगली युग में ही जीते हैं, देश को
आजादी मिलने से उनके जीवन में कोई बदलाव नहीं आया 339
320 2.5.1954 व्यवहार और सिद्धांत में तालमेल न हो तो वरिष्ठ वर्ग के
विनाश में देर नहीं लगेगी 340
321 8.5.1954 आपके बनाए मंदिर में बुद्ध प्रतिमा की प्रतिष्ठापना कीजिए 342
(जनता)
322 1.7.1954 समाज को गुमराह करने वाले नेताओं पर कड़ी नजर
रखना जरूरी है 343
323 26.10.1954 आपकी कुटिया साबुत बची तो लोग आपकी शरण में आएंगे 345
324 28.10.1954 तीन गुरु और तीन उपास्य आदर्शों की कृपा से मेरा जीवन
बना है 349
325 14.11.1954 राष्ट्र की सैनिकी सुरक्षा के लिए जरूरी है कि हैदराबाद
देश की उप-राजधानी बने 356
326 14.11.1954 अधूरी शिक्षा काम की नहीं 360
327 4.12.1954 बौद्ध धर्म दर्शन के बारे में मेरे साथ चर्चा करने वाले किसी
भी प्रकांड पंडित को मैं हराऊंगा 361
328 4.12.1954 ब्रह्मदेश में अस्पृश्यता न होने के कारण ही आप व्यापार
और व्यवसाय में उन्नति कर पाए 364
329 25-12.1954 पढरपूर में बौद्ध धर्म का मंदिर था यह मैं साबित कर सकता हूं 366
330 14.1.1955 हिंदु धर्म में भगवान, आत्मा आदि की जगह है लेकिन मनुष्य
के जीवन के लिए कोई स्थान नहीं 371
331 3.4.1955 तानाशाही और मनुष्य-मनुष्य के बीच भेदभाव करने वाली
संस्कृति ये प्रजातंत्र के दो दुश्मन हैं 379
332 6.5-1955 केवल बुद्ध ने मानव की विवेक बुद्धि को आवाहन किया है 381
333 8.5-1955 बौद्ध धर्म और हिंदु धर्म में जमीन-आसमान का फ़र्क है 389
334 12.12.1955 विद्या, प्रज्ञा, करुणा, शील और मैत्री इन पांच तत्वों के
आधार से हर छात्र अपना चरित्र बनाए 397
335 21.12.1955 मराठवाड़ा के विकास के लिए उचित यही रहेगा कि
मराठवाड़ा आजाद हो 401
336 18.1.1956 मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करना निषेधार्ह 402
337 5-2.1956 बौद्धों तथा जैनियों की अहिंसा में बहुत फ़र्क है 403
338 18.3.1956 रोटी से अधिक महत्व स्वाभिमान का है 404
339 24.5-1956 बौद्ध धर्म की लहर कभी भी लौट नहीं जाएगी 407
340 10.6.1956 आजाद विचारों वाले, आजाद मनोवृत्ति के, निर्भय नागरिक बनें 412
341 23.6.1.956 किसी जमाने में पूरा अफ़गानिस्तान देश बौद्ध धर्मीय था 415
342 14.15-10.1956 बौद्ध धर्म से ही दुनिया का उद्धार होगा 421
343 15-10.1956 मुझे धर्म से बहुत प्रेम है और मैं उसी के लिए
अपनी ताकत लगाऊँगा 460
344 15-10.1956 राजनीति में भक्ति अगर विभूती पूजा की जगह लेती है
तो तानाशाही निर्माण होने का खतरा पैदा हो जाता है 463
345 16.10.1956 बुद्धं शरणं गच्छामि! 471
346 15-11.1956 दुखनिवारण का मार्ग दिवाना बौद्ध धर्म का अंतिम उद्देश्य 472
347 20-11.1956 बुद्ध या कार्ल मार्क्स 474
348 24.या11.1956 ब्रह्म सत्यांजगन्मिथ्या, यह एक बौर्धिक षडयंत्र है 485
349 24.11.1956 हर रविवार के दिन बुद्धविहार में जाना हर बौद्ध धर्मीय
का आद्य कर्तव्य है 489
350 25-11.1956 बौद्ध धर्म हिंदु धर्म की शाखा है यह कहना एक शरारत
और छल-कपट है 493
351 25-11.1956 मनुष्यों के बीच प्रेम, करुणा के यह आधार पर संबंध
जोड़ने वाले बौद्ध धर्म का केंद्रीय सिद्धांत है समता 499
352 3.10.1954 मेरे जीवन का दार्शनिक अधिष्ठान 502
353 12.5-1956 मुझे बौद्ध धर्म क्यों प्रिय है? 504
354 20-5-1956 भारतीय प्रजातंत्र का भविष्य क्या है 506
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